आज कुचाई प्रखंड के बायांग गांव में महानायक धरती आबा वीर बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे गांव में उत्साह देखने लायक था। जयंती समारोह के पश्चात “आदिवासी यात्रा” का भी विधिवत शुभारंभ किया गया, जिसमें जंगल ब्राह्मण करते हुए जंगल आदिवासी जीवन के साथ गहरा संबंध है,आदिवासी यात्रा' का 'गांव चौपाल' कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें गांव के सभी बुद्धिजीवी, बुजुर्ग, पारंपरिक ज्ञान के धनी लोग, 'गांव चौपाल' कार्यक्रम में ग्रामीणों ने युवाओं के साथ अपने अनुभव और जीवन से जुड़ा गहरा ज्ञान साझा किया, जिनमें निम्न बीदुं शामिल रहे —
हमारे पहाड़, जंगल और प्राकृतिक संसाधन,
शिक्षा और नई पीढ़ी का भविष्य,
खेती-किसानी और पारंपरिक तकनीक,
जल–जंगल–जमीन की सुरक्षा,
सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत
नृत्य, गीत-संगीत और आदिवासी परंपराएँ
तथा गांव के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे
इस कार्यक्रम के दौरान “ज्ञान बक्सा” नामक एक विशेष बॉक्स भी रखा गया सभी युवाओं से आग्रह किया गया कि वे आने वाले 10 वर्षों में अपने गांव के विकास को लेकर
जो भी सपने, योजनाएँ या सुझाव सोच रहे हैं—उसे लिखकर इस बॉक्स में डालें।
युवाओं ने बढ़-चढ़कर इसमें भाग लिया, और अनेक प्रेरणादायक विचार इस बक्से में जमा हुए।
यह यात्रा 24 नवंबर 2025 तक कुचाई प्रखंड के अलग-अलग गांवों में आयोजित होगी:
16 नवंबर — बयांग
17 नवंबर — मार्चा
18 नवंबर — गोगामार्चा
19 नवंबर — संकोडीह
20 नवंबर — बाईडीह
21 नवंबर — पुतुलपी
22 नवंबर — छोटा चकड़ी
23 नवंबर — बड़ा चकड़ी
24 नवंबर — बांगुरडीह (अंतिम दिन)
हर गांव में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित होंगे, इस यात्रा में गांव के प्रमुख बुद्धिजीवी श्री जगमोहन सोय,पागारी डांगील,सुजान सिंह चोडा, गुरुचरण डांगील, मुनेश्वर बांकीरा, सांगा राम हाइबुरु,पीरू सोय,गोमीया बांकीरा, कृष्णा सोय,सोनामुनी बांकीरा, अंजलि सोय,मुनी मुंडाईन,जानकी सोय,कमला बांकीरा, एवं अपना अधिकार संगठन, आदीवासी हो समाज महासभा के सदस्य मनोज कुमार सोय,विरा केरकेट्टा, संतोष,विर सिंह सिजुई, मानसिंह बांकीरा आदि मौजूद रहे
























































