खरसावां प्रखंड के चिलकु पंचायत अंतर्गत सांडेबुरू गांव में शुक्रवार की रात मासंत पर्व के सुअवसर पर वार्षिक छऊ नृत्य का आयोजन किया गया। शुक्रवार की सुबह 10 बजे गांव की खुशहाली के लिए मां पाऊडी का विधिवत पूजा किया गया एवं रात्रि 10 बजे से मां पाऊडी कला केंद्र सांडेबुरु एवं केंदुआ के कलाकारो द्वारा पूरी रात छऊ की सतरंगी छटा बिखेरी।
कलाकारों द्वारा धार्मिक , पौराणिक एवं सामाजिक तथ्यों पर आधारित छऊ नृत्य प्रस्तुत किया गया। मालूम हो कि सांडेबुरू गांव में 1960 से हर वर्ष मासंत पर्व के सुअवसर पर वार्षिक छऊ नृत्य का आयोजन किया जाता है। गणेश वंदना के साथ छऊ नृत्य का शुभारंभ किया गया।
कलाकारों ने महाभारत पर आधारित द्रोपदी वस्त्र हरण नृत्य से दर्शकों को मुग्ध कर दिया । कलाकारों द्वारा शिकार पर आधारित जोरा सबर , कृष्ण लीला, भगरथी गंगा, बेहुला - लखींद्र , द्रोपदी वस्त्र हरण, महिरावण बोध, जगधात्री पूजा, राजा हरिश्चंद्र नृत्य को जीवंत रूप दिया गया। इस मौके पर ग्रामीण मेला का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी तादाद में लोग मेला का आनंद लेने पहुंचे थे। मान्यता है कि मासांत पर्व में लोग सरायकेला खरसावां ही नहीं बल्कि उड़ीसा के लोगों में भी खासा उत्साह देखने को मिलता है और इसको बड़े धूमधाम से लोग मानते हुए अपनी परंपरा व संस्कृति को जीवंत किए हुए हैं। हर एक घरों में पकवान बनाए जाते हैं । सभी वर्ग के लोग मासांत पर्व को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हुए संपन्न करते हैं।
इस दौरान आयोजन समिति के सदस्य दिनेश कुमार महतो, डॉ जगदीश प्रसाद महतो, डॉ सदानंद महतो, रंजन महतो, अशोक महतो, दीपक महतो, गदाधर महतो, सुबोध महतो, विश्वजीत महतो, प्रदीप महतो, अनंत महतो, गोमाचरण महतो, पूर्णचंद्र महतो आदि गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।
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