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गुरुवार, 4 सितंबर 2025

कैबिनेट बैठक में हुआ ऐतिहासिक निर्णय – मोराबादी स्थित गुरुजी शिबू सोरेन का आवास बनेगा “स्मृति संग्रहालय”

यह जानकारी मंत्री के विधायक प्रतिनिधि अजहरुद्दीन ने अपने वाट्स अप एकाउंट से एक एन पी जामताड़ा को शेयर की है।

जामताड़ा(झारखंड):झारखंड आंदोलन के प्रणेता, पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक गुरुजी शिबू सोरेन की यादों को संजोने के लिए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू ने प्रस्ताव रखा कि मोराबादी स्थित गुरुजी का सरकारी आवास अब “गुरुजी स्मृति संग्रहालय” के रूप में विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया। इसकी चर्चा जामताड़ा सहित संथाल परगना के चौक चौराहे पर लोग कर रहें हैं।

डॉ. इरफान अंसारी ने कहा –

“गुरुजी का घर सिर्फ एक मकान नहीं, बल्कि झारखंड आंदोलन और हमारी भावनाओं का केंद्र है। उनके घर का हर कोना हमें उनकी संघर्ष यात्रा की याद दिलाता है। इसे संग्रहालय का रूप देना बेहद जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ गुरुजी की विचारधारा और विरासत से प्रेरणा ले सकें।”

वहीं नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा –

“गुरुजी की स्मृतियाँ अमर रहेंगी। यह संग्रहालय झारखंड की अस्मिता और हमारी लड़ाई की गाथा को हमेशा जीवित रखेगा। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगा।”

इसके साथ ही दोनों मंत्रियों ने गुरुजी की जन्मभूमि जामताड़ा जिले के चिरुडीह में एक भव्य पार्क और विशाल प्रतिमा स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा। यह वही पावन स्थल है जहाँ से शिबू सोरेन ने अपनी राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष यात्रा की शुरुआत की थी।

भावुक होते हुए डॉ. अंसारी ने कहा –

“आज हम मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि हैं, तो यह गुरुजी की ही देन है। उन्होंने हमेशा मुझे पुत्रवत स्नेह दिया, मार्गदर्शन किया और जीवन भर प्रेरणा दी। चिरुडीह की धरती पर उनका स्मारक बनना हमारे लिए गर्व की बात होगी।”

यह निर्णय न शिबू सोरेन की स्मृतियों को अमर बनाएगा, बल्कि झारखंड आंदोलन की संघर्षगाथा को नई पीढ़ियों तक पहुँचाने का काम करेगा।







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