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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

धनतेरस पर भूलकर भी न करें इन चीजों का दान, वरना रूठ सकती हैं मां लक्ष्मी

धनतेरस का पर्व दीपावली की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष यह शुभ अवसर 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला यह दिन अत्यंत पवित्र माना गया है। इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता की विशेष पूजा का विधान है। हालांकि, शास्त्रों में धनतेरस पर कुछ चीजों का दान वर्जित बताया गया है, क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता आ सकती है और मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं।

काले रंग से जुड़ी वस्तुओं का दान वर्जित हिंदू मान्यताओं के अनुसार, काला रंग राहु और शनि ग्रह से जुड़ा होता है, जिसे अशुभ माना गया है। इसलिए धनतेरस के दिन काले कपड़े, जूते-चप्पल या कोई भी काली वस्तु दान नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और आर्थिक स्थिरता पर असर पड़ता है।


नुकीली वस्तुएं और नमक-चीनी का दान अशुभ चाकू, कैंची, सुई जैसी नुकीली वस्तुएं संबंधों में दरार और विवाद का संकेत मानी जाती हैं। इनका दान करने से कलह और तनाव बढ़ सकता है।

इसी तरह नमक का दान करने से जीवन में आर्थिक अस्थिरता, जबकि चीनी का दान करने से धन हानि का योग बनता है।

धन और खाली बर्तन का दान भी न करें धनतेरस के दिन धन (पैसे) का दान करना शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का स्थाई वास घर में नहीं रहता।

इसी तरह खाली बर्तन का दान भी वर्जित है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता का प्रतीक माना गया है।

यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इन्हें अपनाने से पहले किसी योग्य पंडित या धार्मिक सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना: हेमंत सरकार ने दिया दिवाली का तोहफा, महिलाओं के खातों में खटाखट आने लगेंगे ₹2500

रांची/धनबाद: दीपावली से पहले झारखंड की महिलाओं के लिए खुशखबरी लेकर आई है हेमंत सरकार। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की लगभग 51 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ₹2500 की राशि भेजने का आदेश जारी कर दिया गया है। यह सरकार की ओर से दिवाली का सबसे बड़ा गिफ्ट माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि19 अक्टूबर तक सभी लाभुकों के खाते में राशि भेज दी जाए, ताकि महिलाएं त्योहार से पहले आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें और खुशियों से दीपावली मना सकें।

पहले चरण में 12 जिलों की महिलाओं को मिलेगा लाभ -सूत्रों के अनुसार, अगले *24 घंटे के भीतर राज्य के 12 जिलों — रांची, जमशेदपुर, लोहरदगा, धनबाद, देवघर, बोकारो, गुमला, जामताड़ा, सिमडेगा, चतरा, पाकुड़ और गढ़वा* — की महिलाओं के खातों में राशि पहुंच जाएगी। इन जिलों की लाभुक महिलाओं के दस्तावेज और डीबीटी (DBT) पहले ही वेरिफाई कर लिए गए हैं।

दिवाली से पहले सभी जिलों तक पहुंचेगा पैसा- बाकी जिलों की महिलाओं को भी *दूसरे चरण में दिवाली से पहले पैसा* भेजा जाएगा। राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों और बैंक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी लाभार्थी योजना से वंचित न रह जाए।

दोहरी खुशी उन महिलाओं को-सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि *जिन महिलाओं को पिछली किस्त नहीं मिली थी,* उन्हें इस बार *दोनों किस्तों की राशि* यानी *कुल ₹5000,* एक साथ दी जाएगी।

महिलाओं के चेहरे पर लौटी रौनक- मंईयां सम्मान योजना की यह *15वीं किस्त* दीपावली से पहले जारी होने के कारण राज्यभर की महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक लाभुक महिलाएं इस योजना को अपनी *“आर्थिक स्वतंत्रता की रोशनी”* बता रही हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य है कि हर झारखंडी महिला आत्मनिर्भर बने और त्योहार की खुशियों में किसी की कमी न रहे।

आदित्यपुर में नगर निगम की छापेमारी, होटल लॉज पर जुर्माना

आदित्यपुर।झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आदित्यपुर क्षेत्र में नगर निगम द्वारा होटल और लॉजों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में साफ-सफाई, सुरक्षा, फायर सेफ्टी, सीसीटीवी कैमरे, रजिस्टर मेंटेनेंस और वैध ट्रेड लाइसेंस की जांच की गई।



नगर निगम की उपायुक्त पारुल सिंह के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में पाया गया कि कई होटल और लॉज निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे। इस वजह से लगभग पाँच होटलों पर जुर्माना लगाया गया। कार्रवाई के दौरान यह देखा गया कि कई होटलों में साफ-सफाई की स्थिति खराब थी.फायर सेफ्टी के उपकरण मौजूद नहीं थे.रजिस्टर का समुचित रख-रखाव नहीं थे।ट्रेड लाइसेंस अद्यतन नहीं थे.सीसीटीवी कैमरे या तो नहीं लगे थे या काम नहीं कर रहे थे.नगर निगम द्वारा यह अभियान 15 नवंबर तक जारी रहेगा। इस दौरान जो भी होटल और लॉज नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.




खरसावां: अशोका इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित हुई रंगोली प्रतियोगिता

खरसावां: खरसावां स्थित अशोका इंटरनेशनल स्कूल में इंटर हाउस प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इस गतिविधि के अंतर्गत कक्षा नर्सरी से कक्षा 2 तक दीया कलरिंग प्रतियोगिता, कक्षा 3 से 4 तक दीवार पर शिल्प कला की प्रतियोगिता तथा कक्षा 6 से 10 तक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.


कार्यक्रम का संचालन गतिविधि प्रभारी तनुश्री विश्वकर्मा ने किया तथा कार्यक्रम का निरीक्षण विद्यालय के प्राचार्या सारिका कुमारी ने किया. गतिविधि में सभी छात्र छात्राओं ने काफी उत्साहपूर्वक भाग लिया और गतिविधि में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से शांति रानी, शोभा कुमारी, सरिता तिरिया, शबनम गोडसोरा, सुषमा बोदरा, सेजल कुमारी, नीलम बाउरी, तनुश्री विश्वकर्मा, जसविंदर कौर, उमेश महतो, अबरार कुरैशी, जीशान अली, कृष्ण चंद्र महतो, कल्पना कुमारी और प्रिय रंजन उपस्थित रहे.






सरायकेला की महिलाओं ने गढ़ी मिसाल — गोबर से बने दीयों से रोशन होगी इस बार दीपावली

सरायकेला-खरसावां जिले में दीपावली की रौशनी अब नए रूप में देखने को मिल रही है। मिट्टी के दीयों के साथ-साथ अब गोबर से बने दीयों का चलन भी बढ़ रहा है। और इस बदलाव के पीछे हैं 



आदित्यपुर की सीमा पांडेय, जो पिछले 15 सालों से गोबर और गोमूत्र से घरेलू उपयोग की वस्तुएं बना रही हैं। ये दीये सिर्फ रौशनी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक बन चुके हैं। 

दीपावली पर अब देसी दीयों की रौशनी से घर आंगन रोशन होंगे. लेकिन इस बार ये दीये मिट्टी से नहीं, गोबर से बने हैं। सरायकेला खरसावां के आदित्यपुर में सीमा पांडेय और उनकी टीम बना रही हैं गोबर से दीये और इन दीयों की मांग सिर्फ झारखंड ही नहीं, बिहार तक जा पहुँची है।

सासाराम, गया, औरंगाबाद से हमें हज़ार से ज़्यादा दीयों का ऑर्डर मिला. हमने भेज भी दिया। साथ ही 

इन दीयों की कीमत पाँच रुपये से शुरू होकर 130 रुपये तक जाती है। और खास बात ये है कि इनके ज़रिए 50 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार भी मिल रहा है।सीमा पांडेय न सिर्फ गोबर से दीये बनवा रही हैं, बल्कि गायों के संरक्षण की दिशा में भी अहम काम कर रही हैं। अब दूध न देने वाली गायों को लोग घर से नहीं निकालते, क्योंकि सीमा जी उनका गोबर भी खरीद लेती हैं।

सीमा पांडेय का ये प्रयास न केवल महिलाओं को रोजगार दे रहा है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को भी बढ़ावा दे रहा है। गोबर से बनी राखियों ने पहले ही रक्षाबंधन को नया आयाम दिया और अब दीये बनाकर महिलाएं रोशन कर रही हैं हजारों घरों को।

दीपावली की इस रौशनी में स्वदेशी का रंग और महिला सशक्तिकरण की चमक साफ नज़र आ रही है। सरायकेला-खरसावां की ये पहल पूरे देश के लिए एक मिसाल है।तो अगली बार दीपावली पर अगर आप दीया खरीदें, तो याद रखिएगा एक दीया किसी महिला के सपने को रौशनी दे सकता है।





चाईबासा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पुलिया उड़ाने वाले दो नक्सली गिरफ्तार


चाईबासा। जिले की पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है। 9 और 10 अक्टूबर की रात राखामाटी क्षेत्र में पुलिया को नुकसान पहुंचाने की घटना में शामिल दो नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

 पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों नक्सली हाल ही में क्षेत्र में सक्रिय थे और पुलिया विस्फोट में उनकी संलिप्तता की पुष्टि हुई है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ से नक्सलियों के नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी मिलेगी।

बिहार में सियासी भूचाल: जदयू प्रदेश सचिव बद्री भगत का इस्तीफा, 3,875 समर्थकों संग छोड़ी पार्टी

बिहार विधानसभा चुनाव की दस्तक से पहले सियासी पारा चढ़ गया है और इसी गरमाहट में जनता दल (यूनाइटेड) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश सचिव बद्री भगत ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर 3,875 समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया। बद्री भगत का कहना है कि “मेहनत हमारी और टिकट उन लोगों को, जो साजिश के जरिये पार्टी में हावी हैं। अब बहुत हो गया!” यहां याद दिला दें कि बीते 3 अक्टूबर को भगत ने CM नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। दावा किया गया था कि करगहर विधानसभा सीट से उन्हें टिकट मिलेगा। कुछ दिन बाद अचानक टिकट काट दिया गया। इसी से नाराज होकर उन्होंने और उनके समर्थकों ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।

बद्री भगत ने इल्जाम लगाया कि पार्टी में अब मेहनती कार्यकर्ताओं की जगह “साजिश रचने वालों” की चल रही है। उन्होंने कहा कि वो वर्षों से बूथ से लेकर ब्लॉक तक संगठन को मजबूत करने में लगे रहे, मगर टिकट बंटवारे में उनकी अनदेखी कर दी गई। इससे पहले भी जिले के कई वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह, पूर्व विधायक अशोक सिंह कुशवाहा और जिलाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाहा टिकट से वंचित होने पर पार्टी छोड़ चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बार-बार के ऐसे इस्तीफे चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकते हैं। अगर नाराज नेताओं को नहीं मनाया गया, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को करगहर सहित कई सीटों पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

नीमडीह के बुरूडीह सबर टोला में आयुष विभाग द्वारा एकदिवसीय स्वास्थ्य शिविर, महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित कर किया जागरूक

आयुष विभाग की ओर से डॉ. पूनम कुमारी के नेतृत्व में नीमडीह प्रखंड अंतर्गत बेड़ादा पंचायत के बुरूडीह सबर टोला में पीवीजीटी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) समुदाय के लिए एकदिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनजातीय समुदाय में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना और बुनियादी चिकित्सा सेवाएं सुलभ कराना था। शिविर में आयुष आरोग्य मंदिर बुरूडीह की प्रभारी डॉ. श्वेता सुषमा की देखरेख में ग्रामीणों की सामान्य स्वास्थ्य जांच की गई। महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस अवसर पर सभी महिलाओं और किशोरियों के बीच सेनेटरी पैड का वितरण भी किया गया, जिससे उन्हें स्वच्छता और माहवारी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके।



डॉक्टर पूनम कुमारी ने बताया कि आयुष विभाग की ओर से इस प्रकार के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन निरंतर किया जाता है ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले सबर समुदाय एवं अन्य जनजातीय परिवारों तक स्वास्थ्य सुविधाएं और जागरूकता दोनों पहुंच सकें। ग्रामीणों ने शिविर आयोजन और पैड वितरण की इस पहल की सराहना करते हुए इसे उपयोगी बताया।





शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025

दीयों की रोशनी में जगमगाया श्रीनाथ विश्वविद्यालय: दीपोत्सव 2025 में झलकी उत्सव और लौ की चमक

श्रीनाथ विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दीपोत्सव 2025 का आयोजन हर्षोल्लास और सांस्कृतिक रंगों के बीच भव्य रूप से किया गया। पूरे विश्वविद्यालय परिसर को दीपों की जगमग रोशनी, रंग-बिरंगी सजावट और मनमोहक संगीत ने एक जश्न के रूप में बदल दिया। हर कोना उत्सव की ऊर्जा से सराबोर था मानो पूरा परिसर प्रकाश, उत्साह और उमंग का संगम बन गया हो।







यह आयोजन एनएसएस यूनिट, रोटरैक्ट क्लब, सांस्कृतिक समिति और आईक्यूएसी समिति के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया गया। इन समितियों के सामूहिक समन्वय ने इस उत्सव को न केवल रंगीन बल्कि शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक भी बना दिया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने पारंपरिक और आधुनिक कला का सुंदर संगम प्रस्तुत किया। रंगोली कला, रील मेकिंग, मिठाई निर्माण, इको-फ्रेंडली घर डिजाइन, तोरण निर्माण और हैम्पर मेकिंग प्रतियोगिताओं ने छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार क्षमता को मंच दिया। छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण और परंपरा के समन्वय को भी इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से खूबसूरती से दर्शाया।

दीपोत्सव की शाम का मुख्य आकर्षण सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ रहीं, जिनमें नृत्य, गायन और नाटक ने दर्शकों का दिल जीत लिया। पारंपरिक परिधानों में सजे छात्र-छात्राओं ने पूरे वातावरण को रंगीन बना दिया। खाने के स्टॉल, खेल गतिविधियाँ और मस्तीभरे मेलजोल ने कार्यक्रम को एक छोटे मेले का रूप दे दिया, जहाँ हर कोई मुस्कुराहटों और यादों में डूबा नजर आया।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस अवसर पर छात्रों की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हैं, बल्कि सामूहिकता, सहयोग और उत्सव की भावना को भी प्रबल बनाते हैं। दीपोत्सव 2025 श्रीनाथ विश्वविद्यालय के लिए केवल एक पर्व नहीं रहा। यह सृजनशीलता, एकता और आनंद का जीवंत प्रतीक बन गया, जिसने छात्रों को परंपरा से जोड़ते हुए आधुनिकता की दिशा में प्रेरित किया।




नीमडीह के पुरियारा गांव में दिखा दुर्लभ कीटभक्षी जीव, वन विभाग ने सुरक्षित किया

चांडिल,सरायकेला -खरसावां जिला के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत पुरियारा गांव में विनोद के खेत अनोखा कीट भक्षी को देखा गया। उक्त बातें गांव में आग की तरह फैला गयी। इसके वन विभाग के कर्मचारी राणा को मालूम हुआ। 


इसके बाद चांडिल वन क्षेत्र शशि रंजन प्रकाश उक्त अनोखा कीट भक्षी को दलमा वन क्षेत्र पदाधिकारी दिनेश चंद्र को सौंपा। लोगों ने कहा की इस कीट को ब्रज कीट या, सुराज मुखी से गांव में जानना जाता है।यह कीट भक्षी बरसात में निकलता है। क्योंकी बिल पानी जमाव होने से बाहर निकल आते हैं। इसके पुर्व तेतलो गांव में भी निकला था ।

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