मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश):
डीएवी कॉलेज बुढ़ाना में एक दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। कॉलेज के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल राणा (22 वर्ष) ने कथित तौर पर फीस न जमा कर पाने पर प्राचार्य और पुलिस की प्रताड़ना से आहत होकर कॉलेज परिसर में ही खुद को आग लगा ली।
जानकारी के अनुसार, उज्ज्वल ने कॉलेज प्राचार्य प्रदीप कुमार से कुछ दिन की मोहलत मांगी थी ताकि गन्ने का भुगतान मिलने के बाद वह फीस जमा कर सके। आरोप है कि इस पर प्राचार्य ने उसे ताना मारते हुए कहा – “कॉलेज तेरे बाप की धर्मशाला नहीं है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छात्र और प्राचार्य के बीच कहासुनी बढ़ गई। आरोप है कि प्राचार्य ने उसे धक्का देकर ऑफिस से निकाला और पीटीआई संजीव कुमार से पिटवाया। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया, जहां एसआई नंद किशोर और सिपाही ज्ञानवीर व विनीत ने भी छात्र के साथ दुर्व्यवहार किया।
अपमानित छात्र कॉलेज से बाहर नहीं गया। उसने वहीं पेट्रोल डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया। जब आग की लपटों में घिरा उज्ज्वल मदद के लिए चिल्ला रहा था, तो आरोप है कि प्राचार्य ने छात्रों से कहा — “जो बचाने जाएगा, उसे कॉलेज से निकाल दिया जाएगा।”
कुछ छात्रों ने जोखिम उठाकर उसे बचाने की कोशिश की, जिनके हाथ और बैग तक जल गए। गंभीर रूप से झुलसे उज्ज्वल को पहले बुढ़ाना, फिर मेरठ, और अंततः दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 80 प्रतिशत जलने के कारण उसने दम तोड़ दिया।
मरने से पहले उज्ज्वल ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया जिसमें उसने प्राचार्य और पुलिसकर्मियों पर मारपीट, गाली-गलौज और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए। उज्ज्वल ने कहा, “मैंने गरीब छात्रों के हक की बात की थी, इसलिए मुझे डराया और धमकाया गया। अगर मैं मरता हूं, तो जिम्मेदार प्राचार्य और पुलिसकर्मी होंगे।”
वीडियो सामने आने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया। जाट महासभा के नेतृत्व में कॉलेज के बाहर धरना और प्रदर्शन हुआ। “उज्ज्वल को इंसाफ दो” के नारे गूंज उठे। स्थानीय नेताओं, छात्र संगठनों और युवाओं ने पुलिस और कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए।
उधर, कॉलेज प्रबंधक अरविंद गर्ग ने मीडिया से कहा कि आरोप निराधार हैं और छात्र से केवल आधी फीस जमा कराने की बात कही गई थी। वहीं, प्राचार्य प्रदीप कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद पुलिस को बुलाया था और कोई मारपीट नहीं की गई।
मृतक छात्र बागपत जिले के भड़ल गांव का निवासी था। परिवार के अनुसार, उज्ज्वल पढ़ाई में होनहार और बेहद शांत स्वभाव का था। उसकी बहन सलोनी राणा ने कहा,
“मेरे भाई ने मौत नहीं चुनी, सिस्टम ने उसे मरने पर मजबूर किया।”







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