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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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बुधवार, 10 दिसंबर 2025

राँची: दोस्ती से प्लानिंग तक हुई जेल में, बाहर निकल ताबड़तोड़ किया कांड

राँची: रातू और आसपास के बाजारों में लगातार चोरी हो रही मोटरसाइकिलों के पीछे की कहानी जितनी साधारण दिखती थी, असल में उतनी थी नहीं। पुलिस की ताजा कार्रवाई ने एक ऐसे गिरोह का राज खोला है, जिसकी नींव किसी अंधेरी गली में नहीं, बल्कि जेल की ऊंची दीवारों के भीतर पड़ी थी। वहीं बनी दोस्ती, वहीं बना प्लान और बाहर आते ही एक के बाद एक वारदातें शुरू।



जेल से निकलते ही बन गया पूरा गैंग

8 दिसंबर को मिली गुप्त सूचना के बाद पुलिस ने जब पंडरा ओपी क्षेत्र से पहले जेल जा चुके राजहंस सिंह उर्फ कारू सिंह को पकड़ा, तो शुरुआत में लगा यह एक साधारण चोरी का मामला है। लेकिन पूछताछ आगे बढ़ी तो कहानी खुली। कारू ने बताया कि जेल में उसकी मुलाकात रंजन महतो, रामू सिंह और घुरन प्रधान से हुई थी। चारों ने वहीं तय किया था कि बाहर निकलते ही साथ काम करेंगे। काम कोई व्यवसाय नहीं, बल्कि चोरी था।

रातू की सड़कों पर निशाना, बाजारों पर नजर

कारू की निशानदेही पर पुलिस ने दो मोटरसाइकिलें बरामद की। इसके बाद बिजुलिया चौक पर वाहन जांच में तीन और बाइक मिल गईं। गिरोह रातू और आसपास के बाजारों की रेकी करता था। मौका मिलते ही बाइक गायब कर देते थे। बरामद वाहनों में वह होंडा साइन भी मिली, जिसे 6 दिसंबर को दलादली सब्जी बाजार से चुराया गया था।

जेल में मुलाकात, बाहर आकर अपराध का गठजोड़

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि चारों आरोपी अलग-अलग मामलों में जेल गए थे। कोई जमीन कब्जा मामले में, कोई हत्या के आरोप में, कोई दुर्घटना के मामले में और कोई चोरी-लूट में। अलग-अलग दुनिया के ये चार लोग जेल में रोज मिलते थे। वहीं उनकी बातचीत अपराध की ओर मुड़ती गई और धीरे-धीरे एक प्लान बन गया। जेल से निकलने के बाद सबने अपना ठिकाना बदल लिया, लेकिन संपर्क नहीं टूटा। रातू और पंडरा क्षेत्र को उन्होंने आसान निशाना चुना। भीड़, बाजार और शाम की अफरा-तफरी उनके लिए सही मौका बन जाती थी।

कारू के धराते ही खुली पूरी कहानी

जब पुलिस ने कारू को पकड़ा, तो उसने बाकी तीन साथियों के नाम भी उगल दिए। इसके बाद बिजुलिया चौक पर चल रही जांच में तीन आरोपी बाइक सहित दबोच लिए गए। सभी ने चोरी की बात स्वीकार की। कारू सिंह के खिलाफ चौपारण और पंडरा ओपी में चोरी और हथियार रखने के मामले दर्ज हैं। रंजन महतो जमीन कब्जा मामले में आरोपी है। रामू सिंह पर हत्या और दुर्घटना से जुड़े गंभीर केस हैं। घुरन प्रधान बीएनएस की धाराओं में नामजद है। यह सिर्फ चोरी का गैंग नहीं, बल्कि ऐसे अपराधियों का समूह था जो खुद को फिर से सक्रिय बनाने की कोशिश में था। चारों अभी पुलिस के शिकंजे में हैं।

ये गाड़ियां हुई बरामद

बरामद बाइकें इस प्रकार हैं:

हीरो होंडा स्प्लेंडर (JH02K-0321)

पल्सर (JH01DJ-8489)

पल्सर (JH05AF-3251)

पल्सर (JH01ATT-0753)

होंडा साइन (JH01CF-9142)

रंग लाई इनकी मेहनत

पूरी कार्रवाई रुरल एसपी पिरवीण पुष्कर के नेतृत्व में डीएसपी अरविंद कुमार के देखरेख में की गई। रातू थानेदार राम नारायण सिंह के अलावा एसआई संतोष यादव, अनुरंजन कुमार, छोटू कुमार, विशेश्वर कुमार, महेश प्रसाद कुशवाहा, एएसआई जुल्फीकार अली, सुनील कुमार सिंह और सशस्त्र बल के जवानों की भूमिका सराहनीय रही।

पटना: डीए बढ़ा, नई योजनाओं को मंजूरी… जानें नीतीश कैबिनेट के 19 अहम फैसले

पटना में मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट बैठक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आई। सरकार ने महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। यह बढ़ी हुई दर 1 जुलाई 2025 से लागू होगी। अब षष्ठम वेतनमान वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 252 प्रतिशत की जगह 257 प्रतिशत DA मिलेगा, जबकि पंचम वेतनमान वालों का DA 466 प्रतिशत से बढ़कर 474 प्रतिशत हो जाएगा। बढ़ा हुआ DA जल्द जारी होने की उम्मीद है। इससे लाखों परिवारों को सीधा आर्थिक फायदा मिलेगा।


तीन नए विभागों का गठन

अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि सरकार ने तीन नए विभाग बनाने की मंजूरी दी है। अब राज्य में कुल 48 विभाग हो जाएंगे।

नए विभाग इस प्रकार हैं:

• युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग

• उच्च शिक्षा विभाग

• सिविल विमानन विभाग


इसके साथ कुछ मौजूदा विभागों के नाम भी बदले गए

• पशु और मत्स्य संसाधन विभाग अब डेयरी मत्स्य और पशु संसाधन विभाग कहलाएगा।

• श्रम संसाधन विभाग अब श्रम संसाधन और प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग बनेगा।

• कला संस्कृति और युवा विभाग का नाम बदलकर कला और संस्कृति विभाग किया गया है।

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा लाभ

बैठक में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत देते हुए डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।

• षष्ठम वेतनमान वाले कर्मचारियों और पेंशनरों को अब 252 की जगह 257 प्रतिशत डीए मिलेगा।

• पंचम वेतनमान वाले कर्मचारियों को 466 की जगह 474 प्रतिशत डीए मिलेगा।

यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी।


युवाओं के कौशल विकास से जुड़ा एमओयू

कैबिनेट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू की स्वीकृति भी दी है। इसके तहत युवाओं के लिए विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम चलाया जाएगा।


नगर निकायों के बिजली बकाया के लिए राशि मंजूर

राज्य के नगर निकायों की पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के बकाया भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई।


एक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी

राज्य खाद्य निगम के पूर्व जिला प्रबंधक सुधीर कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला भी कैबिनेट ने लिया।

वन्यजीव संरक्षण और जैविक उद्यान से जुड़े फैसले

• वाल्मीकि व्याघ्र फाउंडेशन और न्यास के लिए 15 करोड़ रुपये की कॉर्प्स फंड राशि स्वीकृत।

• संजय गांधी जैविक उद्यान के लिए एक नई प्रबंधन तथा विकास समिति और इसका निबंधन कराने की मंजूरी।

राज्य में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर

पहले कैबिनेट की बैठक में सरकार एक करोड़ नौकरी देने की दिशा में कई कदमों की स्वीकृति दे चुकी है। बिहार को टेक्नोलॉजी हब बनाने, डिफेंस कॉरिडोर और सेमीकंडक्टर पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्टों पर काम के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है।

चीनी मिलों को फिर से शुरू करने का फैसला

बिहार में बंद पड़ी 25 चीनी मिलों को दोबारा खोलने की दिशा में भी काम शुरू हो चुका है। इसके लिए भी एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है।

न्यू एज इकोनॉमी और सैटलाइट टाउनशिप योजना आगे बढ़ी

राज्य को न्यू एज इकोनॉमी के तहत एक ग्लोबल बैंकिंग और वर्कप्लेस हब बनाने के लिए शीर्ष समिति के गठन पर भी मंजूरी दी गई। इसके साथ राज्य में 11 सैटलाइट टाउनशिप विकसित करने की योजना को भी कैबिनेट ने सहमति दी है।

बिहार सरकार ने बनाए 3 नए विभाग, रोजगार बढ़ाने की बड़ी तैयारी

पटना में मंगलवार शाम हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार सरकार ने तीन नए विभागों के गठन पर मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में युवाओं को रोजगार देने, पढ़ाई को बेहतर बनाने और विमानन सेवाओं का विस्तार करने पर जोर दिया गया।



कौन से नए विभाग बने

सरकार ने युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और सिविल विमानन विभाग बनाने का निर्णय लिया। इन विभागों के जरिए युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और नौकरी से जुड़े अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही राज्य में एयर कनेक्टिविटी और विमानन सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।


चुनावी वादे की दिशा में कदम

सरकार का कहना है कि इन नए विभागों का गठन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस वादे का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार दिया जाएगा। नए विभाग इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेंगे।


क्यों जरूरी थे ये नए विभाग

अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि अभी 45 विभाग काम कर रहे हैं, लेकिन बढ़ती सरकारी योजनाओं और जिम्मेदारियों को देखते हुए तीन नए विभाग बनाना जरूरी हो गया था। इन विभागों की मदद से काम तेजी से होगा और योजनाओं में प्रभाव बढ़ेगा।


तीन मौजूदा विभागों के नाम भी बदले

कैबिनेट ने कुछ विभागों के नाम भी बदले हैं।


पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अब डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग कहलाएगा।

श्रम संसाधन विभाग का नाम बदलकर श्रम संसाधन और प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग कराया गया है।

कला, संस्कृति और युवा विभाग का नाम अब कला और संस्कृति विभाग हो गया है।

सरकार का दावा

सरकार का कहना है कि यह प्रशासनिक बदलाव रोजगार, शिक्षा और विमानन सेवाओं के विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इससे राज्य में प्रशासन अधिक व्यवस्थित होगा और युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे।

राँची: सीएम हेमंत थपथपा गये U-14 चैंपियंस की पीठ

राँची : झारखंड की अंडर-14 बालक फुटबॉल टीम मंगलवार को विधानसभा पहुंची, जहां खिलाड़ियों ने सीएम हेमंत सोरेन से भेंट की। सीएम ने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और सहयोगी टीम को जीत की बधाई देते हुए कहा कि राज्य के युवा खेल के क्षेत्र में लगातार नई पहचान बना रहे हैं।





सीएम ने खिलाड़ियों के जज्बे की सराहना की

सीएम ने बातचीत के दौरान कहा कि झारखंड में खेल के लिए बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं और सरकार कोशिश कर रही है कि हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को सही मार्गदर्शन और सुविधाएँ मिलें। उन्होंने यह भी कहा कि युवा खिलाड़ी राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं और उनकी मेहनत आने वाले समय में और बड़ी सफलताओं का रास्ता खोलेगी।

SGFI चैंपियनशिप में झारखंड का शानदार प्रदर्शन

यह मुलाकात मध्य प्रदेश के उमरिया में 1 से 6 दिसंबर 2025 तक आयोजित SGFI राष्ट्रीय स्कूली फुटबॉल चैंपियनशिप में झारखंड की जीत के बाद हुई। फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। मैच बराबरी पर छूटने के बाद निर्णय पेनल्टी शूटआउट से हुआ, जहाँ झारखंड ने पंजाब को 6-5 से हराकर खिताब अपने नाम किया। खिलाड़ियों ने बताया कि यह जीत टीम भावना और लगातार अभ्यास की वजह से मिली।

इंडिगो पर DGCA का कड़ा एक्शन, CEO बोले- हमें माफ कर दो

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने इंडिगो एयरलाइन के संचालन पर कड़ा कदम उठाया है। इंडिगो हर दिन लगभग 2,200 उड़ानें चलाती है, जिनमें से अब करीब 110 उड़ानें कम करनी होंगी। DGCA ने एयरलाइन से 10 दिसंबर तक नया संशोधित शेड्यूल जमा करने को कहा है।



विंटर शेड्यूल के मुकाबले कम उड़ानें चलीं

नवंबर 2025 के लिए इंडिगो को प्रति सप्ताह 15,014 प्रस्थान और कुल 64,346 उड़ानों की मंजूरी दी गई थी। लेकिन एयरलाइन केवल 59,438 उड़ानें ही संचालित कर सकी। नवंबर में 951 उड़ानें रद्द की गईं।

इसके अलावा, 403 विमानों के उपयोग की अनुमति के बावजूद इंडिगो अक्टूबर में 339 और नवंबर में 344 विमानों से ही काम कर पाई।

DGCA का निर्देश क्या है

DGCA ने कहा है कि इंडिगो विशेष रूप से अधिक मांग और व्यस्त रूटों पर उड़ानों की संख्या कम करे। किसी रूट पर चल रही एकमात्र उड़ान को बंद करने से बचने का निर्देश दिया गया है।

इंडिगो CEO ने यात्रियों से मांगी माफी

एयरलाइन के CEO पीटर एल्बर्स ने वीडियो संदेश में कहा कि एयरलाइन कठिन समय से गुजर रही है और इसके कारण यात्रियों को परेशानी हुई है।

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर रिफंड दिए जा रहे हैं और यात्रियों का सामान घर तक पहुंचाया जा रहा है। एयरलाइन ने भरोसा दिलाया कि टीम पूरी क्षमता से स्थिति सुधारने में लगी है।

इंडिगो का आकार और उसका महत्व

इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इसके पास 434 विमान हैं और 920 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर है। यह रोज 2,200 से अधिक उड़ानें चलाती है और 3.2 लाख से ज्यादा यात्रियों को यात्रा कराती है।

संकट कब और कैसे शुरू हुआ

इंडिगो की समय पर उड़ान (ओटीपी) पिछले कुछ दिनों में तेजी से गिर गई।

1 दिसंबर को ओटीपी 50%

2 दिसंबर को 35%

3 दिसंबर को 19.7%

4 दिसंबर को 8.5% रह गई

इसके पीछे क्रू की कमी और नए FDTL नियम लागू होना बड़ी वजह बताई जा रही है।

इंडिगो पर इसका असर ज्यादा क्यों पड़ा

इंडिगो लो-कॉस्ट मॉडल और उच्च उपयोग के साथ काम करती है।

अधिक उड़ानें

रात की उड़ानों की बड़ी संख्या

कम स्टाफ का मॉडल

इन कारणों से नई परिस्थितियों का सबसे ज्यादा प्रभाव इसी एयरलाइन पर पड़ा।

भारत में बनने जा रहा कच्ची सड़क पर उतरने वाला ‘सुपर विमान’,

अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने घोषणा की है कि वह भारत में C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान बनाने की योजना पर काम कर रही है। यह दुनिया का पहला ऐसा हब होगा जहां अमेरिका के बाहर इन विमानों का सह-उत्पादन किया जाएगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारतीय वायुसेना अपने पुराने सोवियत विमानों को बदलने की तैयारी कर रही है।



भारत को ग्लोबल हब क्यों चुना गया

कंपनी के उपाध्यक्ष रॉबर्ट टोथ ने बताया कि भारत उनकी प्राथमिकता है और यही पहला देश है जहां वे अमेरिकी सीमा के बाहर को-प्रोडक्शन सुविधा शुरू करेंगे। यह कदम भारत अमेरिका के बढ़ते रक्षा संबंधों को मजबूत करता है।

C-130J की खासियत और ताकत

C-130J एक बहुउद्देश्यीय सैन्य विमान है जो कच्चे रनवे, पहाड़ी इलाकों और कठिन परिस्थितियों में भी आसानी से उड़ान भर और लैंड कर सकता है।

यह 20 टन तक का भारी पेलोड उठा सकता है।

स्पेशल ऑपरेशंस के लिए बहुत उपयोगी है।

2013 में इस विमान को दौलत बेग ओल्डी पर लैंड कराकर भारत ने अपनी क्षमता दिखाई थी।

C-130J और C-17 का अंतर

C-130J टैक्टिकल मिशन के लिए इस्तेमाल होता है जबकि C-17 स्ट्रैटेजिक लिफ्ट के लिए।

C-130J छोटे रनवे पर उतर सकता है।

C-17 भारी टैंक और बड़े सामान को लंबी दूरी पर ले जाता है।

IAF के पास मौजूद ट्रांसपोर्ट विमान

वायुसेना अभी C-17, IL-76, AN-32, C-295 और डॉर्नियर जैसे विमान इस्तेमाल करती है। पुराने विमानों को हटाने के लिए नए टैक्टिकल एयरलिफ्टर की जरूरत है।

IAF की 80 नए विमानों की जरूरत और मुकाबला

C-130J के साथ ब्राजील का KC-390 और यूरोप का A-400M भी इस रेस में शामिल हैं। ये सभी विमान IAF के ‘मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट’ की दौड़ में हैं।

टाटा के साथ मेंटेनेंस हब का निर्माण

लॉकहीड मार्टिन सिर्फ विमान बनाने ही नहीं, बल्कि भारत में ही उनका मेंटेनेंस हब भी विकसित कर रही है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स बेंगलुरु में एक MRO सुविधा बना रही है, जो 2026 तक तैयार होगी। इससे सेवा और मरम्मत का काम भारत में ही हो सकेगा, जिससे लागत और समय दोनों की बचत होगी।

दिल्ली :-दो दोस्तों ने मिलकर बनाई थी Indigo, 2021 में राकेश गंगवाल ने छोड़ा साथ, क्या थी राहुल भाटिया से नाराजगी की वजह

इंडिगो संकट से देश में एविएशन सेक्टर की रफ्तार मानो थम सी गई। पिछले दिनों फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल होने से अलग-अलग एयरपोर्ट पर लाखों यात्री फंस गए। इस पूरे घटनाक्रम ने कंपनी के ऑपरेशन से जुड़ी विफलताओं को सामने ला दिया। क्या आप जानते हैं इंडिगो एयरलाइन की शुरुआत 2005 में दो खास दोस्त, राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर की थी, दोनों की पार्टनरशिप से देश की यह बड़ी एयरलाइन कंपनी बनी। लेकिन, कुछ साल बाद विवाद और मतभेद के चलते राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल की राहें अलग-अलग हो गईं।kदरअसल, 2019 में कंपनी के ऑपरेशन से जुड़े मतभेदों के चलते राकेश गंगवाल ने राहुल भाटिया के खिलाफ आवाज उठाई और सेबी में इसकी शिकायत की। वहीं, राहुल भाटिया ने भी राकेश गंगवाल पर मुकदमा दायर कर दिया।



*क्यों अलग हुए राहुल और राकेश*

राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने 2005 में पार्टनरशिप के साथ इंडिगो एयरलाइन शुरू की। जहां राहुल भाटिया के पास लोकल बिजनेस स्किल और एविएशन सर्विसेज का अनुभव था, वहीं राकेश गंगवाल के पास ग्लोबल एयरलाइन से जुड़ी विशेषज्ञता थी, क्योंकि वे पहले यूएस एयरवेज़ में सीईओ रह चुके थे और यूनाइटेड एयरलाइंस में सीनियर पोस्ट पर काम किया था, इसलिए दोनों ने मिलकर एविएशन सेक्टर में कुछ बड़ा करने के लिए इंडिगो एयरलाइन की शुरुआत की।राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल की अगुवाई में इंडिगो कुछ सालों के अंदर ही देश की नंबर वन प्राइवेट एयरलाइन कंपनी बन गई। लेकिन, साल 2019 में दोनों के बीच कायम साझेदारी और आपसी भरोसा टूट गया। राकेश गंगवाल ने इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज के ज़रिए इंडिगो पर राहुल भाटिया के कंट्रोल पर सवाल उठाना शुरू कर दिया, खासकर रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन और बोर्ड की स्वतंत्रता के मामले को लेकर,k राकेश गंगवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता था।

राकेश गंगवाल का मानना था कि कंपनी के मालिक का कंट्रोल गवर्नेंस पर हावी नहीं होना चाहिए, खासकर इंडिगो जैसे बड़े और प्रभावशाली सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध संस्थान में। 2019 में गंगवाल ने शिकायत के साथ सेबी का रुख किया और बाद में भाटिया द्वारा गंगवाल पर मुकदमा दायर करने के बाद, लंदन में मध्यस्थता का रुख किया।

*धीरे-धीरे बेची हिस्सेदारी*

इंडिगो एयरलाइन से राकेश गंगवाल का जाना सिद्धांतों से प्रेरित था। उनका मानना था कि कंपनियों के विस्तार के साथ-साथ प्रशासन के मानकों में भी बदलाव आना चाहिए। राकेश गंगवाल की असहमति केंद्रित नियंत्रण, कथित हितों के टकराव और बोर्ड की स्वतंत्रता के मुद्दों से उपजी थी। वे असमान शक्ति संतुलन से सहमत नहीं थे इसलिए उन्होंने कंपनी से अलग होने का फैसला किया।फरवरी 2022 में राकेश गंगवाल ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया और ऐलान किया कि वह अगले 5 वर्षों में धीरे-धीरे कंपनी से बाहर निकलेंगे। इसलिए उन्होंने इंडिगो में अपनी हिस्सेदारी बेचना शुरू कर दी।

धनबाद लोकसभा क्षेत्र के लिए बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम पर सांसद ढुलू महतो द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण प्रश्न — केंद्र सरकार ने दिया जवाब…

धनबाद: धनबाद के लोकसभा सांसद ढुलू महतो ने संसद में धनबाद के युवाओं के खेल भविष्य और क्षेत्र में उच्च स्तरीय खेल अवसंरचना के विकास को लेकर एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। सांसद ढुलू महतो ने धनबाद में एक आधुनिक एवं बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि, धनबाद खेल प्रतिभा से समृद्ध क्षेत्र है, जहाँ क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, एथलेटिक्स सहित अनेक क्षेत्रों में युवा अपनी क्षमता साबित कर रहे हैं, इसलिए एक बड़े स्तर के खेल परिसर की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है।



सांसद महतो ने सरकार से यह जानना चाहा कि क्या इस प्रकार के स्टेडियम के निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है और यदि भेजा गया है, तो उसके संबंध में क्या कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मंत्रालय इस परियोजना को किसी योजना के अंतर्गत स्वीकृति देने की दिशा में विचार कर रहा है तथा क्या प्रस्तावित स्टेडियम में इंडोर हॉल, जिम, कोचिंग सेंटर, हॉस्टल जैसी मल्टी-सुविधाओं को शामिल करने की योजना है।

इसके जवाब में केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सदन को बताया कि मंत्रालय को अभी तक धनबाद में ऐसे किसी बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए इस विषय पर आगे की कार्रवाई भी नहीं हो पाई है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि खेल अवसंरचना का विकास मुख्यतः राज्य सरकार के अधीन विषय है, जबकि केंद्र सरकार केवल ‘खेलो इंडिया’ एवं ‘नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड’ जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्यों के प्रयासों को मजबूत करती है। उन्होंने यह भी बताया कि देशभर की स्वीकृत खेल परियोजनाओं का विस्तृत विवरण और प्रगति से संबंधित सभी जानकारियाँ मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।

सांसद ढुलू महतो ने इस उत्तर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धनबाद के युवा खेल के क्षेत्र में असाधारण क्षमता रखते हैं, लेकिन उचित संसाधन और विश्वस्तरीय सुविधाओं के अभाव में वे अपनी प्रतिभा को पूरी तरह विकसित नहीं कर पाते। उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि धनबाद के लिए बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम का प्रस्ताव जल्द से जल्द तैयार कर केंद्र को भेजा जाए, ताकि क्षेत्र में खेलों का माहौल और रोजगार के अवसरों का विस्तार हो सके। उन्होंने कहा कि वे धनबाद के विकास और युवाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आगे भी मजबूती से संसद में उठाते रहेंगे।

गिरिडीह: नितेश कुमार हत्याकांड: एक सप्ताह बाद भी नहीं हुआ खुलासा, ग्रामीणों में आक्रोश—इचाक बंद की चेतावनी

गिरिडीह: नितेश कुमार हत्याकांड में अब तक नही हुआ खुलासा,ग्रामीण हुए गोलबंद पुलिस हत्यारोपी को जल्द गिरफ्तार नही करेगी तो संपूर्ण इचाक करेंगे चक्का जाम - मृतिका की पत्नी(पुजा)



नितेश कुमार का हत्या हुए सप्ताह बीत गया,लेकिन सभी आरोपी गिरफ्त से बाहर है । इसी आक्रोश में जमूआरी गांव के ग्रामीण गोलबंद होकर बैठक किया ।नितेश के पिता इन्द्रनाथ महतो ने बैठक में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरा पुत्र के हत्या होने के बाद इचाक पुलिस ने दो तीन दिन के अंदर सभी हत्यारा को गिरफ्तार करने की बात कही थी ।लेकिन इचाक पुलिस हमलोगों को मुलाकात करने से भी कतरा रही ।इचाक थाना में दिनांक 2/12/2025 को कांड संख्या /25 के तहत केस दर्ज किया गया था,उसके बाद पुलिस को हत्या में संलिप्त सभी आरोपी का नाम,पता व मोबाइल न भी मौखिक रूप से दिया गया था ,उसके बावजुद भी पुलिस कोई कदम नहीं उठा रही ।मृतिका की पत्नी पुजा कुमारी ने कही की अगर इचाक पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नही करती तो मैं पुलिस अधीक्षक व डीजीपी के पास शिकायत दर्ज करूंगी ।मेरा दो छोटे छोटे बच्चे है मैं उनलोगो का भरण पोषण कैसे करूंगी।जब तक मेरा पति का हत्यारा गिरफ्तार नही होता तब तक हम शांत बैठने वाले नही है ।ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस एक दो दिन के अंदर हत्यारा को गिरफ्तार नही करती तो हमलोग संपूर्ण इचाक बंद करने का आह्वाहन करेंगे ।बैठक में मंगूरा, मोक्तमा, फुरुका, जमुआरी गांव के दर्जनों लोग मौजुद थे ।

चाईबासा: प्राइवेट डॉक्टरों के लिए वेक्टर बोर्न डिजीज पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

चाईबासा में पश्चिम सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ. भारती मिंज की अध्यक्षता में प्राइवेट डॉक्टरों के लिए वेक्टर बोर्न डिजीज पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें वेक्टर से होने वाले बिमारियों और उनके बचाव के व्यक्तिगत और सामूहिक उपायों पर चर्चा की गई। 



डॉ. मीना कलुन्डिया ने वेक्टर कंट्रोल मैथड के बारे में बताया, जबकि डॉ. एल.एन. गागराई ने आदिवासी समुदाय में जागरूकता की कमी के कारण बीमारी के गंभीर रूप लेने की बात कही।











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