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शनिवार, 19 जुलाई 2025

गुड़ाबांदा:-गुड़ाबांदा में स्वच्छ भारत मिशन कागजों तक सिमटा शेड बने जंगल में.......

रिपोट:-बिसाल


गुडाबांदा :- प्रखंड के आठ पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लास्टिक कचरा पृथकरण शेड का निर्माण कराया गया, जिससे गांवों को साफ-सुथरा रखने की मंशा थी। लेकिन योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। भालकी और फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत को छोड़ बाकी पंचायतों में शेड बनाए गए हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश शेड जंगलों में या पंचायत मुख्यालय से 4-5 किलोमीटर दूर बनाए गए हैं, जहां लोगों का पहुंचना तक मुश्किल है। स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर पंचायत को दो लाख रुपये की लागत से एक कचरा पृथकरण शेड और एक तीन-पहिया कूड़ादान साइकिल प्रदान की गई है। योजना के अनुसार, पंचायत के मुखिया को यह जिम्मेदारी दी गई है कि गांव-गांव बने कूड़ेदानों से कचरा एकत्र कर साइकिल के माध्यम से शेड तक पहुंचाया जाए। फिर जब शेड भर जाए, तो उक्त कचरा चाकुलिया स्थित प्लांट तक भेजा जाए। मुखिया भी असहाय, व्यवस्था अधर में मुखियाओं से जब पूछा गया कि इस व्यवस्था को वे कैसे लागू करेंगे, तो उनके पास कोई ठोस उत्तर नहीं था। मुड़ाकाटी पंचायत की स्थिति तो और भी चिंताजनक है, जहां शेड पंचायत से 5 किमी दूर बनाया गया है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति साइकिल खींच कर कचरा कैसे लाएगा और शेड में कैसे डालेगा? यह पूरी तरह अव्यवहारिक और अव्यवस्थित योजना साबित हो रही है। विभाग का पल्ला झाड़ना जारी पेक्जल एवं स्वच्छता विभाग के कनिष्ठ अभियंता अखलेश सिंह ने बताया कि "हमने हर पंचायत को शेड और साइकिल सौंप दिए हैं। अब यह मुखिया की जिम्मेदारी है कि वे इसे क्रियान्वित करें, लेकिन यह बयान केवल जवाबदेही से बचने का प्रयास प्रतीत होता है, क्योंकि योजना का कोई व्यावहारिक कार्यान्वयन मार्गदर्शन नहीं दिया गया है

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