श्रीनाथ कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन ने 3, 4 और 6 नवंबर 2025 को “शिक्षक के तौर पर विकास: आत्म-चिंतन से नवाचार तक” विषय पर तीन-दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस प्रोग्राम का उद्देश्य शिक्षकों के बीच चिंतनशील तरीकों को बढ़ावा देना, पढ़ाने के कौशल को बढ़ाना और नए तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
सत्र रिसोर्स पर्सन सुश्री मोनिका झिंगन, हेड – लर्निंग एंड डेवलपमेंट, श्रीनाथ विश्वविद्यालय ने लिया , जिन्होंने इंटरैक्टिव चर्चाओं, चिंतनशील अभ्यासों और व्यावहारिक गतिविधी के ज़रिए प्रतिभागियों को शामिल किया। सुश्री झिंगन ने शिक्षकों के विकास और उनके पढ़ाने के तरीकों में रचनात्मकता और नवाचार लाने के लिए लगातार आत्म-चिंतन के महत्व पर ज़ोर दिया।
इन तीन दिनों के दौरान, प्रतिभागियों ने चिंतनशील शिक्षण, नए शिक्षण के तरीके, सीखने वालों की भागीदारी और स्वयं के पेशेवर विकास जैसे अलग-अलग विषयों पर चर्चायें की । इन सत्रों ने शिक्षकों को पारंपरिक शिक्षण तरीकों से आगे बढ़कर छात्र-केंद्रित और अनुभवात्मक तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, सुश्री झिंगन ने कहा कि “शिक्षा में सच्चा नवाचार आत्म-जागरूकता और बदलाव करने के साहस से शुरू होता है।”
यह FDP सहायक प्राध्यापक श्रीमती लीना महंता के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया । कॉलेज की प्रिंसिपल, डॉ. मौसमी महतो ने सुश्री मोनिका झिंगन को उनके इस उपयोगी एवं महत्वपूर्ण सत्र के लिए धन्यवाद दिया ।









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