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शनिवार, 13 सितंबर 2025

चाईबासा गौशाला की जमीन पर जैव विविधता पार्क निर्माण, न्यायालय आदेश की अवमानना पर याचिका

 चाईबासा : चाईबासा गौशाला की जमीन पर वन विभाग की ओर से बनाए जा रहे जैव विविधता पार्क और औषधीय उद्यान के मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायालय के आदेश की अवमानना को लेकर याचिका दायर की गई है।


चाईबासा गौशाला की ओर से गुरुवार को और अवमानना याचिका दायर कराई गई। जैव विविधता पार्क निर्माण कार्य विवादों में क्यों आ गया है, उसे समझने की जरूरत है।

 चाईबासा गौशाला का दावा है कि थाना संख्या 125, मौजा तमाड़बांध, खाता नंबर 2, प्लॉट नंबर 13 का अंश है जिसका रकबा 2.77 एकड़ है। यहां जैव विविधता पार्क बनाया जा रहा है, वह गौशाला की जमीन है। उस जमीन पर गोवंश की आश्रय स्थली है और हरा चारा का उत्पादन होता है। जमीन से जुड़े सारे दस्तावेज उसके पास है। विवाद कब और क्यों उठ खड़ा हुआ, अब उसे भी जान लीजिए। उपायुक्त कार्यालय द्वारा 2 फरवरी 2024 को प्लॉट नंबर 13 के 2.77 एकड़ भूमि पर जैव विविधता पार्क बनाने के लिए चाईबासा वन प्रमंडल को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया। इस भूमि पर सारंडा वन प्रमंडल की ओर से जैव विविधता पार्क का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया। तब चाईबासा गौशाला कमेटी ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने 22 अगस्त 2025 को कार्य स्थगन आदेश पारित कर दिया। गौशाला कमेटी की ओर से उपायुक्त और चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी को न्यायालय के आदेश से लिखित रूप से अवगत कराया गया। इसके बावजूद निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया। चाईबासा गौशाला के सहकोषाध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब सूचित करने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो हमें मजबूरन 11 सितंबर को फिर से उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा और अवमानना याचिका दायर की गई है। यहां एक बात और भी सवालों के घेरे में है कि भूमि का अनापत्ति प्रमाण पत्र चाईबासा वन प्रमंडल को दिया गया है। जबकि निर्माण कार्य सारंडा वन प्रमंडल कर रहा है। जो कि उसके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता है।





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