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मंगलवार, 15 अप्रैल 2025
मुंबई:-फिल्म अभिनेता सलमान खान की कार को बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस अलर्ट....
गुजरात:-गुजरात में पकड़ी गयी 300 किलो ड्रग्स को समुद्र के रास्ते तमिलनाडु भेजने की थी तैयारी...
कोलकाता :हिंसा के चलते सैकड़ों परिवार विस्थापित, बंद किया इंटरनेट...
आंध्र प्रदेश:-साउथ के सुपर स्टार सह डिप्टी CM की पत्नी ने कराया मुंडन…
दुनिया की 'सबसे लंबी सड़क', 30 हजार किलोमीटर तक कोई 'मोड़' नहीं, रास्ते में पड़ते हैं 14 देश..
क्या आप ऐसी कल्पना कर सकते हैं कि किसी सड़क पर 30,000 किलोमीटर तक कोई मोड़ या कट न हो. यानी कि एक बार रोड पर चले गए तो पूरा करके ही लौटना पड़ेगा. आइए जानते हैं इस रोड के बारे में.दुनिया की सबसे लंबी सड़क पैन-अमेरिकन हाईवे है, जो 30,000 किलोमीटर लंबी है और 14 देशों से होकर गुजरती है. इस हाईवे पर लगभग 30,000 किलोमीटर तक कोई मोड़ या कट नहीं आता है.पैन-अमेरिकन हाईवे जिन देशों से गुजरता है उनमें कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरस, अल साल्वाडोर, निकारागुआ, कोस्टा रिका, पनामा, कोलंबिया, पेरू, बोलीविया, चिली और अर्जेंटीना शामिल हैं.लगभग 30,000 किलोमीटर तक बिना मोड़ वाला पैन-अमेरिकन हाईवे सड़क उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका को जोड़ती है, और इस पर यात्रा करने में लगभग 5-6 महीने लग सकते हैं.भारत की सबसे लंबी सड़क एनएच 44 है, जो श्रीनगर से कन्याकुमारी तक जाती है और 4,112 किलोमीटर लंबी है.
वास्तु दोष के कारण घर में होता है नकारात्मक ऊर्जा का संचार, जानें इसे दूर करने का उपाय...
कई बार बहुत अधिक मेहनत के बाद भी वो परिणाम नहीं मिल पाता जिसकी हम आशा कर रहे होते हैं। काम-धंधा ठीक चलने के बाद भी पैसों की दिक्कत लगातार ही बानी रहती है। इन सबका कारण सोचने पर कुछ समझ नहीं आता है। इसके पीछे कई बार वास्तु दोष भी होता है। वास्तु दोष होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा, कई प्रकार की दिक्कतें या फिर कोई अन्य समस्या लगी ही रहती है। घर में वास्तु दोष होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। बहुत सी चीज़ें ऐसी होती है जिन्हें घर में रखने से घर में वास्तुदोष होता है।
युद्ध सम्बन्धी चित्र
अपने घर की दीवारों पर बहुत से लोग किसी भी युद्ध जैसे महाभारत से सम्बंधित चित्र लगाना पसंद करते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार इस तरह की कोई भी तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए। इस तरह के चित्र से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
कैक्टस और अन्य कांटेदार पौधे
घर में पेड़-पौधे रखने का शौक बहुत लोगों को होता है। माना जाता है की घर में कैक्टस या कोई भी कांटेदार पौधा लगाने से बचना चाहिए। इस तरह के पौधे घर और घर के सदस्यों के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं।
घर में नटराज की मूर्ति या स्टेच्यू
नटराज की मूर्ति तांडव दर्शाती है। वास्तुशास्त्र में कहा गया है की घर में नटराज की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। इससे घर के सदस्यों में मन-मुटाव की स्थिति पैदा हो सकती है। इसे घर में रखना अच्छा माना गया है।
डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर में डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर कभी नहीं लगानी चाहिए। डूबती हुई नाव बर्बादी और नुकसान की ओर इशारा करती है ऐसी तस्वीर या मूर्ति घर में लगाने से घर के सदस्यो के सम्बन्ध खराब होने की संभावना रहती है । यह बड़ा वास्तु दोष होता है।
कबाड़ इक्कट्ठा करने से बचें
घरों में अकसर लोग पुराना कबाड़ या रद्दी जमा कर के रखते हैं। इसके लिए हमेशा एक जगह अलग से होनी चाहिए। पुराने या टूटे हुए जूते-चप्पल हमें आगे बढ़ने से रोकते हैं। इन्हें भी घर से निकाल दें।
बहते पानी या झरने की तस्वीर
बहुत से लोग अपने घरों में वाटर फाउंटेन लगाना अच्छा मानते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार में घर में पानी के झरने की तस्वीर या झरना लगाना शुभ नहीं माना गया है कहा जाता है की इससे घर में अस्थिरता आती है और घर के सदस्यों का स्वास्थ्य और पैसा पानी की तरह ही बह जाता है।
फटे-पुराने वस्त्र
घरों में अकसर फटे-पुराने कपड़ों को भी लोग पहनते रहते हैं। इससे घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा का संचार होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए।
खुली अलमारी
घर में छोटे-मोटे सामान, किताबें रखने वाली अलमारियां अगर बिना दरवाज़े के हैं या उनमें कांच नहीं लगा तो ऐसे में वह खुली मानी जाएगी। माना जाता है कि ऐसी अलमारी के से हर तरह के कार्यों में रुकावट आती है। धन पानी की तरह बहता है।
देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र
देवी-देवताओं की फटी-पुरानी तस्वीर अथवा खंडित मूर्तियां अगर घर में रहे तो वह आर्थिक हानि पहुंचाती है। अत: उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। देवी-देवताओं की तस्वीरों से घर नहीं सजाना चाहिए। उनके चित्र या मूर्ति का स्थान, दिशा निश्चित होते हैं। कुछ लोग ढेर सारी मूर्तियां और चित्र से घर भर लेते हैं जो की वास्तु दोष होता है।
पूजा में चढ़े हुए या मुरझाए हुए फूल घर में नहीं रखें इनसे अशुभ फल मिलता है। अगर घर में बुरी नजर या ताकत से बचने के लिए नींबू-मिर्च लगा रखा है तो हर रविवार उन्हें हटा कर नए लगा दें।
टूटी कुर्सी या टेबल
अगर घर में टूटी हुई कुर्सी या टेबल है तो उसे तुरंत हटा दें। ये आपके पैसों और तरक्की को रोकती है। बैठक का सोफा भी फटा या टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। उस पर बिछाई गई चादर भी साफ़ या अच्छी होनी चाहिए।
टूटी-फूटी वस्तुएं
टूटे-फूटे बर्तन, दर्पण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तस्वीर, फर्नीचर, पलंग, घड़ी, दीपक, झाड़ू, मग, कप आदि कोई भी सामान घर में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है और व्यक्ति मानसिक परेशानियां झेलता है। यह भी माना जाता है कि इससे वास्तु दोष तो उत्पन्न होता ही है, लक्ष्मी का आगमन भी रुक जाता है।
मकड़ी का जाला
घर से मकड़ी के जाले तुरंत हटा दें। इसका होने घर को खंडहर की स्थिति में दर्शाता है। अक्सर लोगों के घर के किसी कोने में जाले लग जाते हैं अगर हैं तो हटा दें।
घर की छत
वास्तु के अनुसार अगर आपके घर की छत गन्दी है। तो वह आपके पैसों की तंगी को बढ़ा सकती है। परिवार की बरकत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि इससे पितृ दोष भी उत्पन्न हो जाता है।
पत्थर, नग या नगीना
कई लोगों को पत्थर, नग, अंगुठी, ताबिज या अन्य इसी तरह के सामान जमा करने की आदत होती है। उन्हें यह मालूम नहीं रहता कि कौन-सा नग फायदा पहुंचा रहा है और कौन-सा नग नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इस तरह के सामान को घर से बाहर निकाल दें।
चील, कौए, उल्लू, शेर और गिद्ध की तस्वीर
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में चील ,कोवे, उल्लू, शेर – चीता और गिद्ध जैसे पक्षियों और जानवरों की तस्वीर घर में भूलकर भी नहीं लगानी चाहिए. ऐसी तस्वीर घर में लगे से घर से सदस्यो का व्यवहार भी इन्ही की तरह ही अर्थात गुस्से वाला हो जाता है।
अंत में कुछ खास वास्तु टिप्स….
घर की खिड़की या दरवाजे से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं, जैसे सूखा पेड़, फैक्टरी की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि। ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर पर्दा डाल दें।
घर के मुख्य द्वार के सामने या पास में बिजली का खंभा या ट्रांसफॉर्मर लगा है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। ऐसे लोगों को अपने कार्यों में हर जगह रुकावट और असफलता का सामना करना पड़ेगा। घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए।
घर के प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और प्रवेश द्वार साफ होना चाहिए। ऐसा करने से घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है। यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की ऊंची दहलीज बनवा दें जिससे बाहर का कचरा अंदर न आ सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।
अगर आपके घर की दीवारों पर सीलन होती है तो वह भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। यदि कहीं से थोड़ा-सा भी प्लास्टर उखड़ जाए, तो तुरंत उसे दुरुस्त करवाएं। घर को कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक-सा हो। रंगों का तालमेल ठीक होना चाहिए।
घर के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में अंधेरा न रखें।
उत्तर-पश्चिम क्षेत्रमें तेज रोशनी का बल्ब न लगाएं।
घर में तुलसी का पौधा रखें, उससे कई प्रकार के वास्तु दोष दूर रहते हैं। तुलसी के पौधे के पास रोज शाम को दीप जलाएं।
झारखंड में कल चौथी बार जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का होगा आयोजन...
झारखंड के सभी जिलों में कल यानी बुधवार को चौथी बार जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन होगा. कार्यक्रम 16 अप्रैल को दिन के 11 बजे से शुरू होगा.
इसको लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को आदेश जारी किए हैं. बता दें कि पहले जहां समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, इस बार भी उसी जगह पर कार्यक्रम का आयोजन होगा.
बता दें कि अब तक तीन बार समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. पहला कार्यक्रम 10 सितंबर 2024, दूसरा 18 दिसंबर 2024 और तीसरा 22 जनवरी 2025 को हुआ था. वहीं कल 16 अप्रैल को चौथी बार सभी जिलों में समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा.
जन शिकायत समाधान कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य :
– नागरिकों की पुलिस से संबंधित शिकायतों को प्राप्त करना और उक्त शिकायतों को पंजीकरण करना.
– शिकायतों पर पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई की सूचना शिकायतकर्ता को देना.
– यदि निर्धारित समय पर कार्रवाई ना हो पाये तो वरीय पदाधिकारियों को इसकी सूचना देना.
– कार्रवाई योग्य शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान करना.
– जिन शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हो सकती, उसकी जानकारी भी शिकायतकर्ताओं को देना.
– पुलिस द्वारा बनायी जा रही सर्वोतम पद्धतियों को इन कार्यक्रमों में दिखाना.
– नागरिकों की समस्याओं को समझकर पुलिस व्यवस्था में आवश्यक सुधार करना.
रांची:-रांची वायुसेना एयर शो : बिजली विभाग ने निकाला टेंडर...
बहरागोड़ा:-पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया.पारुलिया पंचायत भवन में...
बहरागोड़ा संवाददाता:-देबाशीष नायक
बरसोल : पारुलिया पंचायत भवन में सभी आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका, सहायिकाओं एवं पोषण सखियों की ओर से पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया. कार्यक्रम की शुरुआत मुखिया सुपर्णा सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया.बताया गया कि गर्भाधान से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक बच्चों के शारीरिक विकास और मस्तिष्क के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. इन एक हजार दिनों के दौरान एक बच्चे का शरीर और दिमाग अविश्वसनीय गति से बढ़ता है. जो उसके भविष्य के सीखने, प्रतिरक्षा और समग्र स्वास्थ्य की नींव रखता है. पूरे वक्त में अच्छा पोषण, प्यार, देखभाल और शुरुआती सीखने के अनुभव, उन्हें एक स्वस्थ और खुशहाल व्यक्ति बनने में मदद कर सकते हैं. मौके पर मुखिया प्रतिनिधि सुधीर सिंह, सेविका जोसना दास, मीरा दे, कमला मुण्डा,पुष्पा दे,रेबती नायक,सुनीता सिंह, शर्मिष्ठा दास, झरना दास,सहायिका लूलू सिंह,अलका दास आदि उपस्थित थे.
बांकसाई में शिव दुर्गा चड़क पूजा आस्था पूर्वक मडापाठ के साथ हुई संपन्न,**मुख्य आकर्षण केंद्र बिंदु**भक्ता जलती आग के ऊपर झूला झूलकर दिखाई हटभक्ति
सरायकेला प्रखण्ड अन्तर्गत बांकसाई गाँव में शिव दुर्गा चड़क पूजा की गई। इस अवसर पर आकर्षक का केंद्र बिंदु भक्ताओं का झूला धुणापाठ रहा। इस दरम्यान भक्ता झूला पर झूले। इसमें आश्चर्चकित करने वाली बात बता दें कि झूला के नीचे बनाए गए अग्नि कुंड में धुणा के साथ साथ ज्वालाशील पदार्थ डाला गया जिससे आगी जलता रहा।
इसके ऊपर भक्ता झूला झुलकर हटभक्ति दिखाई। एक भोक्ता ने बताया कि दैविक शक्ति की वजह से भक्ता आग की लपटों से सुरक्षित निकलते है। उक्त पूजा की शुरुआत शुभघट से हुई। इस दरम्यान भक्ताओं द्वारा स्थानीय सोना नदी से शिवमन्दिर परिसर पर घट पहुंचाया गया।
इसके बाद यात्रा घट, पाठ यात्रा, गरियाभार आदि धार्मिक अनुष्ठान के साथ साथ आस्था पूर्वक मडापाठ हुई । यहाँ वैदिक मंत्रोँ उच्चारण के साथ पुजारी योगेश महापात्र के द्वारा पूजा अर्चना की गई। भक्ता शिव भगवान को खुश करने के लिए उपवास रहकर दंडी पाठ किए।
सोमवार को मडापाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुई।मडापाठ के दरम्यान भक्ताओं द्वारा स्थानीय सोना नदी तट के श्मशान घाट से भगवान शिव को बांकसाई शिव मन्दिर पहुंचाया गया। पूजा आयोजन कमेटी के पुजारी योगेश महापात्र ने बताया कि जब भगवान शिव को अपने धर्म पत्नी सती की मृत्यु का पता चला, तब भगवान शिव ने तांडव मचा दिया था। शिव दुःख से उन्मत्त होकर, सती की लाश के साथ पूरे ब्रह्मांड में घूमते रहे, जिससे सार्वभौमिक असंतुलन पैदा हुआ। देवताओं ने भगवान विष्णु से शिव को सामान्य स्थिति और शांति प्रदान करने का आह्वान किया गया। तब जाके भगवान शिव शांत हुए।
प्रत्यक्षदर्शी बांकसाई निवासी श्री तारापद साहू (सेवानिवृत शिक्षक) ने बताया कि माता सती की मृत्यु से दुःखी भगवान शिव को मन्दिर परिसर पहुंचाने का कार्यक्रम सन् 1930 ई से बांकसाई गाँव के पूर्वजों द्वारा शुरू किया गया था। इसे आधुनिक युग के युवा पीढी बरकरार रखें है ,जो बड़ी गर्व की बात है। यहाँ की प्राचीन शिव मन्दिर बांकसाई गाँव की पहचान है।
उक्त धार्मिक अनुष्ठान के सफल आयोजन के लिए श्री श्री शिव दुर्गा चड़क पूजा कमेटी बांकसाई के पदाधिकारी भक्ता एव समस्त ग्राम वासियों का सहयोग सराहनीय रहा। मौके पर बिनोद साहू, बुधू रजक, बबलू पाणी, जवाहर नायक,गणेश पंडा, दुखेश्वर् साहू, चित्रमोहन नायक,आशीष आचार्य, मुकेश पंडा , हेमसागर प्रधान,गणेश हरिजन समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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