झारखंडी संस्कृति की पहचान है करमा पर्व – सांसद विद्युत वरण महतो
राजनगर, झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए राजनगर ब्लॉक मैदान में कुड़मी समुदाय द्वारा बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ देश करम महोत्सव आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, झारखंड आंदोलनकारी नेता हरमोहन महतो समाजसेवी आस्तिक महतो तथा जिला परिषद अमोदिनी महतो उपस्थित रहे और उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए करमा पर्व को झारखंड की परंपरा और पहचान बताया।
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि करमा परब पूर्वजों द्वारा दी गई अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे संरक्षित रखना समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि करम राजा धन, समृद्धि और शांति का वरदान देते हैं। साथ ही उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने के लिए समाज की एकजुटता और सहभागिता पर बल दिया।
झारखंड आंदोलनकारी नेता हरमोहन महतो ने कहा कि सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए जागरूकता और संगठन आवश्यक है। उन्होंने युवाओं से शिक्षा और समाज सेवा में आगे आने की अपील की।
जिला परिषद अमोदिनी महतो ने कहा कि महिलाओं और युवाओं की भागीदारी से समाज की ताकत बढ़ती है। उन्होंने परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए समाज में सहयोग और भाईचारे का संदेश दिया।
समाजसेवी आस्तिक महतो ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने का माध्यम हैं। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने और परंपराओं को संजोए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम में झूमर नृत्य और लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उत्सव को जीवंत बना दिया। लोगों ने परंपरागत नृत्य और संगीत का आनंद लिया। इस अवसर पर कुड़मी समुदाय के प्रतिनिधियों ने कुडमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी दोहराई।
महोत्सव के सफल आयोजन में संघ के अध्यक्ष सुधांशु महतो, उपाध्यक्ष बैद्यनाथ महतो, दिलीप महतो, सचिव साहेबराम महतो, कोषाध्यक्ष घनश्याम महतो, सुबोल महतो, कमलेश्वर महतो, दीपक महतो, सुभाष महतो, उदित महतो, गुरुचरण महतो, दिनेश महतो, दीनबंधु महतो, नीलकमल महतो, नुनुराम महतो, रवि महतो, मुकुट धारी महतो, नरेंद्र महतो, डाकेश्वर महतो, रंजीत महतो, सहदेव महतो, लक्ष्मीनारायण महतो, जगदीश महतो सहित संघ के समस्त सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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