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शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देवघर एम्स में मेधावी छात्रों को नवाजा

 

देवघर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स, देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने 2019 बैच के मेधावी विद्यार्थियों को डिग्री और पदक प्रदान किए और उन्हें समाज व देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा दी। उन्होंने संस्थान से जुड़ी अपनी विशेष यादें साझा करते हुए इस अवसर को भावुक क्षण बताया। राष्ट्रपति ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संस्थान में बेटियों की संख्या छात्रों के बराबर हो गई है, जो एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि पदक पाने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या अधिक रही, जो अत्यंत गर्व की बात है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मौके पर डॉ अस्मित अग्रवाल को गोल्ड मेडलसे नवाजा। डॉ तनिष्क कुमार को सिल्वर और डॉ हर्षवीन कौर को ब्रोंज मेडल से नवाजा। इनके अलावा डॉ ऋचा जयसवाल को सर्वाधिक उपस्थिति सम्मान से सम्मानित किया गया। वहीं, डॉ अंजनी कुमारी, डॉ गौतम शंकर, डॉ सुमिता सिन्हा, डॉ शिक्षा सिंह और डॉ ओम शंकर को डिग्री दी गई।

राष्ट्रपति ने दी भावुक यादों की झलक

राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि 25 मई 2018 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंदरी से इस संस्थान का शिलान्यास किया था, तब वह झारखंड की राज्यपाल थीं और कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। अब इस संस्थान के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होकर उन्हें खास जुड़ाव महसूस हो रहा है।

डॉक्टरों को संवेदनशील बनने की सलाह

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि एक कुशल डॉक्टर बनने के साथ-साथ उन्हें एक अच्छा इंसान भी बनना है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को सिर्फ क्लिनिकल नहीं, बल्कि संवेदनशील व्यवहार वाला होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ डॉक्टर ऐसे होते हैं, जिनसे मिलने के बाद मरीज और परिजन मानसिक रूप से बेहतर महसूस करते हैं।

समाज सेवा की भावना रखें ज़िंदा

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों में नैतिकता, करुणा और परोपकार की भावना होनी चाहिए, जिससे वे समाज में बदलाव ला सकें। उन्होंने कहा कि एम्स, देवघर ने 5 आदिवासी गांवों को गोद लिया है, यह सराहनीय पहल है। उन्होंने गांवों को गोद लेने की संख्या बढ़ाने का सुझाव भी दिया। राष्ट्रपति ने खास तौर पर झारखंड में कम उम्र में बच्चियों की शादी और खून की कमी की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टरों के मार्गदर्शन से ग्रामीण स्वास्थ्य में सुधार संभव है।

ट्राइबल हेल्थ में एम्स देवघर की अहम भूमिका

उन्होंने कहा कि एम्स देवघर को सेंटर ऑफ कंपीटेंस फॉर ट्राइबल हेल्थ के रूप में मान्यता दी गई है। यहां के फैकल्टी मेंबर्स जनजातीय समुदाय से जुड़े स्वास्थ्य शोध में सक्रिय हैं। राष्ट्रपति ने ड्रोन के जरिए दूरदराज के इलाकों में दवाएं और वैक्सीन पहुंचाने की पहल की भी सराहना की।

स्वास्थ्य के राष्ट्रीय लक्ष्यों में एम्स की भूमिका

राष्ट्रपति मुर्मू ने एम्स देवघर के डॉक्टरों और प्रबंधन से आग्रह किया कि वे सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के तहत स्वास्थ्य सुधार के लिए सूची बनाएं। उन्होंने खुशी जताई कि भारत ने कालाजार जैसी बीमारी का उन्मूलन 2024 में ही कर लिया, जबकि लक्ष्य 2030 का था।

मंच पर मौजूद रहे कई गणमान्य

समारोह के मंच पर झारखंड के गवर्नर संतोष कुमार गंगवार, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, एम्स देवघर के प्रेसिडेंट डॉ. एन.के. अरोड़ा और कार्यकारी निदेशक प्रो. सौरभ वार्षणेय उपस्थित थे।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को झारखंड पहुंची। देवघर हवाई अड्डे पर उनका स्वागत गवर्नर संतोष गंगवार एवं राज्य सरकार की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने किया। एयरपोर्ट से राष्ट्रपति का काफिला कड़ी सुरक्षा के बीच देवघर एम्स के लिए रवाना हो गया।

राष्ट्रपति देवघर एम्स के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के बाद रांची आ गयीं। रांची एयरपोर्ट पर सीएम हेमंत सोरेन ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज रात राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी।








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