सरायकेला :कला अनंत है और यदि कला हृदय से भाव से जुड़ी हो तो स्वत: निखर जाती है। कुछ ऐसे ही कला का निखार सरायकेला कोर्ट की अधिवक्ता अंबिका चरण पाणी को पेंटिंग कला में झलकता है। पेशे से वकील अंबिका की वाटर पेंटिंग कलार को शकुंतलम शिखर सम्मान से नवाजा गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शकुंतलम कला संस्कृति मंच द्वारा बीते 10 से 25 नवंबर तक आयोजित की गई। राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन कला प्रदर्शनी प्रतियोगिता में अधिवक्ता अंबिका चरण पाणी के वाटर कलर से बनी दो पेंटिंग दर्पण सुंदरी और ग्रामीण व्यक्ति का चयन निर्णायक मंडली द्वारा शाकुंतलम शिखर सम्मान के लिए किया गया है। इसके लिए उन्हें पुरस्कार स्वरूप मोमेंटो और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। अंबिका चरण पाणी के पेंटिंग में झलकती है विशुद्ध ग्रामीण संस्कृति की झलक
अधिवक्ता अंबिका वर्तमान में सरायकेला व्यवहार न्यायालय में सहायक एलएडीसी के रूप में कार्यरत है। प्रतिदिन अधिवक्ता के कार्य और विधिक जागरूकता की व्यस्ततम प्रोफेशनल जिंदगी के बाद जीवन के अभिन्न अंग के रूप में जुड़े अपने हाॅबी पेटिंग के लिए समय निकालते हैं। प्रकृति की गोद में प्रतीक के साथ जुड़कर अपनी तुलिका से वास्तविक प्राकृतिक की जीवन में रंग भरने का प्रयास करते हैं। जिसका परिणाम रहा है कि उनके पेंटिंग कला में विशुद्ध ग्रामीण संस्कृति और जीवन की झलक देखी जा सकती है। अधिवक्ता अंबिका चरण पानी की पेंटिंग की अन्य विभिन्न मंचों से भी सामान प्राप्त होता रहा है। अधिवक्ता अंबिका की इस उपलब्धि से क्षेत्र के उनके जानने वालों और अधिवक्ता समुदाय में विशेष खुशी के लहर देखी जा रही है।











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