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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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शनिवार, 20 सितंबर 2025

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में नव दुर्गा कौशल महोत्सव 2.0 का भव्य आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में नव दुर्गा कौशल महोत्सव 2.0 का भव्य आयोजन किया गया। नवरात्रि और माँ दुर्गा की थीम पर आधारित इस सांस्कृतिक उत्सव में विभिन्न विभागों के विद्यार्थी नृत्य, फैशन शो, गायन, रंगोली और फायरलेस कूकिंग प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और कला, भक्ति और उल्लास से भरे अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।


विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति के संयुक्त सहयोग से सॉफ्ट स्किल्स विभाग द्वारा आयोजित इस महोत्सव का उद्देश्य रचनात्मकता, टीम भावना और नवरात्रि की समृद्ध परंपरा के साथ गहरा जुड़ाव विकसित करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और उसके बाद माँ दुर्गा के आह्वान के साथ हुआ। इस औपचारिक शुरुआत ने रंगारंग प्रस्तुतियों और कलात्मक अभिव्यक्ति से भरपूर वातावरण का निर्माण किया।

नृत्य प्रतियोगिता में, समूहों और एकल कलाकारों ने पारंपरिक गरबा और डांडिया की लय से लेकर माँ दुर्गा की कथाओं की आधुनिक व्याख्याओं तक, नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं। प्रत्येक टीम चमकदार वेशभूषा में सजी थी, जो भक्ति की भावना और उत्सव की ऊर्जा, दोनों का आह्वान कर रही थी, और मंच को सुंदर संरचनाओं और शक्तिशाली नृत्य प्रस्तुतियों द्वारा जीवंत कर रही थी।

फ़ैशन शो एक और मुख्य आकर्षण था, जहाँ विद्यार्थियों ने माँ दुर्गा के नौ अवतारों से प्रेरित परिधानों में रैंप वॉक किया। प्रत्येक प्रतिभागी ने रंगों, कपड़ों और सहायक उपकरणों के रचनात्मक उपयोग के साथ देवी के एक अलग पहलू - साहस, ज्ञान, करुणा - का प्रतिनिधित्व किया। 

फायरलेस कुकिंग स्टॉल पर विद्यार्थियों ने अपने पाक कौशल का प्रदर्शन किया, पारंपरिक और फ्यूजन दोनों व्यंजनों से, बिना आग के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए। प्रतियोगिता में सुरक्षा, स्वच्छता और स्वाद पर जोर दिया गया, और साथ ही बिना आग के खाना पकाने के प्रारूप को भी ध्यान में रखा गया। निर्णायकों ने नमकीन स्नैक्स से लेकर मीठे व्यंजनों तक की प्रविष्टियों को चखा और स्वाद और प्रस्तुति दोनों की प्रशंसा की। इस बीच, रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय परिसर को मनमोहक और रंगों से सजे कलाकृतियों से सजाया। जीवंत रंगों के पाउडर, फूलों की पंखुड़ियों और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके, टीमों ने माँ दुर्गा के जटिल पैटर्न और चित्र बनाए। कई डिज़ाइनों में कमल की पंखुड़ियाँ, शेर का रूप और त्रिशूल जैसे रूपांकन शामिल थे, जो दिव्य शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक थे।

गायन प्रतियोगिता में आध्यात्मिक गीतों, भक्ति गीतों और माँ दुर्गा के आह्वान पर आधारित समकालीन रचनाओं की मधुर प्रस्तुतियाँ हुईं। आराधना के गंभीर भाव को दर्शाने वाले भावपूर्ण गायन से लेकर, दर्शकों को तालियाँ बजाने पर मजबूर करने वाले जीवंत गीतों तक, प्रतिभागियों ने अविस्मरणीय छाप छोड़ी। निर्णायक मंडल में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रोफेसर और सांस्कृतिक आयोजक शामिल थे, जिन्होंने रचनात्मकता, विषय की समझ, प्रदर्शन की गुणवत्ता, मंच पर उपस्थिति और मौलिकता जैसे मानदंडों के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया। सभी श्रेणियों में व्यक्तिगत उत्कृष्टता और टीम वर्क दोनों को सम्मानित करते हुए पुरस्कार प्रदान किए गए।

कार्यक्रम के समापन पर बोलते हुए, कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि ने छात्रों के उत्साह और रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने कहा, *नव दुर्गा कौशल महोत्सव 2.0 एक उत्सव से कहीं बढ़कर है; यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों, स्त्रीत्व की दिव्यता और हमारे युवाओं की प्रतिभा का उत्सव है।* उन्होंने आगे कहा, *नृत्य, कला, गीत और कूकिंग कौशल के माध्यम से, आपने आज हमें यहाँ माँ दुर्गा की उपस्थिति का एहसास कराया है।

विद्यार्थी समन्वयकों ने महोत्सव को सहयोग देने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन और इसे एक यादगार उत्सव बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया। महोत्सव का समापन पुरस्कार वितरण समारोह और शांति, समृद्धि और शक्ति के लिए माँ दुर्गा के आशीर्वाद की एक भावपूर्ण प्रस्तुति के साथ हुआ।

इस कार्यक्रम में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी.के पाणि, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोईज़ अशरफ़, प्रशासनिक अधिष्ठाता प्रो. नाजिम खान अन्य विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फेक्लटी मेंबर्स और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।




सरायकेला : गम्हरिया राइबासा फाटक पर कुड़मी समाज का रेल रुको आंदोलन , सभी रेलवे ट्रैक जाम

सरायकेला: गम्हरिया के रायबासा फाटक को कुड़मी समाज ने रेल रुको आंदोलन , प्रदर्शनकारियों ने रेल ट्रैक को किया जाम। झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में आज सुबह से रेलवे को आंदोलन का असर देखने को मिला स्टेशन के पास , रेलवे फाटक,कुड़मी जाति के लोगों ने रेलवे ट्रैक जाम का प्रदर्शन किया। कुड़मी समुदाय की बड़ी संख्या सुबह से ही आंदोलन शुरू कर दिया। इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनें बाधित हुई और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।


मौके पर हालात को नियंत्रित करने के लिए स्पेशल फोर्स की तैनाती की गई है।

प्रदर्शनकारी कहना है कि उनकी मांग पूरी तरह सामाजिक है और किसी भी प्रकार के राजनीतिक से प्रेरित नहीं है। कुड़मी समाज की प्रमुख मांग है कि उन्हें एसटी यानी अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाए , आंदोलनकारी ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम लोग वर्षों से आदिवासी रहे हैं सरकार को हमें एस टी में शामिल करना ही होगा।

कुड़मी समाज ने मांग पूरा न होने पर तक अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है।






तीन दिवसीय टेकरूट 3.0 का श्रीनाथ विश्वविद्यालय में भव्य समापन

श्रीनाथ विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय टेक फेस्ट टेकरूट 3.0 का तीसरा और अंतिम दिन आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पुरस्कार वितरण और प्रेरणादायी संबोधनों के साथ भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और विशिष्ट अतिथियों ने तकनीक, नवाचार और सांस्कृतिक विविधता का शानदार संगम देखा।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता श्री कुणाल सारंगी तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व महाप्रबंधक , एचएएल, बेंगलुरु, श्री अशुतोष कुमार सिन्हा और अल कबीर पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ. वारिस सरवार इमाम का मंच पर हार्दिक स्वागत किया गया।


परंपरागत दीप प्रज्वलन के बाद स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष श्री शशि कांत सिंह ने छात्रों को संबोधित किया। तीसरे दिन में छात्रों के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। विशेष अतिथि डॉ. वारिस सरवर इमाम ने छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए, तत्पश्चात विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. मौसुमी महतो ने विश्वविद्यालय में आमंत्रित अतिथियों को भेंट देकर सम्मानित किया। 

मुख्य अतिथि श्री कुणाल सारंगी ने अपने उद्बोधन से विद्यार्थियों को प्रेरित किया और वर्किंग मॉडल, कोड मिलिशिया तथा ब्लैक ऑप्स के विजेताओं को पुरस्कृत किया। अंत में उनका सम्मान श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुखदेव महतो ने मंच पर किया। 

पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान ट्रस्टी सदस्य श्रीमती अनीता महतो ने क्विज़ मैनिया, सुडोकू पज़ल और रूबिक क्यूब सॉल्विंग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। डीन एडमिनिस्ट्रेशन श्री जे. राजेश ने रील्स मेकिंग, मीम्स, डॉक्यूमेंट्री और ई-गेम्स के निर्णायकों को सम्मानित किया। ई-गेम्स (फ्री फायर और बीजीएमआई), लोगो डिज़ाइनिंग, ट्रेज़र हंट, वेबसाइट डिज़ाइनिंग और रोबो वॉर के विजेताओं को कुलपति श्री सुखदेव महतो ने पुरस्कृत किया और इस दौरान शुभकामना संदेश भी दिया।

कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथि श्री अशुतोष कुमार सिन्हा ने छात्रों के साथ अपना अनुभव साझा किया जिसके बाद उन्होंने मीम्स व फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। उनका सम्मान कुलपति प्रो. (डॉ.) शिवानंद सिंह ने किया। एसोसिएट डीन एकेडमिक्स डॉ. भाव्या भूषण ने रील्स मेकिंग, डॉक्यूमेंट्री और ब्रिज किर्ति के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष श्री अभिषेक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। टेकरूट 3.0 का समापन दिवस तकनीकी कौशल, नवाचार, सांस्कृतिक समृद्धि और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की झलक के साथ हुआ।






खूंटपानी: डॉ. सिंह: प्रसंस्करण से स्वरोजगार एवं महिला सशक्तिकरण के नए आयाम

उद्यान महाविद्यालय, खूंटपानी, चाईबासा में एक दिवसीय फल और सब्जी के मूल्य संवर्धन से स्वरोजगार और शशक्तीकरण उद्यमिता सह कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम।


उद्यान महाविद्यालय, खूंटपानी,चाईबासा में 19 सितम्बर 2025 के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने मूल्य संवर्धित उत्पादों की तैयारी का प्रशिक्षण किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय के सह- अधिष्ठाता डॉ. अरुण कुमार सिंह ने किया। डॉ. सिंह ने ग्रामीणे को बताया कि प्रसंस्करण से न केवल आजीविका और आय सृजन का एक प्रभावी साधन है बल्कि मूल्य संवर्धन के माध्यम से इसे स्वरोज़गार और महिला सशक्तिकरण के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्णापुर की माननीय मुखिया श्रीमती रश्मि सोय ने की। इस अवसर पर व ग्रामीण महिलाओं को जिमीकंद (ओल), का आचार, टुट्टी-फ्रुट्टी, टमाटर सॉस तथा संतर का आर. टी. एस । Ready to serve) बनाने कि विधि सिखाई गई। इस प्रशिक्षण मे 19 महिला ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की तथा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत उन्हें प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्रसंस्करण मॉड्यूल की प्रबंध निदेशक डॉ. कोयल डे तथा सहायक प्राध्यापक डॉ. अर्केद घोश एवं डॉ. अदिति गुहा चौधरी के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों को फल एवं सब्जियों के पसंस्करण तथा मूल्य संवर्धन के महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की उन्होंने बताया कि इन उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं न केवल घर की उपयोगिता बढ़ा सकती हैं, बल्कि इन्हें स्वरोजगार एवं आय के सशक्त साधन के रूप में भी विकसित कर सकती है। विद्यार्थियों की ओर से सुश्री विशाखा सोय, सुकुमार अनीकेत तन्मय तिर्की ने आयोजन की ज़िम्मेदारी संभाली, जबकि अन्य छात्रों ने मिल-जुलकर इस प्रसंस्करण एवं मूल्य - संवर्धित उत्पादों के बनाने की प्रक्रिया को सरल एवं आसान तरीके से प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों को यह संदेश दिया गया कि वैज्ञानिक तकनीक एवं प्रशिक्षण से कृषि उत्पादों का बेहतर उपयोग संभव है और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का मार्ग भी प्रशस्त होता है।





बहरागोड़ा:-भाजपा बहरागोड़ा मंडल ने एक पेड़ मां के नाम के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया.....

बहरागोड़ा संवाददाता 


बहरागोड़ा:-भारतीय जनता पार्टी बहरागोड़ा मंडल की ओर से सेवा पखवाड़ा के तहत एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेशानंद गोस्वामी एवं जिला अध्यक्ष चंडीचरण साव के द्वारा बहरागोड़ा के वीणापानी स्टेडियम परिसर में वृक्षारोपण कर किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से अपनी मां की स्मृति 1 पेड़ लगाने का आह्वान किया है। हरित भारत के लिए भाजपा कार्यकर्ता वृक्षारोपण कार्यक्रम में जनसहभाग सुनिश्चित करेंगे। 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले सेवा पखवाड़ा के कार्यक्रमों वृक्षारोपण को जन अभियान के रुप में चलाया जायेगा। वृक्षारोपण के पश्चात लोगों को संबोधित करते हुए डॉ गोस्वामी ने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई तथा कल -कारखानों के विषैले धुयें से पर्यावरण संकट में है। जलवायु परिवर्तन के कारण अति वृष्टि एवं अल्प वृष्टि तथा बादल फटने जैसे प्राकृतिक घटनायों का सामना करना पड़ रहा है। छायादार एवं फलदार वृक्ष प्रकृति में नमी बनाये रखते हैं। बारिश को अपनी ओर खिंचते हैं। स्वच्छ वायु प्रदान करते हैं। डॉ गोस्वामी ने कहा कि सुरक्षित भविष्य के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। वृक्षारोपण कर हम भावी पीढ़ी के स्वच्छ वायु प्राप्त करने के नैसर्गिक अधिकार को संरक्षित कर सकते हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष राजकुमार कर की अगुवाई में अर्चना दास, अपूर्व दास, मिहिर दोलाई, अशोक कर ने भी वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर मिहिर बैठा,सूर्यकांत साव, प्रशांत नायक,समीर कबाट आदि उपस्थित थे।

खरसावां में ओत गुरु लाकी बोदरा की 106वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई

खरसावां के जनजातीय कला संस्कृति भवन में आदिवासी हो समाज महासभा खरसावा और अधिकार संगठन जिला समिति के द्वारा पारंपरिक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत ओत गुरु लाकी बोदरा की 106 वो जयंती मनाई गई।


जयंती समारोह में खरसावा विधायक दशरथ गागराई, समाजसेवी बांसती गागराई, प्रमुख मुनेन्द्र जामुदा, खरसावा प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी,कुचाई प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु चरण देवगम , खरसावा पंचायत मुखिया सुनीता तापे आदि ने विधायक मद से निर्मित ओत गुरु लाकी बोदरा की प्रतिमा का अनावरण किया गया। 


साथ ही बारी बारी से ही समाज के लोगों ने ओत गुरु लाकी बोदरा की श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर श्री गागराई ने कहा कि भाषा संस्कृति के विकास को लेकर राज्य सरकार संकल्पित है इसी के तहत क्षेत्रीय भाषा में कैसे प्राइमरी स्तर से पढ़ाई हो सके सरकार यह प्रयास कर रही है। इस दौरान काफी संख्या में ही समाज के लोगों उपस्थित थे। 





खरसावां में रुंगटा स्टील प्लांट पर सांसद का पत्र, कहा – स्थानीय बेरोजगारों को मिले अवसर

खूंटी लोक सभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण मुंडा ने रुंगटा स्टील प्लांट में स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार एवं सीएसआर के तहत क्षेत्र का विकास करने की मांग की है।


उन्होंने सरायकेला खरसावां उपायुक्त को पत्र लिखते हुए कहा है कि सरायकेला खरसावां जिले में रुंगटा स्टील प्लांट ने अपने औद्योगिक क्षेत्र का विकास करते हुए खरसावा प्रखंड में बंद पड़ी अभिजीत कंपनी को अधिग्रहण किया है। परंतु रुंगटा स्टील को स्थानीय लोगों को रोजगार देने की आवश्यकता है तभी इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास होगा। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने सीएसआर एक्टिविटी में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र को विकास करने के लिए कार्य करें। कंपनी अपने प्लांट के आसपास गांवों में अच्छी शिक्षा के लिए स्कूल तथा लोगों के स्वास्थ्य को स्कूल तथा लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल तथा अन्य सुविधा उपलब्ध करा सकती है। लोगों को आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार करने के लिए भी कंपनी सहयोग कर सकती है। 






सरायकेला: सिविल कोर्ट शिफ्टिंग किसी कीमत पर मंज़ूर नहीं, अस्मिता की लड़ाई है” – मनोज चौधरी

किसी भी कीमत में सिविल कोर्ट का शिफ्टिंग स्वीकार नहीं यह सरायकेला के अस्मिता को बचाने की लड़ाई है. पुनः बार एसोसिएशन एवं जनता के साथ किसी भी हद तक जाना पड़ेगा तो पीछे नहीं हटेंगे - मनोज कुमार चौधरी 

सरायकेला :सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सक्रिय समाजसेवी मनोज कुमार चौधरी ने सिविल कोर्ट शिफ्टिंग का पुरजोर विरोध किया पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारा विरोध सिर्फ सिविल कोर्ट शिफ्ट करने को लेकर नहीं है, यह मुद्दा सीधे तौर पर क्षेत्र की अस्मिता से खिलवाड़ है सिविल कोर्ट में अधिवक्ता, स्टांप वेंडर, टाइपिस्ट, मोहरी, स्टेशनरी विक्रेता, जेरॉक्स वाले, चाय, पान, होटल वाले व अन्य लगभग 500 परिवारों की रोजी रोजगार से जुड़ा है।

उन्होंने कहा सरकार और प्रशासन को ज्ञात होना चाहिए कि सरायकेला जिला मुख्यालय का अतीत बेहद गौरवशाली रहा है राजा रजवाड़ा द्वारा बसाया गया सरायकेला अपनी संस्कृति और उत्कृष्ट परंपराओं के लिए जाना जाता है सरायकेला की विश्व प्रसिद्ध कला के जरिए भारत के सर्वोच्च पुरस्कार से सात लोगों को नवाजा गया है वर्ष 2001 में सरायकेला जिला बनने के बाद हम लोगों को लगा था की मूलभूत सुविधाएं मयस्सर होगी मगर सरायकेला के अस्तित्व को मिटाने के हमेशा से षड्यंत्र रचा जा रहा है पूर्व में भी उपायुक्त कार्यालय, जिला परिषद कार्यालय, रजिस्ट्री कार्यालय ,वाहन कार्यालय, जिला उपभोक्ता फोरम इत्यादि कई छोटे-बड़े कार्यालय बिना किसी वजह और ठोस योजना के सरायकेला से अन्यत्र वीरान स्थान में स्थानों में शिफ्ट कर दिए गया। अब जल जमाव का बहाना बनाकर एक षड्यंत्र के तहत सिविल कोर्ट को शिफ्ट कर सरकार/प्रशासन सरायकेला जिला मुख्यालय की उपेक्षा करना चाहती है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर बार-बार सिविल कोर्ट को बिना वजह और ठोस योजना के क्यों शिफ्ट कराया जा रहा है अब तक 4 बार सबसे पहले राजा घर के पास, दोबारा राजबांध, तीसरी बार पुनः राजा घर के पास और चौथी बार वर्तमान स्थल पर स्विफ्ट कराया गया जो वर्तमान में अच्छी तरह से कार्यरत है यदि वर्तमान स्थिति सिविल कोर्ट की भूमि उपयुक्त नहीं थी तो उक्त भूखंड पर जनता के करोड़ों रुपया खर्च कर सिविल कोर्ट का निर्माण क्यों कराया गया इसकी सभी पहलुओं पर जांच कर सिविल कोर्ट के लिए उक्त भूखंड को चयन करने वाले दोषी तकनीकी एवं अभियंत्रण अभियंताओं के ऊपर प्राथमिक की दर्ज कर जेल भेजने का काम होना चाहिए क्योंकि टैक्स के रूप में जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह अभियंता बर्बाद नहीं कर सकते

उन्होंने सिविल कोर्ट का शिफ्टिंग का जोरदार विरोध किया उन्होंने कहा कि यदि सिविल कोर्ट शिफ्ट किया गया तो अनुमंडल कार्यालय शिफ्टिंग के विरोध में आम लोगों के साथ जैसा उग्र आंदोलन किया गया था आगामी दिनों में उससे और अधिक उग्र आंदोलन किया जाएगा। यह शहर के अस्मिता को बचाने की लड़ाई है। जिसके लिए उन्हें किसी भी हद तक जाना पड़ेगा तो पीछे नहीं हटेंगे। विदित हो सरायकेला अनुमंडल कार्यालय को शहर से बाहर वीरान स्थान पर शिफ्टिंग के विरोध में मनोज कुमार चौधरी ने कड़ाके की ठंड जनवरी माह वर्ष 2019 में उग्र आंदोलन किया था उन्होंने पुराने अनुमंडल कार्यालय के समीप 5 दिनों तक आमरण अनशन कर प्रशासन को पीछे हटने पर मजबूर किया और जिसका नतीजा यह हुआ कि आज अनुमंडल कार्यालय सरायकेला शहर के बीच में अवस्थित है।

सिविल कोर्ट शिफ्टिंग के जन विरोधी निर्णय के विषय में राज्य के माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अन्य आला अधिकारियों को पत्र द्वारा अवगत कराया जाएगा उसके बाद भी यदि सिविल कोर्ट शिफ्टिंग का प्रयास जारी रहा तो पुनः बार एसोसिएशन एवं जनता के साथ इसके विरोध में किसी भी हद तक जाने की बात कही






आदित्यपुर में आईएलओ-इंटक की कार्यशाला, श्रमिकों को अधिकार और लिंग समानता पर मिला प्रशिक्षण

आदित्यपुर : इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), झारखंड द्वारा संगठन और औपचारिकता के माध्यम से अधिकारों और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना (पीआरएस II) दो दिवसीय लिंग नीति पर लिंग प्रशिक्षण कार्यशाला आदित्यपुर मधुबन होटल पर किया गया जहाँ श्रम अधिकारों की जानकारी दी गई श्रमिक अपने अधिकारों की लड़ाई एवं अपने बचाव पर कार्यशाला में पूर्ण तरीके से बताया गया जिसमें 30 श्रमिक महिला पुरुष शामिल रहे जिसमे 5 लोगो को ट्रेनिंग हेड बनकर कार्यशाला को आगे बढ़ाया जाएगा इसके बाद यह कार्यशाला है कोलकाता, केरल भारत के कई राज्यों में किया जाएगा


मुख्य अतिथि के रूप में राकेशवर पांडे एवं अतिथियों के तौर पर श्रीमती वैशाल लहरी नेशनल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, शहनाज रफीक जेंडर कोऑर्डिनेटर, देविका सिंह नेशनल सेक्रेट्री इंटक वूमेन कमेटी की चेयर कमिशन,शिखा चौधरी नेशनल सेक्रेट्री महिला इंटक एवं मीरा तिवारी स्टेट ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री उपस्थित रही







सरायकेला के सीनी स्टेशन पर कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन, हावड़ा–मुंबई ट्रैक जाम

सरायकेला के सीनी में कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन, प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा मुंबई रेल ट्रैक को किया जाम,


झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में आज सुबह से रेल रोको आंदोलन का असर देखने को मिला। सरायकेला के सीनी स्टेशन के पास कुड़मी जाति के लोगों ने रेलवे ट्रैक जाम कर प्रदर्शन किया।


कुड़मी समुदाय की बड़ी संख्या सुबह से ही सीनी रेलवे स्टेशन के पास इकट्ठा हुई और रेल टेको आंदोलन शुरू कर दिया। इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनें बाधित हुईं और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मौके पर हालात को नियंत्रित करने के लिए स्पेशल फोर्स की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांग पूरी तरह सामाजिक है और किसी भी प्रकार से राजनीति से प्रेरित नहीं है।

कुड़मी समाज की प्रमुख मांग है कि उन्हें एसटी यानी अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाए। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि “हम लोग वर्षों से आदिवासी रहे हैं, सरकार को हमें एसटी में शामिल करना ही होगा।

फिलहाल रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। वहीं, कुड़मी समाज ने मांग पूरा न होने तक अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है।






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