सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष, एवेंजर कल्ब अध्यक्ष ,क्षेत्र के सक्रिय समाजसेवी मनोज कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं, प्रतिभाओं को प्रोत्साहन एवं सुविधाएं मिलेगी तो निश्चित तौर पर जिले का नाम विश्व में रोशन होता रहेगा. खेल अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं रहा खेल के क्षेत्र में बेहतर भविष्य बनाया जा सकता है. जिले में खेल की असीम संभावनाएं है. उन्होंने कहा कि हमने ऐसे जिले में जन्म लिया, जहां कला, खेल और संस्कृति से जुड़े नामचीन हस्तियां का सानिध्य प्राप्त है जिले की प्रतिभाओं को राष्ट्र स्तर पर सराहा गया जिले को आठ पद्मश्री, कला एवं खेल के क्षेत्रों में सैकड़ो सम्मान मिले है जिले में दीपिका कुमारी जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभा है खेल के माध्यम से सैकड़ो खिलाड़ियों ने जिले का नाम रोशन किया है जिले के विभिन्न प्रखंडों में कई मैदान है लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं है जिला मुख्यालय की बात करें तो एक समय जिले के बड़े मैदान में शुमार सरायकेला फुटबॉल मैदान (SFC ग्राउंड) वर्तमान भगवान बिरसा मुंडा मैदान सरायकेला में एक से बढ़कर एक बेहतरीन खिलाड़ी निकले इस ऐतिहासिक मैदान में राष्ट्रीय स्तर की मोहन बागान वेस्ट बंगाल जैसी टीमों ने खेला है मगर अब खिलाड़ियों के लिए उर्वर मैदान को वर्तमान में इवेंट मैदान बना कर रख दिया गया है । खिलाड़ियों के बेहतरी और विकास के लिए राष्ट्र से संबंद्धित (AFFILIATED) संस्थाएं (भारतीय तीरंदाज़ी संघ को छोड़कर) यहां सक्रिय नहीं है ।भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) भारतीय एथलेटिक्स महासंघ, भारतीय बैडमिंटन संघ, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय बास्केट बॉल संघ, भारतीय क्रिकेट संघ जैसे दर्जनों संगठनों में सरायकेला को स्थान प्राप्त नहीं है जिससे संबंधित खेल संघों में उनकी सक्रियता या उपलब्धि न के बराबर है जिसका प्रतिकूल असर खेल खिलाड़ी और प्रतिभाओं पर पड़ रहा है ।सीमित संसाधन एवं निष्क्रिय खेल संघों के बावजूद सरायकेला-खरसावां जिले की माटी (मिट्टी) खेल व खिलाड़ियों के लिए काफी उर्वर साबित हो रही है. यहां की प्रतिभाओं ने हर खेल में स्वयं को स्थापित किया है. फुटबॉल, हॉकी, तैराकी व एथलेटिक्स में भी जिला की प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा रही हैं.
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पिछले दो दशक में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्पर्द्धाओं में जिले के खिलाड़ियों ने झारखंड के साथ देश का नाम रौशन किया है. तीरंदाजी के क्षेत्र में शोहरत के साथ रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. यदि बुनियादी ढाँचा को दुरुस्त करते हुए, जिला प्रशासन प्रभावी तंत्रों का इस्तेमाल करते हुए संवेदनशीलता के साथ काम करें एवं प्रभावी व्यक्तियों खेल संगठनों को दायित्व दिया जाए तो निश्चित तौर पर खेल एवं खिलाड़ियों का सर्वांगीण विकास के मार्ग प्रशस्त होंगे।
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