रोहतक के काहनी गांव में आनर किलिंग की घटना में 23 वर्षीय सपना की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सपना और सूरज ने तीन साल पहले कोर्ट मैरिज की थी, जिससे सपना का परिवार नाखुश था।
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शुक्रवार, 21 नवंबर 2025
पूर्णियां: LJP के विधायक पर लटकी सदस्यता खत्म होने की तलवार? पहली बार पहुंचे हैं विधानसभा
पूर्णियां जिले के कसबा विधानसभा से नवनिर्वाचित लोजपा विधायक नितेश कुमार सिंह के खिलाफ अधिवक्ता अनिल कुमार ने निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग और जिला पदाधिकारी, पूर्णियां से शिकायत की है. अधिवक्ता का आरोप हैं कि लोजपा प्रत्याशी नितेश कुमार सिंह ने अपने नामांकन के वक्त दिए एफिडेविट में अपराधिक मामलें को जानबूझ कर छिपा लिया है. अनिल कुमार ने बताया कि नवनिर्वाचित विधायक नितेश कुमार सिंह पर कोलकाता सीबीआई कोर्ट में केस चल रहा है, जिसमें इनके ऊपर चिटफंड कंपनी के नाम पर करोड़ों रूपये के गबन का आरोप हैं.
अधिवक्ता अनिल कुमार ने बताया कि लोजपा उम्मीदवार ने जानबूझकर इस मामले को छिपाया है. जबकि, वे इस मामले में चार्जशीटेड हैं और उन्हें समन भी किया जा चुका हैं. उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से लोजपा विधायक नितेश कुमार सिंह की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
सीएम पद पर नीतीश कुमार ने ली शपथ
बिहार की 18वीं विधानसभा में नीतीश कुमार ने 10 वीं बार सीएम पद पर शपथ ग्रहण किया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में लोकजन शक्ति पार्टी का प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में काफी अच्छा रहा. पार्टी को कुल 19 सीटों पर जीत मिली है. इस बार के मंत्रिमंडल में लोजपा के दो सदस्यों को मंत्री बनाया गया है. लोजपा के संजय सिंह और संजय पासवान को मंत्री बनाया गया है. लोजपा के संजय सिंह, महुआ सीट से विधायक हैं. वहीं संजय पासवान बखरी से विधायक हैं. दोनों को बिहार मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है. दोनों को मंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान और पार्टी का आभार जताया.
वहीं जेडीयू के मुख्यमंत्री समेत 9, बीजेपी के 14, जीतन राम मांझी की पार्टी हम से 1 और उपेंद्रनाथ कुशवाहा की पार्टी से 1 सदस्य को मंत्री बनाया गया है. नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में कुल 26 मंत्रियों को शामिल किया गया है. इस कैबिनेट की खास बात ये है कि इसमें सिर्फ एक मुस्लिम चेहरे को स्थान दिया गया है, जिसका नाम जमा खान है. वहीं जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के बेटों को भी मंत्री बनाया गया है.
बंगाल में SIR से घुसपैठियों में हडकंप, सीमा पार जाने के लिए बॉर्डर पर इकट्ठा हुए सैकड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या
कोलकाता :-बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही बांग्लादेशी घुसपैठियों के बिना बाड़ वाली सीमा से होकर भागने या अपने देश वापस लौटने की होड़ मची हुई है.विशेषकर कोलकाता से सटे सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले के स्वरूपनगर व हकीमपुर इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बड़ी संख्या में घुसपैठिए वापस जाने के पिछले कुछ दिनों से समूह में लगातार इकठ्ठा हो रहे हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है। जिसके चलते यह सीमा अभी घुसपैठियों से भरा पड़ा है। इस भीड़ में कई रोहिंग्या भी शामिल हैं, जो म्यांमार से बांग्लादेश के रास्ते अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए थे। अब ये लोग किसी तरह अपने देश वापस लौटना चाहते हैं।ये घुसपैठिए इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें सीमा पार कर वापस जाने की अनुमति दी जाएगी अथवा बीएसएफ बीजीबी (बार्डर गार्ड बांग्लादेश) को उन्हें सौंपेगा। उनका कहना है कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं, लेकिन उनके पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे दस्तावेज हैं.अधिकतर घुसपैठियों का कहना है कि वे रोजी-रोटी की तलाश में भारत आए थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई घुसपैठियों का कहना है कि बांग्लादेश वापस जाने पर उन्हें भीख मांगनी पड़ सकती है, क्योंकि भारत की तरह वहां उन्हें काम नहीं मिलेगा।
घुसपैठियों का खुलासा: टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की
हकीमपुर चेकपोस्ट पर पकड़े गए घुसपैठियों ने चौंकाने वाला सच बताया-हकीमपुर चेकपोस्ट पर पकड़े गए घुसपैठियों ने मीडिया के सामने चौंकाने वाला सच बताया। अधिकतर ने कहा कि वे दलाल को पैसे देकर बंगाल में घुसे थे और सत्तारूढ़ टीएमसी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उन्हें भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की।
अब वापस म्यांमार लौटना चाहते हैं रोहिंग्या-हकीमपुर सीमा पर हिरासत में लिए गए म्यांमार निवासी एक रोहिंग्या मोहम्मद सलीम ने कहा- अब मैं बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में वापस जाना चाहता हूं। वहां से म्यांमार लौट जाऊंगा। पूछताछ में उसने बताया कि 5-6 साल पहले वह बांग्लादेश के रास्ते इसी सीमा के जरिए भारत में दाखिल हुआ था। वह हैदराबाद में चला गया और पिछले कई सालों से वहां दिहाड़ी मजदूरी करता था।
बंगाल में एसआइआर शुरू होने के बाद, वह अपने परिवार सहित वापस भागने का रास्ता ढूंढ़ते हुए हकीमपुर पहुंचा। सलीम की पत्नी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि अब कहां जाना है। मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं हैं।
वापस लौटने की कोशिश करने वाले घुसपैठियों की संख्या में बड़ी वृद्धि-सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि हाल के सप्ताहों में विशेषकर उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों में भारत-बांग्लादेश सीमा के बिना बाड़ वाले इलाकों के जरिए अवैध तरीके से वापस लौटने की कोशिश करने वाले अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी गई है। अधिकारी के अनुसार, पहले ऐसी घटनाएं बमुश्किल दोहरे अंक में पहुंचती थीं। अब यह आंकड़ा हर दिन लगातार तीन अंकों में पहुंच रहा है।
गलत खबर फैलाने के आरोप में मीडिया कर्मियों पर हमला-इधर, हकीमपुर सीमा पर गुरुवार को उस समय तनाव फैल गया जब बांग्लादेश लौटने वालों के बारे में गलत खबर फैलाने के आरोप में स्थानीय लोगों ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक चैनल के मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की और उनका विरोध किया। साथ ही उनकी गाड़ियों पर हमले का भी आरोप है। उन्होंने शिकायत की कि कुछ मीडिया चैनल गलत खबरें फैला रहे हैं।
पाकुड़: हर घर तक पहुंचेगी योजना, पाकुड़ में शुरू होगा मेगा कैम्पेन
झारखंड, पाकुड़: राज्य सरकार के “आपकी योजना – आपकी सरकार – आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत पाकुड़ जिले में 21 नवंबर 2025 से 15 दिसंबर 2025 तक हर पंचायत और नगर परिषद के वार्डों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। कुल 128 पंचायतों और 21 वार्डों में यह कार्यक्रम चलेगा।
डीसी ने दिया साफ निर्देश- जनता को मिले पूरा लाभ
डीसी मनीष कुमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिविर संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को जगह पर ही सुना जाए और समाधान को प्राथमिकता दी जाए।
शिविरों के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर
डीसी ने सभी बीडीओ और सीओ को शिविरों का अधिक से अधिक प्रचार करने के लिए कहा है ताकि कोई भी पात्र लाभुक योजना से वंचित न रहे। शिविरों में अधिक से अधिक आवेदन लेने के भी निर्देश दिए गए।
इन प्रमुख योजनाओं पर विशेष जोर
शिविरों में कई लोक-कल्याणकारी योजनाओं पर आवेदन लिए जाएंगे। इनमें झारखंड मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना, अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, अबुआ आवास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सर्वजन पेंशन योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, हरा राशन कार्ड, रोजगार सृजन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना और विभिन्न प्रमाण पत्रों का निर्गमन शामिल हैं।
शिविर में उपलब्ध होंगी ऑन-द-स्पॉट सेवाएं
शिविरों में मौके पर ही कई सेवाएं दी जाएंगी। जाति प्रमाण पत्र वितरण, SHG ID कार्ड, धोती-साड़ी-लुंगी वितरण तथा कंबल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही आधार/राशन कार्ड संशोधन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सुधार, बिजली बिल समाधान और पेंशन आवेदन भी लिए जाएंगे।
नागरिकों से अपील- दस्तावेज़ लेकर पहुंचे शिविर में
उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील की है कि अपने नजदीकी पंचायत शिविर में निश्चित रूप से पहुँचे। इसके साथ आधार कार्ड, वोटर ID, बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज साथ रखने की सलाह दी गई है।
21 नवंबर को इन पंचायतों में लगेगा शिविर
जामुगड़िया पंचायत भवन (अमड़ापाड़ा)
बाबूपुर पंचायत एवं मनिडांगा (हिरणपुर)
शहरग्राम पंचायत, अमलागाछी मैदान (महेशपुर)
शहरकोल व पोचाथोल पंचायत (पाकुड़)
मोंगलाबांध पंचायत सचिवालय (पाकुड़िया)
नगर परिषद-वार्ड 01, वार्ड विकास केंद्र, नया बस स्टैंड
22 नवंबर को इन पंचायतों में होगा आयोजन
मालपहाड़ी पंचायत भवन (पाकुड़)
बरमसिया पंचायत (हिरणपुर)
लिट्टीपाड़ा पंचायत परिसर
रोलाग्राम मध्य विद्यालय मैदान, तेलियापोखर पंचायत भवन (महेशपुर)
गिरिडीह: जमीन के लफड़े में चले गोली और बम
गिरिडीह के जमुआ थाना क्षेत्र के कारोड़ीह गांव में गुरुवार की शाम जमीन के लफड़े को लेकर अचानक तनाव भड़क उठा। चारदीवारी निर्माण के दौरान कुछ युवकों ने मौके पर पहुंचकर न केवल मारपीट की, बल्कि पेट्रोल बम और हथियारों से फायरिंग भी की। लगातार धमाकों और गोलीबारी की आवाज से इलाके में तहलका मच गया और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।
पुलिस पहुंची तो आरोपी फरार
घटना की सूचना मिलते ही जमुआ थानेदार मणिकांत कुमार और एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सभी आरोपी फरार हो गए। पचम्बा थाना पुलिस ने घटनास्थल की तलाशी लेकर कई खोखे बरामद किए। पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर बम फोड़ने और फायरिंग के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं।
चारदीवारी निर्माण के दौरान हुआ हमला
जानकारी के अनुसार, जमुआ के अखिलेश्वर सिन्हा और उनके बेटे हर्ष सिन्हा गुरुवार को अपने जमीन पर चारदीवारी का निर्माण करा रहे थे। इसी दौरान पचम्बा निवासी सन्नी रायन अपने साथियों जुगनू, सब्बीर और परसाटांड़ के विजय वर्मा के साथ वहां पहुंचा। आरोप है कि सन्नी रायन ने मजदूरों के साथ मारपीट की और काम रुकवाने की कोशिश की।
दहशत फैलाने के लिए चलाई गोली और फोड़े बम
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद के दौरान सन्नी रायन और उसके साथियों ने कई राउंड फायरिंग की। गोली चलने की आवाज दूर तक सुनाई गई। इसके अलावा पेट्रोल बम फेंककर धमाके किए गए, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए घरों के दरवाजे बंद कर लिए और कई परिवार घटनास्थल से दूर भागते देखे गए।
रंगदारी मांगने का आरोप
पीड़ित हर्ष सिन्हा ने बताया कि सन्नी रायन पिछले कई दिनों से उनसे रंगदारी की मांग कर रहा था। उन्होंने कहा कि रंगदारी नहीं देने पर गुरुवार को वह गुर्गों के साथ पहुंचा और हमला कर दिया। हर्ष सिन्हा ने बताया कि उसने मजदूरों को पीटा, फिर गोली चलाकर डराने की कोशिश की। उसके बाद बम भी फोड़े।
कई नाम आए जांच के दायरे में
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सन्नी रायन, जुगनू, सब्बीर और विजय वर्मा के नाम सामने आए हैं। सभी पर जमीन कब्जा करने और लोगों को धमकाने का आरोप है। पुलिस टीम ने पूरे क्षेत्र में छापेमारी शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही है।
इलाके में बढ़ाई गई पुलिस गश्त
घटना के बाद जमुआ और पचम्बा थाना क्षेत्र में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन विवाद को लेकर क्षेत्र में तनाव पहले से ही बना हुआ था, लेकिन इस तरह बम और गोली चलने की घटना पहली बार हुई है।
राँची: डीसी भजंत्री का सख्त संदेश- जनता के सम्मान से समझौता नहीं
राँची : समाहरणालय का सभागार आज दिनभर हलचल में रहा। डीसी भजंत्री की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में जिले के सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक का माहौल औपचारिक तो था, लेकिन डीसी भजंत्री की बातों में लोगों के प्रति संवेदनशीलता साफ झलक रही थी। डीसी भजंत्री ने सभी अधिकारियों से अपील की कि वे आम जनता से मिलते समय धैर्य और संवेदनशीलता का परिचय दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता हमारे लिए प्राथमिक है। किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं होगा। उनका मानना है कि प्रशासन का असली उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना है, न कि केवल कागजी कामकाज पूरा करना।
विकास योजनाओं की समीक्षा
बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, अबुआ आवास, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और अमृत सरोवर योजना जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। डीसी भजंत्री ने अधिकारियों से कहा कि लंबित कार्यों को तय समय-सीमा के भीतर पूरा करना न केवल जिम्मेदारी है, बल्कि जनता के विश्वास को बनाए रखने का तरीका भी है।
राजस्व और भूमि मामलों में तेजी
लगान, म्यूटेशन, जमाबंदी सुधार और दाखिल-खारिज के लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। डीसी भजंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के अधिकारों का संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान
डीसी भजंत्री ने समाहरणालय परिसर में साफ-सफाई और जन शिकायत निवारण प्रणाली पर विशेष जोर दिया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को सघन करने और ओडीएफ स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिले के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं और दवाओं की उपलब्धता की नियमित समीक्षा करने के लिए कहा गया।
अधिकारियों की सहभागिता
बैठक में उप विकास आयुक्त सौरभ कुमार भुवनिया, अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची उत्कर्ष कुमार, अपर समाहर्ता रामनारायण सिंह, अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) राजेश्वर नाथ आलोक, निदेशक डीआरडीए सुदर्शन मुर्मू, परियोजना निदेशक ITDA रांची संजय कुमार भगत और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
दिल्ली: कोकून से करघे तक… IITF में झारखंड की महिलाएं बदल रही तसर की कहानी
दिल्ली: भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में जब लोग झारखंड पवेलियन के भीतर कदम रखते हैं, तो उन्हें सबसे पहले करघे की हल्की थरथराहट सुनाई देती है। कोने में बैठी तसर कारीगर तम्सुम अपने हाथों से धागों को संभालते हुए जैसे हर सूत में अपनी जीवन कहानी बुन देती है। पास ही उबलते पानी की भाप के बीच एक और महिला कोकून से रेशम निकालती है, और उस चमक में उनके घरों की रोशनी साफ दिखती है। यही है झारखंड पवेलियन की असली पहचान, तसर की असली चमक, जो इन महिलाओं के हाथों से निकलकर पूरे देश तक पहुंचती है।
गांवों से दिल्ली तक… एक लंबा सफर
झारखंड को आज देश की तसर राजधानी कहा जाता है। 2001 में जहां 90 मीट्रिक टन कच्चा रेशम बनता था, वहीं आज यह आंकड़ा 1363 मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। इस सफर के केंद्र में हैं वे महिलाएं, जिनके हाथों में अभाव के बीच भी सीखने और आगे बढ़ने की जिद रही। राज्य में आज 100 कोकून संरक्षण केंद्र और 40 परियोजना केंद्र काम कर रहे हैं। इन केंद्रों में सुबह-सुबह काम पर पहुंचने वाली महिलाएं सिर्फ धागा नहीं काततीं, बल्कि उस धागे में अपनी रोजमर्रा की लड़ाइयों, अपने परिवार की जरूरतों और अपने बच्चों की पढ़ाई का सपना भी पिरोती हैं।
“इस धागे में हमारी मेहनत भी है और हमारी उम्मीद भी”
पवेलियन में मौजूद एक कारीगर कहती है, “पहले हमें नहीं पता था कि तसर का धागा इतनी दूर तक भी जा सकता है। अब लगता है हम भी कुछ बड़ा कर रहे हैं। इस धागे में हमारी मेहनत भी है और हमारी उम्मीद भी।” झारखंड में तसर उत्पादन के लगभग 50 से 60 प्रतिशत कामकाज की कमान महिलाएं संभालती हैं। यार्न उत्पादन तो पूरी तरह उनके हाथों में है। उनके लिए यह काम सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता देने वाला सहारा है।
CFC केंद्रों ने बदली तस्वीर
झारक्राफ्ट, JSLPS और रेशम निदेशालय की मदद से राज्य भर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) चल रहे हैं। यहां 30 से 60 महिलाएं एक साथ बैठकर धागा निकालने, रंगाई, बुनाई और डिजाइन सीखने का काम करती हैं। इन केंद्रों ने न सिर्फ उन्हें हुनर दिया बल्कि घर से बाहर निकलकर टीम में काम करने का आत्मविश्वास भी दिया।
एक महिला बुनकर बताती है, “पहले हम घर से बाहर नहीं जाते थे। आज हम खुद कपड़े बनाते हैं, बेचते हैं और ट्रेनिंग भी देते हैं। बच्चे कहते हैं… मां, आप तो दिल्ली भी जा आईं।”
पवेलियन में तसर के पीछे छिपी दुनिया दिखाई देती है
झारखंड पवेलियन में हो रही लाइव डेमो लोगों का सबसे बड़ा आकर्षण है। पानी में डूबते कोकून, उनसे निकलते महीन धागे, और फिर उन्हीं धागों से करघे पर बनी मुलायम कपड़े की पट्टी, यह पूरी प्रक्रिया दर्शकों को बताती है कि तसर सिर्फ एक उत्पाद नहीं, बल्कि मेहनत, हुनर और परंपरा का मेल है। लोग तम्सुम से पूछते हैं कि यह काम कितना मुश्किल है। वह मुस्कुराकर कहती है, “मुश्किल तो है, पर इसी ने हमें आगे बढ़ाया है। इसी ने हमें पहचान दी है।”
हस्तशिल्प की खुशबू और गांव की मिट्टी साथ आई
पवेलियन में झारक्राफ्ट द्वारा पेश किए गए तसर आधारित वस्त्र और ग्रामीण हस्तशिल्प लोगों को रोक लेते हैं। हर साड़ी, दुपट्टा और स्टोल में कहीं न कहीं झारखंड के जंगलों और गांवों की छाप मिलती है। यह सिर्फ बिक्री का स्थान नहीं, बल्कि हजारों कारीगरों की मेहनत और उनकी आर्थिक आजादी का मंच भी है।
एक छत के नीचे झारखंड की कहानी
IITF 2025 में झारखंड पवेलियन सिर्फ उत्पाद नहीं दिखा रहा। यह बताता है कि कैसे तसर ने महिलाओं के जीवन बदले, कैसे गांवों में नई अर्थव्यवस्था खड़ी हुई, और कैसे एक राज्य ने अपनी परंपरा को आधुनिक बाजार से जोड़कर नया रास्ता बनाया। जब पवेलियन से बाहर निकलते हैं, तो तसर की चमक आपकी आंखों में बस जाती है। और यह महसूस होता है कि इस चमक में सिर्फ रेशम की सुंदरता नहीं, बल्कि उन हाथों का उजाला भी है, जिन्होंने इसे संभव बनाया।
कांड्रा में दर्दनाक हादसा: हाइवा की चपेट में आया प्लांट कर्मचारी, 30 फीट तक घसीटा गया
कांड्रा : सरायकेला जिले के कांड्रा थाना क्षेत्र स्थित अमलगम कंपनी मार्ग पर शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसा घटित हुई। अमलगम स्टील प्लांट में कार्यरत कर्मचारी सुभाष प्रमाणिक ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार हाइवा ने मोड़ पर उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि सुभाष अपनी मोटरसाइकिल समेत हाइवा के नीचे जा घुसे और करीब 30 फीट तक घसीटे जाते रहे।लगभग 45 मिनट तक हाइवा के नीचे दबे रहने के बाद ग्रामीणों के गुस्से और दबाव पर प्लांट प्रबंधन ने एक लोडर भेजा, जिसके सहारे सुभाष को बाहर निकाला गया।
सरायकेला के जगन्नाथपुर में श्रीकृष्ण मन्दिर निर्माण हेतु भूमि पूजन 27 को, तैयारी जोरों पर*
सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरुप पंचायत के जगन्नाथपुर गांव में स्थित रांगांटांड मैदान पर श्रीकृष्ण मन्दिर निर्माण हेतु भूमि पूजन समारोह की तैयारी जोरों पर है।
ज्ञात हो कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर यहाँ भव्य रूप से पूजा व मेला का संचालन होती है। पूजा व मेला का संचालन विगत 19 वर्ष पहले सन 2007 को शुभारंभ किया गया था, तब से लेकर आज तक यहां पर सात दिवसीय दिवारात्रि मेला काफी भव्यता के साथ मनाया जाता है। जिसमें सभी वर्ग के लोगों का अपार स्नेह मिलता है। इस मेला व पूजा पर सभी जाति, सभी धर्म एवं सभी संप्रदाय के लोगों का जमावड़ा देखने का मिलता है। लोगों के अपार श्रद्धा व आस्था के फल स्वरुप इस वर्ष आगामी 27 नवंबर 2025 दिन गुरुवार को इस पावन धरा पर एक भव्य श्री कृष्ण मंदिर की भूमि पूजन समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
पूजा समिति के अध्यक्ष नागेश्वर प्रधान ने बताया कि 27 नवंबर 2025 को सुबह 10:30 बजे भव्यता के साथ भूमि पूजन समारोह का आयोजन तय है। उन्होंने लोगों से अपील भी किया है कि आप सपरिवार शामिल होकर भूमि पूजन समारोह को सफल बनाएंगे।
*श्रीकृष्ण मन्दिर निर्माण हेतु भूमि पूजन को लेकर आयोजन समिति चला रही है जनसंपर्क अभियान*
कार्यक्रम को सफल करने के लिए पूजा समिति के अध्यक्ष नागेश्वर प्रधान , सचिव हेमसागर प्रधान , कोषाध्यक्ष जगन्नाथ प्रधान ,कृष्णा कुमार प्रधान,विष्णु प्रधान,उमाकांत प्रधान, देवदत्त प्रधान एवं तमाम समिति के लोगों ने कार्यक्रम को लेकर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। साथ ही साथ अनुष्ठान को सफल करने के लिए तैयारी जोरों पर कर रहे हैं । जिसमें क्षेत्र के सभी प्रबुद्ध नागरिकों व समाजसेवियों को निमंत्रण पत्र देकर आमंत्रित कर रहे हैं । क्षेत्र के सांसद, विधायक, मुखिया एवं आसपास के लोगों को आमंत्रण पत्र देकर कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान भी करते हुए देखे जा रहे हैं ।उन्होंने अपील किया है कि भगवान श्री कृष्ण जी के पावन मंदिर निर्माण में साक्षी अवश्य बने।
पोटका विधानसभा से आज जो तस्वीरें सामने आई हैं… वो किसी उत्सव से कम नहीं। यह कोई शादी-ब्याह का माहौल नहीं… यह इंतज़ार है अपने विधायक का।
टांगरसाई गांव में चौपाल जैसी भीड़, चेहरे पर उम्मीद की चमक, और आँखों में बरसों पुरानी मांगें पूरी होने की आस… क्योंकि आज यहां पीसीसी सड़क का शिलान्यास होना है। लोग दूर-दूर से आए, सड़क किनारे घंटों बैठकर बस एक ही पल का इंतज़ार कर रहे थे विधायक संजीव सरदार के आगमन का।
और जैसे ही विधायक पहुंचे… गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने अपनी तकलीफ़ें सुनाईं, अपनी उम्मीदें बताईं और विधायक ने भी दिल खोलकर हर संभव मदद का भरोसा दिया।
सबसे खास बात यह कि रात के अंधेरे ने भी उनके कदमों को नहीं रोका। शिलान्यास के कार्यक्रमों का ताता चलता रहा एक गांव से दूसरे गांव, एक गली से दूसरी गली… विधायक की गाड़ियों का काफ़िला लगातार लोगों की सेवा में दौड़ता रहा।
टांगरसाई की यह भीड़ सिर्फ़ भीड़ नहीं… यह विश्वास है। यह भरोसा है। और यह वह रिश्ता है जो जनता और जनप्रतिनिधि को एक नई उम्मीद के साथ जोड़ता है।
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