इस साल की अमरनाथ यात्रा को तय समय से पहले रविवार को स्थगित कर दिया गया है। यह यात्रा सामान्यतः 9 अगस्त (रक्षा बंधन) तक चलती, लेकिन लगातार भारी बारिश और यात्रा मार्गों की खस्ता हालत के चलते इसे एक सप्ताह पहले ही रोक दिया गया।
अधिकारियों का कहना है कि बालटाल और पहलगाम दोनों रास्तों पर स्थिति खराब हो गई थी। रास्तों की मरम्मत जारी है और ऐसे में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं था।
कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने जानकारी दी कि क्षेत्र में हाल ही की बारिश से कई इलाकों में नुकसान हुआ है, जिससे यात्रियों के लिए मार्ग असुरक्षित हो गया। ऐसे में यात्रा को रोकने का निर्णय लेना जरूरी था।
हालांकि, अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, यात्रा के समय से पहले बंद होने के बावजूद करीब 4 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए हैं। अंतिम सप्ताह में मौसम के कारण यात्री संख्या में गिरावट देखी गई।
इस वर्ष सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। जम्मू से श्रद्धालुओं को सुरक्षित काफिलों में ले जाया गया और श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर आम लोगों की आवाजाही यात्रा के दौरान रोकी गई थी।
अमरनाथ यात्रा का इतिहास 1850 के दशक से जुड़ा है, जब बोटा मलिक नामक एक मुस्लिम चरवाहे ने गुफा की खोज की थी। यह यात्रा आज भी कश्मीर की गंगा-जमुनी तहज़ीब और धार्मिक सद्भावना का प्रतीक मानी जाती है।
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