राँची: छोटानागपुर की पहाड़ियों और पलामू के गांवों से लेकर सरायकेला और गुमला के टोले तक, कई ऐसे होनहार बच्चे हैं जिनके सपनों में IIT और AIIMS की चमक है, पर आर्थिक तंगी उन्हें उस राह पर चलने नहीं देती। झारखंड सरकार अब इन्हीं सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रही है। राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने “झारखंड अनुसूचित जनजाति शिक्षण उत्थान कार्यक्रम” शुरू किया है। इस योजना के तहत JEE और NEET की तैयारी करने वाले जनजातीय छात्रों को निःशुल्क आवासीय कोचिंग दी जाएगी, वो भी देश की प्रसिद्ध संस्था मोशन एजुकेशन, कोटा के सहयोग से।
सरकार की पहल: परियोजना निदेशक और योजना के अध्यक्ष संजय कुमार भगत बताते हैं, “यह केवल एक कोचिंग प्रोग्राम नहीं, बल्कि अवसरों की खिड़की खोलने वाली पहल है। हम चाहते हैं कि किसी भी बच्चे की प्रतिभा सिर्फ इसलिए पीछे न रह जाए क्योंकि उसके पास साधन नहीं हैं।”
कैसे मिलेगा मौका: राज्यभर के इच्छुक छात्र इस योजना के लिए www.jharkhandshikshanutthan.com वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 19 नवम्बर 2025 शाम 5 बजे तक तय की गई है। कुल 300 छात्रों का चयन किया जाएगा, जिन्हें रांची के हिंदपीढ़ी स्थित मल्टीपर्पस हॉल-कम-ट्रेनिंग सेंटर में रहकर पढ़ाई का पूरा अवसर मिलेगा।
कोचिंग, रहना, पढ़ना… सबकुछ मुफ्त: चयनित छात्रों को मुफ्त में कोचिंग, हॉस्टल की सुविधा, ई-कॉन्टेंट युक्त टैबलेट और पुस्तकालय की व्यवस्था दी जाएगी। लड़के और लड़कियों के लिए अलग छात्रावास बनाए गए हैं।
सफलता की राह पर झारखंड के बच्चे: झारखंड के कई जिलों में शिक्षा की नई लहर दौड़ पड़ी है। गांवों के शिक्षक अब अपने विद्यार्थियों को इस योजना के बारे में बता रहे हैं। कई माता-पिता, जो पहले अपने बच्चों को बड़े शहरों में भेजने से हिचकते थे, अब कहते हैं, “सरकार साथ दे रही है तो हमारा बच्चा भी डॉक्टर बनेगा।”









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