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गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

नागपुर: फर्जी IAS बन ठगती रही नेताओं-कुलपति तक को

एक महिला, कल्पना भागवत, चेहरे पर सादगी, शब्दों में रौब, और पहचान में ‘IAS अधिकारी’ का झूठा ताज। छह महीनों तक वह फर्जी आधार और बनावटी दस्तावेजों के सहारे फाइव-स्टार होटल में ऐसे रही, जैसे कोई सरकारी मिशन पर तैनात उच्चाधिकारी हो। होटल प्रबंधन को उसकी गतिविधियां अजीब लगीं। कहीं कुछ मेल नहीं खा रहा था। बस यहीं से शुरू हुआ वह धागा, जिसे खींचते-खींचते पुलिस ATS और IB तक पहुंची। शक गहराया क्योंकि उसके दस्तावेजों का कोई सिरा किसी असली सरकारी पहचान से मेल ही नहीं खाता था। पुलिस को आशंका है, उसके संपर्क दिल्ली धमाके से जुड़े लोगों से भी हो सकते हैं। यही कारण है कि खुफिया एजेंसियां हर छोटी-बड़ी कड़ी पर नजर गड़ाये बैठी हैं। कल्पना ने नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. शहाबुद्दीन पठान से खुद को IAS बताकर मुलाकात की। प्रभावशाली परिचयों का जाल बुनकर वह उनका विश्वास जीत गई और फिर पैसे ऐंठ लिये। डॉ. पठान ने यह बात पुलिस के सामने स्वीकार भी की है। इसी तरह सांसद के पास कल्पना अधिकारी बनकर गई। मंदिर निर्माण के नाम पर 1 लाख रुपये ले गये। सांसद ने भी अपनी भूल कबूल की, “मैंने उसे अधिकारी समझकर मदद कर दी।” पुलिस को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब कल्पना का संपर्क केंद्रीय मंत्री के कथित OSD डिम्पी देवेंद्र हरजई और उसके अफगान साथी अशरफ से मिलता पाया गया। पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।



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