टी.पी.आई. इंग्लिश स्कूल, गुलाब बाग फेज़–2 में दिनांक 20 दिसंबर 2025, शनिवार को साइंस एग्ज़िबिशन 2025 निहायत कामयाबी और जोश-ओ-ख़रोश के साथ आयोजित किया गया। इस साइंस एग्जिबिशन में तलबा ने अपनी मेहनत, तख़लीकी सलाहियत और साइंसी समझ बूझ का बेहतरीन मुज़ाहिरा पेश किया।
नूमाइश में टीचर्स की निगरानी में कई मालूमाती मॉडल तैयार किए गए।
महविश मैम की निगरानी में एनिमल सेल का 3-डी मॉडल, अंबिया-ए-कराम के मोजेज़े, सोलर और लूनर इक्लिप्स जैसे अहम मॉडल्स पेश किए गए।
नौशीन मैम के ज़ेरे-एहतमाम पाइथागोरस थियोरम, रॉकेट, पार्लियामेंट हाउस और फोटोसिंथेसिस के मॉडल बनाए गए।
साइमा मैम की निगरानी में एटॉमिक स्ट्रक्चर और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट जबकि अमरीन मैम की निगरानी में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, बैलेंस डाइट और सोशल नेटवर्क के मॉडल पेश किए गए।
नमाइश का ख़ुसूसी आकर्षण हज्ज-ए-बैतुल्लाह का निहायत ख़ूबसूरत,और मालूमाती मॉडल रहा, जिसमें तलबा ने हज के तमाम अरकान और तरीक़ा-ए-हज को आसान और जबरदस्त अंदाज़ में समझाया۔ हाज़िरीन ने इस मॉडल को बहुत पसंद किया और सराहा।
इस मौक़े पर शहर की मशहूर तालीमी और समाजी शख़्सियात ने शिरकत की, जिनमें जनाब मास्टर रिज़वान साहब (कबीर मेमोरियल उर्दू हाई स्कूल), जनाब सैयद आमिर अख्तर साहब, जनाब मास्टर ताहिर हुसैन साहब, जनाब शाकिर अज़ीमाबादी साहब, जनाब हसन अख्तर इमाम साहब, जनाब मौलाना फ़ैसल इमाम साहब, जनाब बबलू नौशाद साहब और जनाब जावेद अख्तर ख़ान साहब क़ाबिले-ज़िक्र हैं। इसके अलावा शहर के कई मुअज़्ज़िज़ीन भी मौजूद रहे, जिन्होंने बच्चों के प्रोजेक्ट्स देखकर उनकी भरपूर हौसला-अफ़ज़ाई की।
नूमाइश के दौरान कुछ तलबा ने अलग अलग नाम से फूड कॉर्नर भी क़ायम किए, जहाँ उन्होंने अपनी मेहनत से तैयार किए गए खाने-पीने की चीजें पेश कीं और मेहमानों की ख़ुश-दिली से ख़िदमत की, जिस की तमाम हाज़िरीन ने सराहना की।
प्रोग्राम की कवरेज के लिए मुख़्तलिफ़ न्यूज़ चैनलों के रिपोर्टर्स भी मौजूद थे। मीडिया से बातचीत में इदारे के डायरेक्टर हज़रत सैयद सैफ़ुद्दीन असदक चिश्ती साहब ने बताया कि इस साइंस एग्ज़िबिशन का बुनियादी मक़सद बच्चों के अंदर तख़लीकी सलाहियत को बेदार करना और उनके पोशीदा टैलेंट को सामने लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि टी.पी.आई. इंग्लिश स्कूल की एक ख़ास ख़ुसूसियत यह है कि यहाँ इंग्लिश मीडियम तालीम के साथ-साथ हिफ़्ज़-ए-क़ुरआन, इस्लामियात और दीनियात की तालीम का भी मुनज़्ज़म इंतज़ाम मौजूद है।
आख़िर में उन्होंने सरपरस्तों से कहा कि मौजूदा दौर में आला तालीम हासिल करना बेहद ज़रूरी है, मगर तालीम का मक़सद सिर्फ़ दौलत कमाना नहीं, बल्कि एक अच्छा, बाअख़लाक़ और ज़िम्मेदार इंसान बनना होना चाहिए, जो समाज को बेहतर से बेहतर बनाने में अहम किरदार अदा कर सके।
इस कामयाब और बामक़सद प्रोग्राम पर तमाम टीचर्स, स्टूडेट्स और इंतज़ामिया की कोशिशों को सराहा गया और दुआ की गई कि इदारा आगे भी इसी तरह इल्म और अख़लाक़ की शमा रोशन करता रहे।















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