सरायकेला कोल्हान की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली सड़क टाटा- कांड्रा- सरायकेला- चाईबासा रोड बीमार हो चुकी है. आपको बता दें कि इस मार्ग पर तीन-तीन जगह पर टोल नाका है. बावजूद इसके इस सड़क का हाल बदहाल हो चुका है. 65 किलोमीटर के इस सड़क पर हजारों गड्ढे बन चुके हैं जिसमें जल जमाव से राहगीरों को भीषण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हर दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. 24 घंटे इस सड़क पर VVIP मुवमेंट होता है. करोड़ों का राजस्व इस सड़क के जरिए प्राप्त होता है मगर सरकार और प्रशासन कुंभकर्णी निंद्रा में सोया हुआ है. उसे जगाने के लिए शनिवार को कोल्हान के बड़े नेताओं में शुमार सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने सड़क पर धान रोपनी कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने साफ कर दिया है कि यदि जल्द जेआरडीसीएल, संबंधित विभाग और जिला प्रशासन इस मामले पर गंभीर नहीं होती है तो इस सड़क पर टोल वसूली का पुरजोर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि टोल रोड पर यात्रियों को केवल अच्छा रोड ही नहीं बल्कि कई प्रकार की सुविधाएं स्ट्रीट लाइट, शौचालय, पीने का पानी, चिकित्सा सहायता, वाहन मरम्मती एवं एम्बुलेंस उपलब्ध कराना है परंतु कांड्रा चाईबासा टोल रोड पर बने गड्ढे जहन्नुम पहुंचने का रास्ता बन चुके है आए दिन अखबार की सुर्खियों के बावजूद भी जेआरडीसीएल को कोई असर नहीं पड़ा है
टोल शुल्क का उद्देश्य यात्रियों को अच्छी और सुचारू सड़क सुविधा प्रदान करना है, और यदि सड़क खराब स्थिति में है, तो टोल वसूलना उचित सेवा के सिद्धांत का उल्लंघन है।उन्होंने क्षेत्र की जनता से जब तक रोड न बने टोल ना देने की अपील की है.
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