बारिश का मौसम अपनी ठंडक और हरियाली के साथ खुशियां लाता है, लेकिन यह पाचन से जुड़ी समस्याओं का सबब भी बन सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मॉनसून में दूषित भोजन और पानी के सेवन से पेट की गड़बड़ी, अपच, गैस और दस्त जैसी समस्याएं आम हो सकती हैं। ऐसे में गट हेल्थ यानी आंतों की सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून में नमी और साफ-सफाई की कमी के कारण पेट में मौजूद खरबों सूक्ष्म बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जो पाचन क्रिया और रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है। स्ट्रीट फूड और कच्ची सब्जियों में बैक्टीरिया और परजीवियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे डायरिया और फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या करें, क्या न करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि मॉनसून में घर का बना ताजा और हल्का भोजन ही खाएं। कच्ची सब्जियों को अच्छी तरह धोकर और उबालकर खाएं। प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही और छाछ आंतों की सेहत को बेहतर बनाते हैं। मसालेदार और तैलीय भोजन से परहेज करें और अदरक, काली मिर्च व हींग जैसे पाचन सहायक तत्वों को भोजन में शामिल करें। उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी पीना भी जरूरी है।
योग और व्यायाम का सहारा
पाचन को दुरुस्त रखने के लिए हल्का व्यायाम और योग, जैसे वज्रासन और कपालभाति, फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्ट्रीट फूड से पूरी तरह दूरी बनाए रखें, भले ही वह कितना स्वादिष्ट क्यों न हो।
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