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सोमवार, 10 नवंबर 2025

नये साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण इस रोज

साल 2025 अब ढलान पर है और जैसे-जैसे 2026 करीब आ रहा है, आसमान की रहस्यमयी हलचल ने फिर से जिज्ञासा जगा दी है, नये साल 2026 की शुरुआत होते ही आसमान एक नया दृश्य दिखाने वाला है। 17 फरवरी 2026 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा, जब सूरज के चारों ओर ‘रिंग ऑफ फायर’, यानी आग की अंगूठी की शक्ल दिखाई देगी। सूरज की किरणें चांद के साये से झांकती हुई उस पल को आसमान का सबसे मोहक दृश्य बना देंगी।


कहां-कहां दिखेगा:  यह ग्रहणयह ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे, प्रशांत, हिंद, अटलांटिक तथा दक्षिणी महासागर के कुछ हिस्सों से देखा जा सकेगा। इसका रास्ता अंटार्कटिका के ऊपर लगभग 4,282 किलोमीटर तक फैलेगा और डेविस सागर के ऊपर खत्म होगा। कॉनकॉर्डिया स्टेशन (फ्रेंच-इटालियन बेस) पर ग्रहण का वलयाकार चरण 11:46 UTC पर शुरू होगा और करीब 2 मिनट 1 सेकंड तक चलेगा। वहीं रूस के मिर्नी स्टेशन पर यह खगोलीय घटना 12:07 UTC पर दिखाई देगी, जहां यह चरण 1 मिनट 52 सेकंड तक टिकेगा। वलयाकार मार्ग के बाहर, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में लोग सूरज को आंशिक रूप से ढका हुआ देख पायेंगे। कुछ शहरों में तो सूरज का सिर्फ 3% हिस्सा ही ढकेगा, लेकिन फिर भी यह दृश्य होगा मन मोह लेने वाला होगा।


2026 में दूसरा सूर्य ग्रहण अगस्त में : साल 2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त को लगेगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) होगा, जो इस बार भी भारत में दिखाई नहीं देगा। मगर यह उन देशों के लिये यादगार दृश्य बनेगा जहां आसमान दिन में ही अंधेरे में डूब जायेगा।

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