खरसावां के दितसाही में इंद्री उत्सव का आयोजन किया गया। इंद्री उत्सव देवराज इंद्र को आराधना का त्यौहार है मान्यता है कि इंद्री उत्सव के आयोजन से भगवान इंद्र प्रसन्न होते हैं।
क्षेत्र में अच्छी फसल होने के साथ सुख, शांति, समृद्धि आती है। पूरे कोल्हान में सिर्फ खरसावा में ही इंद्री उत्सव का आयोजन होता है।
दितसाही में राजा बाड़े के समय से शुरू की गई है। इंद्री उत्सव पूजा की परंपरा अभी भी कायम है।दितसाही इंद मैदान में स्थित मंदिर में पारंपरिक रीति रिवाज से पंडित के द्वारा पूजा अर्चना किया गया। विधि विधान पूर्वक पूजा कर करीब 20 से 25 फीट ऊंची इंद्र छाता भक्तों के द्वारा गाड़ा गया।
पूजा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर समाज सेवी हरिश्चंद्र आचार्य ने कहा कि दितसाही गांव के इस पवित्र मंदिर में देवराज इंद्र की पूजा का आयोजन राजा राज वाडे के समय से होता आ रहा है।
आजादी के पूर्व पूजा का आयोजन व इसमें खर्च होने वाली राशि की व्यवस्था खरसावा राजा द्वारा किया जाता था इसके बाद सरकार के खरसावा अंचल कार्यालय के माध्यम से सरकार राशि उपलब्ध प्रत्येक वर्ष कराती है। मौके पर काफी संख्या में भक्तों उपस्थित थे। सरायकेला खरसावां संवाददाता सुशील कुमार।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें