राँची: जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय चौबे की परेशानी लगातार बढ़ रही है। शराब घोटाला और हजारीबाग खासमहल (सेवायत) जमीन घोटाले के बाद अब वन भूमि घोटाले में भी उनका नाम सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हजारीबाग में उनके कार्यकाल के दौरान हुए इस घोटाले की जांच पूरी कर उन्हें अभियुक्त बनाया है।
एसीबी ने कोर्ट में रिमांड की अर्जी दी: एसीबी ने कांड संख्या 11/2025 दर्ज की है और चौबे को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। इस पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। एजेंसी ने इस मामले में प्राथमिक जांच पूरी कर ली थी, जिसमें चौबे की संलिप्तता पाई गई।
73 लोग बने आरोपी, विधायक और अधिकारी भी शामिल: एसीबी ने इस केस में कुल 73 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें चौबे के करीबी विनय सिंह, उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह, हजारीबाग विधायक प्रदीप प्रसाद, तत्कालीन सीओ शैलेश कुमार और ब्रोकर विजय सिंह शामिल हैं।
सितंबर में एसीबी ने विनय सिंह को गिरफ्तार किया था, जबकि शैलेश कुमार और विजय सिंह को पिछले महीने पकड़ा गया। एजेंसी अब भी स्निग्धा सिंह की तलाश कर रही है।
जमीन का म्यूटेशन अवैध तरीके से हुआ: एसीबी की जांच के अनुसार, विवादित भूमि विनय सिंह और उनकी पत्नी के नाम पर म्यूटेट की गई थी। इसमें तत्कालीन डीसी विनय चौबे और कुछ स्थानीय अधिकारियों की भूमिका पाई गई। यह जमीन हजारीबाग सदर अंचल के थाना नंबर 252 में है। इसमें खाता नंबर 95 (प्लॉट नंबर 1055, 1060, 848 – 28 डिसमिल) और खाता नंबर 73 (प्लॉट नंबर 812 – 72 डिसमिल) शामिल हैं। यह भूमि बभनवे मौजा के हल्का नंबर 11 में स्थित है।
जमीन पर शोरूम का संचालन: फिलहाल इस जमीन पर नेक्सजेन नामक शोरूम चल रहा है, जो विनय सिंह और उनकी पत्नी के कब्जे में है। एसीबी का कहना है कि सबूतों और गवाहों के बयानों से चौबे की भूमिका साफ तौर पर सामने आई है।
तीन मामलों में आरोपी बने विनय चौबे: इस नए मामले के बाद विनय चौबे अब तीन अलग-अलग मामलों में आरोपी हो गए हैं। पहले से ही वह शराब घोटाले और खासमहल जमीन घोटाले में जेल में हैं। अब वन भूमि घोटाले ने उनकी कानूनी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।








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