धनतेरस का पर्व दीपावली की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष यह शुभ अवसर 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला यह दिन अत्यंत पवित्र माना गया है। इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता की विशेष पूजा का विधान है। हालांकि, शास्त्रों में धनतेरस पर कुछ चीजों का दान वर्जित बताया गया है, क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता आ सकती है और मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं।
काले रंग से जुड़ी वस्तुओं का दान वर्जित हिंदू मान्यताओं के अनुसार, काला रंग राहु और शनि ग्रह से जुड़ा होता है, जिसे अशुभ माना गया है। इसलिए धनतेरस के दिन काले कपड़े, जूते-चप्पल या कोई भी काली वस्तु दान नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और आर्थिक स्थिरता पर असर पड़ता है।
नुकीली वस्तुएं और नमक-चीनी का दान अशुभ चाकू, कैंची, सुई जैसी नुकीली वस्तुएं संबंधों में दरार और विवाद का संकेत मानी जाती हैं। इनका दान करने से कलह और तनाव बढ़ सकता है।
इसी तरह नमक का दान करने से जीवन में आर्थिक अस्थिरता, जबकि चीनी का दान करने से धन हानि का योग बनता है।
धन और खाली बर्तन का दान भी न करें धनतेरस के दिन धन (पैसे) का दान करना शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का स्थाई वास घर में नहीं रहता।
इसी तरह खाली बर्तन का दान भी वर्जित है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता का प्रतीक माना गया है।
यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इन्हें अपनाने से पहले किसी योग्य पंडित या धार्मिक सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।









































