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बुधवार, 10 दिसंबर 2025

राँची: दोस्ती से प्लानिंग तक हुई जेल में, बाहर निकल ताबड़तोड़ किया कांड

राँची: रातू और आसपास के बाजारों में लगातार चोरी हो रही मोटरसाइकिलों के पीछे की कहानी जितनी साधारण दिखती थी, असल में उतनी थी नहीं। पुलिस की ताजा कार्रवाई ने एक ऐसे गिरोह का राज खोला है, जिसकी नींव किसी अंधेरी गली में नहीं, बल्कि जेल की ऊंची दीवारों के भीतर पड़ी थी। वहीं बनी दोस्ती, वहीं बना प्लान और बाहर आते ही एक के बाद एक वारदातें शुरू।



जेल से निकलते ही बन गया पूरा गैंग

8 दिसंबर को मिली गुप्त सूचना के बाद पुलिस ने जब पंडरा ओपी क्षेत्र से पहले जेल जा चुके राजहंस सिंह उर्फ कारू सिंह को पकड़ा, तो शुरुआत में लगा यह एक साधारण चोरी का मामला है। लेकिन पूछताछ आगे बढ़ी तो कहानी खुली। कारू ने बताया कि जेल में उसकी मुलाकात रंजन महतो, रामू सिंह और घुरन प्रधान से हुई थी। चारों ने वहीं तय किया था कि बाहर निकलते ही साथ काम करेंगे। काम कोई व्यवसाय नहीं, बल्कि चोरी था।

रातू की सड़कों पर निशाना, बाजारों पर नजर

कारू की निशानदेही पर पुलिस ने दो मोटरसाइकिलें बरामद की। इसके बाद बिजुलिया चौक पर वाहन जांच में तीन और बाइक मिल गईं। गिरोह रातू और आसपास के बाजारों की रेकी करता था। मौका मिलते ही बाइक गायब कर देते थे। बरामद वाहनों में वह होंडा साइन भी मिली, जिसे 6 दिसंबर को दलादली सब्जी बाजार से चुराया गया था।

जेल में मुलाकात, बाहर आकर अपराध का गठजोड़

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि चारों आरोपी अलग-अलग मामलों में जेल गए थे। कोई जमीन कब्जा मामले में, कोई हत्या के आरोप में, कोई दुर्घटना के मामले में और कोई चोरी-लूट में। अलग-अलग दुनिया के ये चार लोग जेल में रोज मिलते थे। वहीं उनकी बातचीत अपराध की ओर मुड़ती गई और धीरे-धीरे एक प्लान बन गया। जेल से निकलने के बाद सबने अपना ठिकाना बदल लिया, लेकिन संपर्क नहीं टूटा। रातू और पंडरा क्षेत्र को उन्होंने आसान निशाना चुना। भीड़, बाजार और शाम की अफरा-तफरी उनके लिए सही मौका बन जाती थी।

कारू के धराते ही खुली पूरी कहानी

जब पुलिस ने कारू को पकड़ा, तो उसने बाकी तीन साथियों के नाम भी उगल दिए। इसके बाद बिजुलिया चौक पर चल रही जांच में तीन आरोपी बाइक सहित दबोच लिए गए। सभी ने चोरी की बात स्वीकार की। कारू सिंह के खिलाफ चौपारण और पंडरा ओपी में चोरी और हथियार रखने के मामले दर्ज हैं। रंजन महतो जमीन कब्जा मामले में आरोपी है। रामू सिंह पर हत्या और दुर्घटना से जुड़े गंभीर केस हैं। घुरन प्रधान बीएनएस की धाराओं में नामजद है। यह सिर्फ चोरी का गैंग नहीं, बल्कि ऐसे अपराधियों का समूह था जो खुद को फिर से सक्रिय बनाने की कोशिश में था। चारों अभी पुलिस के शिकंजे में हैं।

ये गाड़ियां हुई बरामद

बरामद बाइकें इस प्रकार हैं:

हीरो होंडा स्प्लेंडर (JH02K-0321)

पल्सर (JH01DJ-8489)

पल्सर (JH05AF-3251)

पल्सर (JH01ATT-0753)

होंडा साइन (JH01CF-9142)

रंग लाई इनकी मेहनत

पूरी कार्रवाई रुरल एसपी पिरवीण पुष्कर के नेतृत्व में डीएसपी अरविंद कुमार के देखरेख में की गई। रातू थानेदार राम नारायण सिंह के अलावा एसआई संतोष यादव, अनुरंजन कुमार, छोटू कुमार, विशेश्वर कुमार, महेश प्रसाद कुशवाहा, एएसआई जुल्फीकार अली, सुनील कुमार सिंह और सशस्त्र बल के जवानों की भूमिका सराहनीय रही।

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