जमशेदपुर:-राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के विद्युत अभियांत्रिकी एवं कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा युवाओं में कंप्यूटर ज्ञान और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु एक सप्ताहीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन 30 जून से 4 जुलाई तक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का विशेष उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को डिजिटल दुनिया से जोड़ना है।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के *निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार* के कर-कमलों से हुआ। उन्होंने बच्चों एवं युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि “आज के समय में कंप्यूटर का ज्ञान केवल एक तकनीकी आवश्यकता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।” उन्होंने विद्यार्थियों को तकनीक के माध्यम से अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया।
संस्थान के उप-निदेशक प्रो. राम विनॉय शर्मा ने बच्चों को समझाया कि कंप्यूटर और डिजिटल तकनीक उनके जीवन को कैसे सरल, सुलभ और प्रभावी बना सकती है। उन्होंने कहा, “गांवों के बच्चे यदि तकनीक से जुड़ें, तो वे भी राष्ट्रीय प्रगति में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।”
डीन (आर एंड सी) प्रो. सतीश कुमार ने विशेष रूप से बताया की , “डिजिटल साक्षरता ही सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी है। यह वर्कशॉप बच्चों को वह आत्मबल देगी जिससे वे प्रतिस्पर्धात्मक युग में खुद को साबित कर सकें।”
इस कार्यक्रम का संचालन और समन्वय प्रो. दिलीप कुमार और प्रो. आलोक प्रियदर्शी द्वारा किया जा रहा है। दोनों संयोजकों ने इस पहल को ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता के लिए एक मील का पत्थर बताया और इस कार्यशाला की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गाँव के हर घर तक जाकर लोगों को व्यक्तिगत रूप से समझाया और प्रेरित किया। उन्होंने स्थानीय भाषा और उदाहरणों के माध्यम से डिजिटल शिक्षा की उपयोगिता को सरलता से समझाया।
इस वर्कशॉप में स्थानीय किशोर-किशोरियों को कंप्यूटर की मूल बातें, इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग, डिजिटल कम्युनिकेशन, सरकारी सुविधाओं तक ऑनलाइन पहुँच, और सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने में पीएचडी स्कॉलर्स का भी अहम योगदान रहा।
विशेष रूप से बिजय सिंह, अशित एक्का, सुधांशु शेखर चिरंजीवी कान्त , उजरा रहमान, अमित भारती, और रंजन कुमार, ने पूरी तन्मयता से आयोजन की जिम्मेदारियाँ निभाईं। उन्होंने लॉजिस्टिक्स से लेकर प्रतिभागियों की सुविधा, रजिस्ट्रेशन और ग्राउंड-लेवल कोऑर्डिनेशन तक सभी कार्यों को बेहतरीन ढंग से संभाला।
साथ ही, डॉ. दानिश अली खान, डॉ. दिलीप कुमार ,डॉ. शोभाशंकर कुमार तिवारी, और डॉ. सुचिस्मिता महतो के मार्गदर्शन में पूरी टीम ने कार्यशाला की रूपरेखा तैयार की और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की।
इस तरह एनआईटी जमशेदपुर का यह प्रयास न केवल ग्रामीण युवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम और आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएगा।
इस आशय की जानकारी संस्थान के मिडिया प्रभारी सुनील कुमार भगत ने दी है।
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