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Saubhagya Bharat News

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शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

बोकारो : DMFT फंड घोटाले का सनसनीखेज खुलासा, पूर्व डीसी विजया जाधव पर गंभीर आरोप

बोकारो : DMFT फंड में हुए 500 करोड़ रुपये के भारी घोटाले ने तहलका मचा दिया है। इस मामले में तत्कालीन डीसी विजया जाधव पर पद का दुरुपयोग करने, अनियमित भुगतान करने और निजी एजेंसियों को भारी लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप लगे हैं।


51 लाख रुपये की नकदी गोला से बरामद होने के बाद शुरू हुई जांच अब घोटाले की गुत्थी सुलझा रही है। बोकारो के डीसी ने मामले की जांच डीडीसी को सौंपी है, जिसमें जल्द ही पूरी रिपोर्ट सामने आने की उम्मीद है।

आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं की गईं, असली कीमत से कई गुना अधिक भुगतान हुआ, घटिया गुणवत्ता के सामान खरीदे गए और बिना प्रबंधकीय समिति की मंजूरी के बिलों का भुगतान किया गया।

रांची, हजारीबाग समेत कई बड़ी कंपनियों को करोड़ों रुपये के भुगतान का खुलासा हुआ है, जिसमें NATIONAL CO-OPERATIVE CONSUMER FEDRETIONS OF INDIA LTD., SAMSKARA, TRINETRA ENTERPRISES जैसे नाम शामिल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह घोटाला 2024-25 और 2025-26 के वित्तीय वर्ष में भी जारी रहा, इसलिए डीएमएफटी विभाग का ऑडिट आवश्यक हो गया है।

बोकारो की जनता अब कड़े और पारदर्शी जांच की मांग कर रही है ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

क्या होगा इस घोटाले की अगली कहानी? सभी की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।






टाटानगर से गुजरने वाली कई ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से चलेगी

आसनसोल रेल मंडल के दुर्गापुर स्टेशन में 08 से 20 सितंबर तक ईआई केबिन और यार्ड रीमॉडलिंग कार्य के लिए प्री एनआई और एनआई कार्य किया जाएगा। 

इस वजह से दक्षिण पूर्व रेलवे ने चक्रधरपुर रेल मंडल के टाटानगर से गुजरने वाली चार ट्रेनों को विभिन्न तिथियाें में परिवर्तित मार्ग से चलाने की घोषणा कर दी है। ज्ञात हो कि परिवर्तित मार्ग से चलने वाली ट्रेनें दूसरे दिन टाटानगर स्टेशन से गुजरती है। ये ट्रेनें इन तिथियों में परिवर्तित मार्ग से चलेगी08 और 15 सितंबर को ताम्बरम से खुलने वाली ट्रेन नंबर ट्रेन नंबर 15629 ताम्बरम- सिलघाट टाउन नागांव एक्सप्रेस मौजूदा मार्ग आसनसोल, अंडाल, दुर्गापुर, साइंथिया स्टेशनाें के बजाए परिवर्तित मार्ग आसनसोल, अंडाल, साइंथिया स्टेशन होकर सिलघाट टाउन स्टेशन तक चलेगी।




खरसावां की तूड़ियान एफसी ने दमदार प्रदर्शन कर अर्जुना कप जीता, सीनी की टीम 4–0 से पराजित

 झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन के निर्देशानुसार सरायकेला - खरसावां जिला स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित जिला फुटबॉल सुपर लीग अर्जुना कप के तहत आज खेले गए फाइनल मुकाबले में तूड़ियान एफ सी खरसावां ने माहिर एफ सी सीनी की टीम को 4-0 से पराजित कर वर्ष 2025 के जिला फुटबॉल लीग अर्जुना कप का विजेता होने का गौरव हासिल किया। मैच के पहले हाफ के चौथे मिनट में विजय गोप ने पहला गोल दाग कर अपनी टीम को बढ़त दिलाई। मैच के 8 वें मिनट में करण तीयू, 32 वें मिनट में कुंवर सिंह हेंब्रम ने गोल दाग कर अपनी टीम को पहले हाफ में 3-0 से बढ़त दिला दी। मैच के दूसरे हाथ में ही माहिर एफ सी के टीम ने कुछ अच्छे प्रयास किए लेकिन असफल रही। मैच के 64 में मिनट में तूड़ियान के आशीष गोप ने मैच का अंतिम गोल दाग कर अपनी टीम की जीत सुनिश्चित कर ली।

वर्ष 2025 के जिला फुटबॉल लीग का समापन समारोह सह पुरस्कार वितरण 15 सितंबर को अर्जुना स्टेडियम में 16 टीमों के मध्य आयोजित कोल्हान कप फुटबॉल प्रतियोगिता से होगा। 

आज के मैच में रेफरी की भूमिका बिरेन पॉल, संतोष महतो, विशाल गोप एवं समीर महतो ने निभाई। इसके पूर्व आज मैच का शुभारंभ डी एस ए सचिव मोहम्मद दिलदार, पिनाकी रंजन, मुखिया मंगल जामूदा, उप मुखिया, राजेश महतो, दुर्योधन प्रामाणिक, बलराम महतो ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया।







हिमाचल के चंबा में मणिमहेश कैलाश: पंच कैलाशों में एक, शिव भक्तों का पवित्र तीर्थ

हिमाचल प्रदेश राज्य के चम्बा ज़िले के भरमौर क्षेत्र में 4,190 मीटर की ऊँचाई परमणिमहेश झील स्थित है।इसी सरोवर की पूर्व की दिशा में है वह पर्वत जिसे कैलाश कहा जाता है। इस हिमाच्छादित शिखर की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 5653 मीटर है। 

अगस्‍त_सितंबर के दौरान पवित्र मणिमहेश झील हजारों तीर्थयात्रियों से भर जाता है।झील में पहला पवित्र स्नान कृष्ण जन्माष्टमी होता है । यहीं पर सात दिनों तक चल ने वाले मेला का आयोजन भी किया जाता है। यह मेला जन्‍माष्‍टमी के दिन समाप्‍त होता है। जिस तिथि को यह उत्‍सव समाप्‍त होता है उसी दिन भरमौर के प्रधान पूजारी मणिमहेश डल के लिए यात्रा प्रारंभ करते हैं। 

कैलाश चोटी (5653 मीटर) के ठीक नीचे से मणीमहेश गंगा का उदभव होता है। इस नदी का कुछ अंश झील से होकर एक बहुत ही खूबसूरत झरने के रूप में बाहर निकलती है। पवित्र झील की परिक्रमा (तीन बार) करने से पहले झील में स्‍नान करके संगमरमर से निर्मित भगवान शिव की चौमुख वाले मूर्ति की पूजा अर्चना की जाती है। कैलाश पर्वत की चोटी पर चट्टान के आकार में बने शिवलिंग का इस यात्रा में पूजा की जाती है। 

मणिमहेश कैलाश को "पंच कैलाशों" में से एक माना जाता है । कैलाश चोटी के नीचे एक बहुत बड़ा हिमाच्‍छादित मैदान है जिसको भगवान शिव के क्रीड़ास्‍थल 'शिव का चौगान' के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव और देवी पार्वती क्रीड़ा करते हैं। वहीं झील के कुछ पहले जल का दो स्रोत है। इसको "शिव क्रोत्रि" और "गौरि कुंड" के नाम से जाना जाता है । गौरीकुंड माता गौरी का स्नान स्थल है। यात्रा करने वाली महिलाएं यहां स्नान करती हैं। यहां से करीब डेढ़ किलोमीटर की सीधी चढ़ाई के बाद मणिमहेश झील तक पहुंचा जाता है 

चौरसिया मंदिर का नाम इसके परिसर में स्थित 84 छोटे-छोटे मंदिरों के आधार पर रखा गया है। यह मंदिर भरमौर या ब्रह्मपुरा नामक स्‍थान में स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार 84 योगियों ने ब्रह्मपुरा के राजा साहिल बर्मन के समय में इस जगह भ्रमण करते‍ हुए आए थे। राजा बर्मन के आवभगत से अभिभूत होकर योगियों ने उनको 10 पुत्र रत्‍न प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। 

 एक दूसरी धारणा के अनुसार एक बार भगवान शिव 84 योगियों के साथ जब मणिमहेश की यात्रा पर जा रहे थे तो कुछ देर के लिए माता "भरमाणी" देवी की वाटिका में रुके। इससे देवी नाराज हो‍ गईं लेकिन भगवान शिव के अनुरोध पर उन्‍होंने योगियों के लिंग रूप में ठहरने की बात मान ली। कहा जाता है इसके बाद यहां पर इन योगियों की याद में चौरसिया मंदिर का निर्माण कराया गया। जबकि एक और मान्‍यता के अनुसार जब 84 योगियों ने देवी के प्रति सम्‍मान प्रकट नहीं किया तो उनको पत्‍थर में तब्‍दील कर दिया गया। भगवान शंकर ने माता भरमाणी को वरदान दिया कि मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा तभी पूर्ण होगी जब श्रद्धालु सर्वप्रथम माता भरमाणी के दर्शन करेंगे। भरमाणी में स्थापित " ब्रह्मकुंड" कुंड स्नान कर मणिमहेश की यात्रा पूर्ण मानी जाती है। कहा जाता है कि मणिमहेश यात्रा के लिए चौरासी मंदिर के दर्शन भी जरूरी हैं।  6000 फुट की ऊंचाई पर स्थित हड़सर से मणिमहेश के लिए पैदल यात्रा शुरू होती है।

हड़सर से मणिमहेश डल झील की दूरी 13 किलोमीटर है। मणिमहेश झील को "डल झील" के नाम से भी जाना जाता है। यह झील 4190 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

मणिमहेश में अष्ट्मी का मेला, भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को लगता है, जिसे "राधा अष्टमी" भी कहते हैं। मणिमहेश यात्रा जन्माष्टमी से शुरू होकर राधाष्टमी के स्नान के साथ समाप्त होती है। इस दिन हजारों तीर्थयात्री पवित्र झील में डुबकी लगाने आते हैं, और भगवान शिव इस यात्रा के मुख्य देवता हैं।

मणिमहेश से जुड़ी मुख्य कथाएँ और किंवदंतियाँ

*शिव का निवास:

मणिमहेश को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, और इसके शिखर पर एक चमकता हुआ रत्न होता है, जो एक दिव्य प्रकाश उत्सर्जित करता है। यह माना जाता है कि भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह के बाद मणिमहेश की रचना की थी, और पर्वत पर स्थित मणि को "शिव का रत्न" माना जाता है।मणिमहेश में कैलाश पर्वत के पीछे जब सूर्य उदय होता है तो सारे आकाश मंडल में नीलिमा छा जाती है और किरणें नीले रंग में निकलती हैं। मान्यता है कि कैलाश पर्वत में नीलमणि का गुण-धर्म है, जिनसे टकराकर सूर्य की किरणें नीले रंग में रंगती हैं।

*चरवाहे और भेड़ों की कहानी:

एक स्थानीय किंवदंती के अनुसार, एक गडरिये ने अपनी भेड़ों के साथ मणिमहेश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की. वह अपने झुंड के साथ एक गडरिये के पत्थर में बदल गया और मुख्य शिखर के आसपास की छोटी चोटियों को चरवाहे और भेड़ों के अवशेष माना जाता है।

*साँप की कथा:

एक और किंवदंती के अनुसार, एक साँप ने भी मणिमहेश पर चढ़ने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहा और पत्थर में बदल गया. 

*अजेय पर्वत:

माना जाता है कि मणिमहेश कैलाश अजेय है. जो भी इसे चढ़ने की कोशिश करता है, वह या तो पत्थर में बदल जाता है, या फिर भगवान के नाराज होने के कारण खराब मौसम के कारण फंस जाता है।

*धन्छो का झरना:

धन्छो झरने से जुड़ी एक और कहानी है। कहा जाता है कि भस्मासुर नामक राक्षस भगवान शिव को नष्ट करने के लिए उनके पीछे गया था। शिव छिपने के लिए झरने के पीछे एक गुफा में चले गए। भगवान विष्णु के हस्तक्षेप से भस्मासुर उस झरने को पार करने में असमर्थ रहा और मारा गया। तब से, लोग धनछो के झरने की पूजा करते हैं। 

शिव चेलों द्वारा "डल तोड़ने की प्रथा", मणिमहेश यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ वे राधाष्टमी के पवित्र स्नान की शुरुआत करते हैं। त्रिलोचन महादेव के वंशज माने जाने वाले ये शिव चेले, डल झील की परिक्रमा करते हैं और फिर झील का जल बढ़ाना शुरू होता है, जिसके बाद भक्त डुबकी लगाते हैं और "चतुर्मुखी" शिवलिंग की पूजा करते हैं।








प्रवीण सिंह की पुण्यतिथि पर 75 गरीब परिवारों को मिला सहारा, सुखा राशन का वितरण

सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड में पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह के भाई स्वर्गीय प्रवीण कुमार सिंह की पुण्यतिथि पर जरूरतमंदों की मदद की गई। काली मंदिर स्थित गोल्डन रिसॉर्ट के संस्थापक दिनेश बगड़िया ने प्रवीण सिंह के पुण्यतिथि के मौके पर 75 गरीब परिवारों के बीच सुखा राशन वितरित किया। इसमें चावल, दाल, आटा, तेल और मसाले जैसी आवश्यक सामग्री शामिल रही।

यह वितरण कार्यक्रम आसनबनी पंचायत के सालतल और कान्दरबेड़ा में पहाड़िया एवं माहली परिवारों के बीच किया गया।

ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि गरीबों की सेवा करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। आयोजकों ने भी आश्वस्त किया कि भविष्य में इस तरह के सामाजिक कार्य लगातार जारी रहेंगे।








किसान और आम जनता को मिला दिवाली से पहले बड़ा तोहफ़ा:डॉ. जटाशंकर पांडे

जमशेदपुर : भाजपा बुद्धिजीवी मंच के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. जटाशंकर पांडे ने जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों और आम जनता को बड़ी राहत दी है

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम केवल कर व्यवस्था में सुधार नहीं बल्कि गरीब, किसान और समाज के अंतिम पंक्ति तक बैठे व्यक्ति के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास है। पांडे ने कहा कि “मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर काम कर रही है और यही कारण है कि देश की जनता सरकार के फैसलों पर भरोसा जता रही है।”

डॉ. पांडे ने आगे कहा कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद शेयर बाजार में आई तेजी और युवाओं व महिलाओं के चेहरों पर दिखी मुस्कान यह साबित करती है कि सरकार के फैसले का सकारात्मक असर हर वर्ग पर पड़ा है। उन्होंने इस फैसले को दिवाली से पहले मिला अभूतपूर्व तोहफ़ा करार दिया।


उन्होंने कहा कि आज भारत तेजी से विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की आर्थिक नीतियों पर दुनिया भरोसा जता रही है। पांडे ने जनता से आह्वान किया कि वे केंद्र सरकार की नीतियों का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदार बनें।

गुरुवार, 4 सितंबर 2025

खरसावां के दितसाही में पारंपरिक धूमधाम से मना इंद्री उत्सव

खरसावां के दितसाही में इंद्री उत्सव का आयोजन किया गया। इंद्री उत्सव देवराज इंद्र को आराधना का त्यौहार है मान्यता है कि इंद्री उत्सव के आयोजन से भगवान इंद्र प्रसन्न होते हैं। 


क्षेत्र में अच्छी फसल होने के साथ सुख, शांति, समृद्धि आती है। पूरे कोल्हान में सिर्फ खरसावा में ही इंद्री उत्सव का आयोजन होता है। 

दितसाही में राजा बाड़े के समय से शुरू की गई है। इंद्री उत्सव पूजा की परंपरा अभी भी कायम है।दितसाही इंद मैदान में स्थित मंदिर में पारंपरिक रीति रिवाज से पंडित के द्वारा पूजा अर्चना किया गया। विधि विधान पूर्वक पूजा कर करीब 20 से 25 फीट ऊंची इंद्र छाता भक्तों के द्वारा गाड़ा गया।

पूजा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर समाज सेवी हरिश्चंद्र आचार्य ने कहा कि दितसाही गांव के इस पवित्र मंदिर में देवराज इंद्र की पूजा का आयोजन राजा राज वाडे के समय से होता आ रहा है। 

आजादी के पूर्व पूजा का आयोजन व इसमें खर्च होने वाली राशि की व्यवस्था खरसावा राजा द्वारा किया जाता था इसके बाद सरकार के खरसावा अंचल कार्यालय के माध्यम से सरकार राशि उपलब्ध प्रत्येक वर्ष कराती है। मौके पर काफी संख्या में भक्तों उपस्थित थे। सरायकेला खरसावां संवाददाता सुशील कुमार।




चाकुलिया में दर्दनाक सड़क हादसा: ट्रक की चपेट में आए बाइक सवार सालखान मुर्मू की मौत, बेटी बाल-बाल बची

 चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र के पुराना बाजार स्थित बिरसा चौक के समीप गुरुवार की दोपहर बारह चक्का ट्रक से टकराकर मोटरसाइकिल सवार सालखान मुर्मू की दर्दनाक मौत हो गई. 

घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड अंतर्गत जामुआ पंचायत के खेजुरिया गांव निवासी सालखान मुर्मू (45) का पुत्री उपल मुर्मू चाकुलिया के नारायण दास रुंगटा हाई स्कूल के कक्षा नौ की छात्रा है और वह स्कूल के हॉस्टल में रहती है. गुरुवार सुबह उसकी तबीयत खराब हो गई थी.

इसके कारण सालखान अपनी बेटी को घर ले जाने के लिए आए थे. बिरसा चौक के पास जहां सड़क पर एक गहरा गड्ढा था. उनकी बाइक अचानक अनियंत्रित हो गई. पिता-पुत्री दोनों बाइक से गिर गया. इसी दौरान सामने से आ रहे एक ट्रक संख्या जेएच 09 एई 0027 ने सालखान मुर्मू का सिर ट्रक से टकरा गया. हादसा इतना भीषण था कि सालखान गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर गया. एक मामूली गड्ढे के कारण बाइक अनियंत्रित होकर पलट गयी सड़क पर गिरे बाइक सवार को सामने से आ रहे एक ट्रक ने टकरा गया और सिर पर गहरी चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई. इस हादसे में मृतक की 14 वर्षीय पुत्री बाल-बाल बच गई. 

पुलिस ने ट्रक को जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया. घटना के बाद आसपास के लोग और राहगीर तुरंत मदद के लिए दौड़े. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और 108 एम्बुलेंस बुलाकर सालखान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन इलाज के दौरान सालखान ने दम तोड़ दिया. इस दौरान लोगों ने आरोप लगाया कि सड़कों की खराब हालत और बिना किसी रोक-टोक के सड़क किनारे वाहनों की अवैध पार्किंग इस तरह की दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है. साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की.






Bahragora:अवैध बालू भंडारण का पर्दाफाश, छापेमारी में 7000 सीएफटी बालू बरामद...........

बहरागोड़ा संवाददाता 

बहरागोड़ा: बहरागोड़ा क्षेत्र में अवैध बालू कारोबार के खिलाफ प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। अंचलाधिकारी राजाराम मुंडा और थाना प्रभारी शंकर प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में गुरुवार को डमजुड़ी गांव में छापेमारी की गई। कार्रवाई के दौरान लगभग 7000 सेफ्टी अवैध बालू जब्त किया गया। इसे फिलहाल अंचल कार्यालय परिसर में सुरक्षित रखा गया है।प्रशासन को गुप्त सूचना मिली थी कि डमजुड़ी गांव में भारी मात्रा में बालू का अवैध भंडारण किया गया है। उसी आधार पर टीम ने छापेमारी कर इस बड़े कारोबार का खुलासा किया। इस मामले में बहरागोड़ा थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।अंचलाधिकारी राजाराम मुंडा ने साफ कहा कि अवैध कारोबार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। थाना प्रभारी शंकर प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि बालू माफियाओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का फैसला स्वागत योग्य कदम - मनोज चौधरी

सरायकेला :सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सह जिला चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव मनोज कुमार चौधरी ने उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि हम ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के आभारी हैं जीएसटी कौंसिल ने आम लोगों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए जीएसटी के मौजूदा चार स्लैब - 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत में बदलाव करते हुए इसे 5 और 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में बदल दिया है l

इससे जरूरत के सामान सस्ते होंगे और टैक्स वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी. जीएसटी कटौती से जहां छोटे व्यापारीयों को व्यापार करने का आसानी होगी वही दूसरी और महंगाई पर करारा वार करते हुए आम उपभोक्ताओं के जनजीवन को और आसान बनाएगी चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जीएसटी कटौती से अब रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें हों या किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण, स्वास्थ्य सेवाएँ हों या शिक्षा और इलेक्ट्रॉनिक सामान—सब कुछ पहले से कहीं ज्यादा सस्ता होगा.विदित हो कि अमेरिकी टैरिफ का मुकाबला करने के लिए सरकार ने घरेलू मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साबुन से लेकर छोटी कारों तक सैकड़ों उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की है.





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