आमिर ने यह भी कहा कि मल्टीप्लेक्स फिल्मों के आगमन ने सिंगल स्क्रीन फिल्मों की संख्या को कम कर दिया है, जिससे दर्शकों की पसंद में बदलाव आया है। इसके अलावा, ओटीटी प्लेटफॉर्म के उदय ने दर्शकों को थिएटर में जाने के बजाय घर पर फिल्में देखने का विकल्प दिया है, जिससे बॉलीवुड की कमाई पर असर पड़ा है।
उन्होंने अपनी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ और हाल ही में आई ‘लापता लेडीज’ की विफलता का जिक्र करते हुए कहा कि अच्छी फिल्में भी दर्शकों से जुड़ने में असफल हो रही हैं, जिससे वे कमर्शियली सफल नहीं हो पा रही हैं। इस पर जावेद अख्तर ने भी आमिर की बात का समर्थन किया और ऐसे कई उदाहरण दिए जहां उच्च रेटिंग वाली फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाईं।
आमिर की यह टिप्पणी हिंदी सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि उसे अपनी कहानी कहने के तरीके और दर्शकों के साथ जुड़ने के तरीकों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
 
 
 
 






 
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