झारखंड मानव अधिकार संघ' जमशेदपुर और नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 10/12/2025 को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस। के अवसर पर नेताजी विश्वविद्यालय परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। "मानवाधिकार के संरक्षण में 'राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग' की सार्थकता एवं भूमिका" विषय पर झा. मा. अ. सं. के अध्यक्ष श्री मनोज किशोर की अध्यक्षता में इस एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
सार्वभौम मानवाधिकार घोषणा (Universal Declaration of Human Rights) (UDHR) को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आज ही के दिन 10 दिसंबर 1948 को अपनाया गया था। तभी से पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर को उत्साहपूर्वक मनाया जाता है.
इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि, मृत्युंजय महतो,सेवानिवृत् जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुमका, सम्मानित अतिथि सह मुख्य वक्ता, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. प्रोफेसर प्रभात कुमार पाणी, विशिष्ट अतिथि बृजमोहन कुमार भूतपूर्व(I.A.S.) भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी, अन्य सम्मानित वक्ताओं के रूप में मनोज कुमार सिंह, सांसद प्रतिनिधि राज्यसभा, अवधेश कुमार गिरी, दिनेश कुमार किनू कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक ग्रुप के छात्र-छात्राओं द्वारा झारखंड के पारंपरिक वेशभूषा में अतिथि वक्ताओं के स्वागत नृत्य के साथ की गई।
इसके पश्चात मुख्य अतिथि एवं सम्मानित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई. तत्पश्चात सांस्कृतिक ग्रुप के छात्राओं द्वारा गणेश वंदना, साईं भजन एवं राष्ट्रीय गान के साथ कार्यशाला की औपचारिक शुरुआत की गई। कार्यशाला के पहले सत्र में प्रोफेसर दीपिका कुमारी ने मुख्य अतिथि, सम्मानित अतिथियों एवं सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों तथा संघ के कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए स्वागत भाषण दिया। संघ के क्रियाकलापों एवं सेमिनार के विषय का विषय प्रवेश श्री मनोज किशोर संघ के अध्यक्ष द्वारा किया गया।
मनोज किशोर ने संघ की पृष्ठभूमि तथा क्रियाकलापों की विस्तार से जानकारी दिया। उन्होंने कहा *विश्वविद्यालय के परिसर में इस कार्यक्रम का आयोजन करने का उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों के बीच मानव सेवा एवं मानव अधिकार के क्रियान्वयान्वन हेतु अभिरुचि जागृत हो तथा इस क्षेत्र में वे समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। जन्म से लेकर मृत्यु तक,यहां तक की मां की कोख में भ्रूण अवस्था से ही किसी भी मनुष्य की नैसर्गिक एवं प्रकृति प्रदत्त अधिकारों की रक्षा हेतू अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सार्वभौम मानव अधिकार घोषणा (universal declaration of Human Rights) की घोषणा 10 दिसंबर 1948 को किया गया तथा इस तिथि से अपनाया गया तथा लगभग 45 साल के उपरांत मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 को भारत सरकार ने पारित किया तथा इस तिथि से इसे भारत में अपनाया गया. इसमें कल 30 अनुच्छेद हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकार की रक्षा पूरे विश्व में करता है।*
*भारत के सभी नागरिक अपने अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहें- मृत्युंजय महतो*
मुख्य अतिथि एवं पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश मृत्युंजय महतो ने अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार के सभी अनुच्छेदों के अलावा भारतीय कानून के पहलुओं एवं दृष्टिकोण से मानव अधिकार के कानून के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा *उपरोक्त कानून के अलावा भी भारतीय कानून में आम नागरिकों के हितों के लिए बहुत सारे कानून बने हुए हैं हमें सजगता एवं ईमानदारी पूर्वक उन कानून का अनुपालन करवाना चाहिए। आम नागरिक हो अथवा न्यायिक या प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन यदि ईमानदारी पूर्वक किया जाए तो किसी भी मनुष्य की मानवाधिकार का हनन नहीं होगा।*
मुख्य वक्ता प्रख्यात शिक्षाविद् एवं नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रभावशाली तरीका से उपरोक्त विषय पर प्रकाश डालते हुए भारत में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की सफलता एवं विफलता पर प्रकाश डाला।
पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी, पूर्व कोल्हान आयुक्त और झारखंड में सचिव स्तर के पद पर कार्य कर चुके बृजमोहन कुमार ने उपरोक्त विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा *कोई भी कानून तब तक सार्थक नहीं होगा जब तक आम नागरिक खुद सचेत होकर अपने अधिकार की रक्षा के लिए अपना आवाज बुलंद नहीं करेगा. इस संदर्भ में उन्होंने अपना प्रशासनिक अनुभव को विद्यार्थियों एवं मानवाधिकार के कार्यकर्ताओं के साथ साझा किया।*
कार्यक्रम का सफल संचालन अस्सिटेंट प्रोफेसर दीपिका कुमारी ने किया तथा मानवाधिकार संघ के सहसचिव श्री शेखर सहाय ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एम.एम.सिंह, कुलपति प्रोफेसर प्रभात कुमार पाणी, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक और एकेडमिक अधिकारियों, सम्मानित अतिथियों, विद्यार्थियों, कार्यकर्ताओं, प्रेस मीडिया के संवाददाताओं का धन्यवाद तथा आभार प्रकट किया।
*अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन*
इस कार्यशाला में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के एमबीए, मास कॉम और लॉ विभाग के लगभग डेढ़ सौ विद्यार्थी शामिल हुए। इसके अलावा लगभग एक सौ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
सभी ढाई सौ प्रतिभागियों के मध्य सर्टिफिकेट एवं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार से संबंधित अंकित सभी 30 अनुच्छेदों का वर्ष 2026 के कैलेंडर का वितरण किया गया।
कार्यक्रम में निम्नलिखित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे श्री मृत्युंजय महतो पूर्व न्यायाधीश, श्री बृजमोहन कुमार,पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), प्रोफेसर प्रभात कुमार पाणी, कुलपति, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, श्री अवधेश गिरी,श्री मनोज किशोर श्री दिनेश कुमार कीनू डॉक्टर वनिता सहाय डॉक्टर एक अखौरी, श्री संतोष सिंह श्री अमित गिरी श्री विक्रम सिंह,श्री सौरव गिरी,श्री नवीन श्रीवास्तव श्री शेखर कुमार सहाय, श्री मनोज सिंह,श्री संतोष पांडे, प्रोफेसर दीपिका पांडे,श्री राजेंद्र यादव, श्री भीष्म सिंह,श्री पन्ना सिंह, श्री संजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.