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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

नवादा गांव - तस्करी का बड़ा खेल बेनकाब

झारखंड: गढ़वा मुख्यालय से सटे नवादा गांव में गुरुवार तड़के पुलिस ने 170 गोवंशीय पशुओं को तस्करी से बचाया। यह कार्रवाई विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की सूचना पर की गई। सूत्रों के अनुसार तस्कर यूपी से गोवंश लाकर कच्चे रास्तों से आगे भेजने की फिराक में थे। रेलवे लाइन किनारे कच्चे रास्ते पर जैसे ही पुलिस पहुंची, पूरा खेल उजागर हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता सोनू सिंह ने दावा किया कि “बरामद मवेशियों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है।” उन्होंने यह भी बताया कि सदर अस्पताल के पास तीन युवकों ने कार्यकर्ताओं से उलझने की कोशिश की। इनमें से दो को पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि एक भाग निकला


थाना परिसर में खड़े हैं बेहाल मवेशी

सुबह से ही मवेशियों को गढ़वा थाना परिसर में खड़ा कर दिया गया है। न चारा, न पानी, 8 घंटे से ज्यादा खड़े रहने के कारण हालत दयनीय हो गई। इस बीच अफवाह फैल गई कि “पशुओं को मुफ्त में बांटा जायेगा।” अफवाह सुनकर बड़ी संख्या में लोग थाना परिसर पहुंच गये। गढ़वा के थानेदार सुनील कुमार तिवारी ने मीडिया को बताया कि “दो युवकों से पूछताछ हो रही है।” बरामद मवेशियों को गढ़वा या डाल्टनगंज गौशाला भेजा जायेगा।





झरिया : पाथरडीह कोल वाशरी विवाद: तीन दिन के संघर्ष के बाद परिवार को मिला न्याय, पत्नी को स्थायी नौकरी

झरिया : पाथरडीह स्थित मिवाना कोल वाशरी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद जादू महतो की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। घटना से आक्रोशित ग्रामीण और परिजन लगातार तीन दिनों तक शव को वाशरी गेट पर रखकर धरने पर डटे रहे। उनकी प्रमुख मांग थी कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और आश्रित को स्थायी नौकरी दी जाए।

धरना स्थल पर पहुंचे डुमरी विधायक जयराम महतो ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा – “अगर मुआवजा दिया गया है, तो नियोजन किसे मिला?” त्रिपक्षीय वार्ता में संतोषजनक जवाब न मिलने पर वे बीच बैठक से ही बाहर निकल गए और प्रशासन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए।

आखिरकार ग्रामीणों और JLKM टीम की एकजुटता रंग लाई। तीन दिन के संघर्ष के बाद प्रशासन ने मृतक की पत्नी को स्थायी नियोजन देने और फॉर्म-3 निर्गत करने की सहमति दी। इसके बाद धरना समाप्त हुआ।

यह घटनाक्रम न केवल जादू महतो के परिवार को राहत देने वाला साबित हुआ, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि कोल बेल्ट के श्रमिकों और ग्रामीणों की आवाज़ को नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं है। जब लोग एकजुट होते हैं, तो न्याय की राह भी आसान हो जाती है।





पटना में दिल दहलाने वाला एक्सीडेंट, पांच कारोबारियों की दर्दनाक मौ’त

पटना: राजधानी पटना में बीती देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में पांच कारोबारियों की मौत हो गई। यह हादसा परसा बाजार थाना क्षेत्र के महोली फ्लाईओवर के नीचे रात करीब 1 बजे हुआ, जब फतुहा से पटना लौट रही कार ने आगे चल रहे ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार ट्रक के अंदर घुस गई और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

डीएसपी पहुंचे स्पॉट पर

पुलिस के अनुसार हादसा इतना भयानक था कि ट्रक ड्राइवर को टक्कर का पता ही नहीं चला और वह कार को करीब 25 मीटर तक घसीटता रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ, जिससे कार में सवार सभी लोग बुरी तरह फंस गए। सूचना मिलने पर परसा बाजार थाना पुलिस और पटना सदर के डीएसपी रंजन कुमार स्पॉट पर पहुंचे। गैस कटर की मदद से कार को काटकर बॉडी को बाहर निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) भेजा गया।

मृतकों के नाम…

मृतकों की शिनाख्त गोपालपुर के 50 वर्षीय राजेश कुमार, 38 वर्षीय संजय कुमार, सिपारा के 38 वर्षीय कमल किशोर, 35 वर्षीय प्रकाश चौरसिया और मुजफ्फरपुर के 30 वर्षीय सुनील कुमार के तौर पर की गई हैं। सभी कारोबारी फतुहा से परसा बाजार होते हुए पटना की ओर लौट रहे थे।

थानेदार ने बताया कि…

परसा बाजार थानेदार मेनका रानी ने मीडिया को बताया कि हादसे में कार में सवार सभी पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। कार ट्रक के अंदर इस कदर घुस गई थी कि बॉडी को निकालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ग्रामीणों की मदद से बॉडी को बाहर निकाला गया और आगे की जांच के लिए PMCH भेजा गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे की जांच शुरू कर दी है।

ड्राइवर की लापरवाही

प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और संभवतः ड्राइवर की लापरवाही को हादसे की वजह माना जा रहा है। पुलिस ट्रक ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है और हादसे के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।



MAS vs IND Hockey Asia Cup: भारत ने रोका मलेशिया का विजयरथ, सुपर-4 में टॉप पर पहुंची मेजबान टीम

बिहार के राजगीर में आयोजित हॉकी एशिया कप के सुपर-4 में भारत ने मलेशिया को हराकर अपना विजयी अभियान जारी रखा। यह भारत की लगातार चौथी जीत है। इससे पहले कोरिया के साथ ड्रॉ खेला था। भारत इस जीत के साथ सुपर-4 में टॉप पर पहुंच गया है। भारत के दो मैच में चार प्वाइंट हो गए हैं।





भारत पर ये टैरिफ यूक्रेन में शांति के लिए', ट्रंप को नहीं भा रही मोदी-पुतिन की दोस्ती; कोर्ट में दिया ये अजीब तर्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अदालत के उस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें उनके ज्यादातर व्यापक टैरिफ को अवैध करार दिया गया था।



अचार खराब होने से बचाना है? अपनाएं ये ज़रूरी टिप्स

घर का बना अचार सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि बचपन की यादों और मां के हाथों का स्वाद भी संजोए रखता है। आम, नींबू, मिर्च या आंवले का अचार हर किसी को पसंद आता है, लेकिन कई बार उस पर फफूंद (खराब) लगने से सारी मेहनत बेकार हो जाती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, अचार में फफूंद लगने की मुख्य वजह गलत स्टोरेज, गंदे बर्तन या हाथों का इस्तेमाल और नमक-तेल की कम मात्रा होती है।

अचार में फफूंद लगने की वजहें:

अचार में सिरका या नींबू की कमी से बैक्टीरिया पनपते हैं।

गीले हाथ या गंदे चम्मच से अचार निकालने पर बैक्टीरिया पहुंच जाते हैं।

बार-बार गर्म और ठंडी जगह पर रखने से जार में नमी बनने लगती है, जिससे फफूंद लग जाती है।


अचार को सुरक्षित रखने के उपाय:

पर्याप्त मात्रा में नमक और सरसों का तेल डालें।

अचार को ठंडी और छांव वाली जगह पर रखें।

समय-समय पर अचार की जांच करें और धूप दिखाएं।

अचार को कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में रखें।


कितने दिन तक सुरक्षित रहता है अचार?

नींबू और आम का अचार 1–2 साल तक चलता है।

हरी मिर्च, गाजर और गोभी का अचार 2–3 महीने के भीतर खा लेना चाहिए।


क्या फ्रीज में रखा जा सकता है?

जी हां, फ्रीज में रखने से हरी मिर्च और सब्जियों वाले अचार जल्दी खराब नहीं होते, जबकि आम और नींबू का अचार सूखी व ठंडी जगह पर रखना बेहतर होता है।






बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्र सरकार ने गठित की इंटर-मिनिस्ट्रियल टीम

 केंद्र सरकार ने जम्मू क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित जिलों का दौरा करने के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल टीम नियुक्त की है। यह टीम हाल की बारिश के कारण हुए नुकसान का आकलन करेगी।



पत्रकारों को धमकाने पर रु. 50,000 जुर्माना, 24 घंटे के अंदर जेल- मोदी

 लखनऊ: भारत में पत्रकारिता संकट के दौर से गुजर रही है।

सच की आवाज को बुलंद करने वाले पत्रकारों पर दिनोंदिन हमले तेज होते जा रहे हैं। भारत को पत्रकारों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक देशों की रैंक में रखा गया है। देश में हर साल सैकडों पत्रकार रिपोर्टिंग करते वक्त अपनी जान गंवा देते हैं। न्यूज कवर करते समय पत्रकारों को डराना-धमकाना आम बात हो गई है।

लेकिन अब पत्रकारों को इस तरह की धमकियां देने वालों की खैर नहीं। अगर अब किसी ने पत्रकारों से अभद्रता की तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी है कि जो पत्रकारों से अभद्रतापूर्वक व्यवहार करेगा या धमकाने की कोशिश करेगा उस पर 

*50 हजार रुपये तक का जुर्माना*

लगाया जा सकता है। साथ ही उसे तीन साल तक की जेल भी हो सकती है, योगी ने कहा कि धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से जमानत नहीं मिलेगी। 

इसलिए पत्रकारों से किसी भी प्रकार की अभद्रता न करें और पत्रकारों को सम्मान दें। पिछले दिनों महाराष्ट्र में मीडियाकर्मियों पर किसी भी तरह की हिंसा या मीडियाकर्मियों एवं मीडिया संस्थानों की संपत्तियों का नुकसान पहुंचाया गया था पत्रकारों पर हमलों के अधिकांश मामले सामने आते ही रहते है। सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अगर किसी पत्रकार को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो उनसे तुरंत संपर्क करे धमकाने वाले व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा जाएगा। सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा पत्रकारों से मान सम्मान से बात करिए वर्ना आपको महंगा पड़ सकता है।






भारतीय क्रिकेटर अमित मिश्रा ने लिया संन्यास, सचिन तेंदुलकर से भी लंबा रहा क्रिकेट का सफर

भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से संन्यास का एलान कर दिया है। 


उन्होंने 25 साल के क्रिकेट करियर को अलविदा कहा। हालांकि, वह अब दुनिया के अन्य टी20 लीगों में खेल सकते हैं।




ट्रेन में REELS देखने को लेकर रेलवे ने लागू किये सख्त नियम

भारत में ट्रेन सफर के दौरान शांति बनाए रखने के लिए रेलवे ने खास नियम बनाए हैं। अब ट्रेन में बिना हेडफोन गाने सुनना, तेज आवाज में वीडियो चलाना या फोन पर स्पीकर ऑन करके बात करना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

रेलवे एक्ट, 1989 के मुताबिक, इस तरह शांति भंग करने पर रेलवे पुलिस यात्री को चेतावनी दे सकती है, उस पर 500 से 1000 रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर उसे ट्रेन से उतारा भी जा सकता है।

रात 10 बजे के बाद नियम और सख्त हो जाते हैं। इस दौरान तेज आवाज में बात करना, गाने सुनना या लाइट जलाए रखना मना है। केवल नाइट लाइट जलाई जा सकती है।

यदि कोई बार-बार नियम तोड़ता है या रेलवे स्टाफ से बहस करता है तो उसके खिलाफ केस दर्ज कर जेल की सजा (6 महीने तक) भी हो सकती है।

रेलवे का कहना है कि इन नियमों का मकसद सभी यात्रियों को सफर के दौरान आराम और शांति देना है।





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