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गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

संचार साथी ऐप पर केंद्र का बड़ा फैसला, बदली चाल

मोबाइल स्क्रीन की दुनिया में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाले ‘संचार साथी’ ऐप पर सरकार ने अनिवार्यता खत्म कर दी है। दूरसंचार मंत्रालय ने एक्स (X) पर अपनी चुप्पी तोड़ी और जनता को भरोसा दिलाया, यह ऐप सुरक्षित भी है, जरूरी भी, लेकिन अब जबरन फोन में नहीं आयेगा। मंत्रालय ने साफ कहा, सभी नागरिकों को साइबर ठगी से बचाना उद्देश्य था, ऐप को लेकर फैली गलतफहमियों के बाद और बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुये, смартф कंपनियों के लिये प्री-इंस्टॉलेशन अब अनिवार्य नहीं रहेगा। सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि जिन्होंने इंस्टॉल किया है तो हटाना भी आपकी मर्जी। 28 नवंबर को जब आदेश आया था कि 90 दिनों में प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी होगा, उसी वक्त Apple ने कड़ा ऐतराज जताया। कंपनी ने कहा, “यह कदम iPhone यूजर्स की निजता को खतरे में डाल सकता है।” Apple ने सरकार को अपनी चिंता भेजने की बात कही थी और इसके बाद ही राजनीतिक पारा चढ़ गया। विपक्ष ने इसे तानाशाही, जासूसी और निजता पर हमला बताया। प्रियंका गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक, हर तरफ एक ही सुर “सरकार फ्रॉड रोकने के नाम पर नजर रखना चाहती है।” लेकिन लोकसभा में दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ऐप जासूसी नहीं, जागरूकता और सुरक्षा के लिए है, नागरिकों पर नजर रखने की कोई मंशा नहीं है। सरकार का दावा है कि 1.4 करोड़ लोगों ने अब तक ऐप डाउनलोड किया है। रोजाना 2000 से अधिक ऑनलाइन फ्रॉड रिपोर्ट की जा रही है। सिर्फ 24 घंटे में ही 6 लाख नये रजिस्ट्रेशन, जो कि सामान्य से 10 गुना ज्यादा, यह दर्शाता है कि जनता ऐप पर भरोसा कर रही है।



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