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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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गुरुवार, 13 नवंबर 2025

जमशेदपुर: एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में रक्तदान पर कार्यशाला आयोजित

एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, जमशेदपुर ने झारखंड के 25वें स्थापना दिवस के सुअवसर पर आज दूसरे दिन एक कार्यशाला तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यशाला का विषय था "रक्तदान के बारे में मिथक और तथ्य"। यह कार्यशाला ब्रह्मानंद हॉस्पिटल, जमशेदपुर के सहयोग से आयोजित की गई थी।



कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में श्री शक्ति धारी सिंह, एडमिनिस्ट्रेटर (नारायणा हेल्थ, जमशेदपुर) ने रक्तदान के महत्व और इसके बारे में फैली हुई मिथकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रक्तदान एक महादान है और इससे कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। उन्होंने रक्तदान के बारे में फैली हुई मिथकों को दूर करने का प्रयास किया और लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला में एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक श्रीमती अनुपा सिंह उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि रक्तदान एक महत्वपूर्ण कार्य है और हमें इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने छात्रों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है।

श्री शक्ति धारी सिंह ने बताया कि रक्तदान करने से कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है, और यह एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे कि रक्तदान करने वाले व्यक्ति का वजन, उम्र, और स्वास्थ्य की जांच करना। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने के बाद भी कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं, जैसे कि पर्याप्त आराम करना और खूब पानी पीना।

कार्यशाला के अंत में, श्री शक्ति धारी सिंह ने छात्रों के सवालों का जवाब दिया और उन्हें रक्तदान के महत्व के बारे में बताया। इस अवसर पर, एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के छात्रों ने रक्तदान करने के लिए शपथ ली और संकल्प लिया कि वे रक्तदान के महत्व को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे।

इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना था। हमें उम्मीद है कि इस कार्यशाला के माध्यम से छात्रों में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे रक्तदान करने के लिए आगे आएंगे।

सिर्फ दिल्ली नहीं, 200 जगह ब्लास्ट की थी साजिश, जनवरी से चल रही थी तैयारी

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जांच एजेंसियों ने पाया है कि धमाका करने वाला ग्रुप फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था। सूत्रों के अनुसार, इस साजिश की तैयारी जनवरी से ही शुरू कर दी गई थी।



डॉ. शाहीन शाहिद खुलासा दो साल से जमा कर रही थी विस्फोटक

फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ में कबूला कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक सामग्री जुटा रही थी। जांच में खुलासा हुआ कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल तैयार किया था। इसमें पेशेवर और पढ़े-लिखे लोग शामिल थे। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा था।

फरीदाबाद से बरामद हुई दूसरी कार

पुलिस को शक था कि धमाके में दो कारों का इस्तेमाल हुआ था। बुधवार को हरियाणा के खंदावली गांव से लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट (DL10-CK-0458) बरामद की गई। यह कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो धमाके में मारा गया था।

पीएम मोदी ने घायलों का हाल जाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान से लौटने के बाद सीधे LNJP अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि साजिश करने वालों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा।

देशभर में 200 बम धमाकों की साजिश

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह ग्रुप केवल दिल्ली नहीं, बल्कि पूरे देश में 200 आईईडी बम लगाकर हमले करने की तैयारी में था। उनके निशाने पर लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत कई रेलवे स्टेशन और मॉल थे। आतंकियों का मकसद धार्मिक स्थलों पर हमला कर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। इसके लिए उन्होंने कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के डॉक्टरों को चुना ताकि उन्हें आवाजाही में कोई दिक्कत न हो।

सुसाइड ब्लास्ट नहीं था हमला

जांच में सामने आया कि कार ने किसी बिल्डिंग या व्यक्ति को टक्कर नहीं मारी। धमाका वाहन के भीतर ही हुआ। यह सुसाइड कार बॉम्बिंग नहीं थी। डॉ. उमर की पहचान के लिए डीएनए जांच जारी है। यहां याद दिला दें कि यह धमाका सोमवार शाम करीब 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुआ था। इसमें 12 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। पुलिस ने कहा कि कार में वही विस्फोटक सामग्री थी, जो 10 नवंबर को फरीदाबाद से जब्त की गई थी।

राँची: ABHA ID अब जरूरी, झारखंड में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी पूरी तरह डिजिटल

राँची: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) की नवंबर माह की समीक्षात्मक बैठक राज्य अभियान निदेशक बिद्यानंद शर्मा पंकज की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक झारखंड राज्य मुख्यालय, नामकुम में हुई, जिसमें सभी 24 जिलों के मिशन अधिकारी शामिल हुए।



सभी जिलों को 100% HPR-HFR पूरा करने का निर्देश

श्री पंकज ने कहा कि मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों में 100 प्रतिशत Health Professional Registry (HPR) और Health Facility Registry (HFR) पूरी की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह कार्य प्राथमिकता से पूरा होना चाहिए।


ABHA ID बनाना अब जरूरी

राज्य अभियान निदेशक ने बताया कि झारखंड के हर नागरिक का ABHA ID बनाना अनिवार्य है, क्योंकि आने वाले समय में सभी चिकित्सा सेवाएं इसी डिजिटल ID से जुड़ी होंगी। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि आम जनता में जागरूकता अभियान चलाकर ABHA ID निर्माण की रफ्तार बढ़ाएं।


NHRR डाटा सुधारने और नए लक्ष्य तय

बैठक में ABDM टीम ने दिसंबर माह के लिए नए लक्ष्य तय किए। सभी जिलों को दो दिनों के भीतर NHRR डाटा की कमियों को दूर कर सही रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया।


MODEL अस्पतालों में HMIS लागू करने का आदेश

श्री पंकज ने निर्देश दिया कि MODEL अस्पतालों में CDAC HMIS के सभी मॉड्यूल 30 नवंबर 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिए जाएं। इस कार्य के लिए CDAC को आवश्यक निर्देश दिए गए।


रांची सदर अस्पताल की सराहना

बैठक में रांची सदर अस्पताल के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की गई। श्री पंकज ने कहा कि अन्य जिलों को भी इसी तरह मिशन मोड में काम करना चाहिए।


स्थापना दिवस पर जनजागरण अभियान

झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर सभी जिलों में ABHA ID निर्माण से जुड़ी दौड़, प्रतियोगिता और स्टॉल लगाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनजागरूकता बढ़ाने में मददगार होंगे।


Wi-Fi सुदृढ़ीकरण और अस्पतालों में अनिवार्य HMIS

राज्य के सभी PMJAY अस्पतालों को ABDM-compliant HMIS अपनाने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी जिलों में BSNL द्वारा Wi-Fi नेटवर्क को मजबूत करने की कार्रवाई की गई है।

नोएडा: खत्म हुआ निठारी हत्याकांड का अध्याय, 13 केसों में बरी होने के बाद जेल से रिहा हुआ सुरेंद्र कोली

नोएडा के निठारी हत्याकांड से जुड़े सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में बरी होने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है। बच्चों की निर्मम हत्याओं के इस मामले ने देश को हिला दिया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सबूतों की कमी के कारण कोली को बरी कर दिया गया।



सुपर स्टार अभिनेता धर्मेन्द्र सिंह देओल ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर अपने घर लौटे,

सुपर स्टार अभिनेता धर्मेन्द्र सिंह देओल ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर अपने घर लौटे, परिवार के साथ उनका ये वीडियो भारत की मीडिया के मुंह पर बहुत बड़ा तमाचा है जिन्होंने TRP के चक्कर में उनको जिन्दा मार डालने की खबर चला दीl



सरायकेला: प्रशिक्षु आईएएस की टीम को बीरबांस पंचायत भवन में दी गई गर्मजोशी के साथ विदाई

सरायकेला। आकांक्षी प्रखंड गम्हरिया के क्षेत्र भ्रमण एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित आकांक्षी योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण संचालन का भौतिक जायजा लेने पहुंची प्रशिक्षु आईएएस की छह सदस्यीय टीम को बुधवार को बीरबांस पंचायत भवन में गर्म जोशी के साथ विदाई दी गई। 


इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस की टीम में शामिल आयुष सैनी, सोमेश सोनी, शोभिका पाठक, अजय काशीरराम, मकवाना भार्गव महेश कुमार एवं अक्षिता त्रिवेदी को प्रखंड विकास पदाधिकारी गम्हरिया प्रवीण कुमार द्वारा शॉल ओढ़ाकर कर विदाई दी गई। मौके पर प्रतिनियुक्ति कर्मी शंकर सतपथी सहित अन्य सभी मौजूद रहे।











सरायकेला के दुधी गांव में आबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य आवास योजनाओं के लाभुकों का कराया गृह प्रवेश

झारखंड की रजत जयंती के अवसर पर बुधवार को सरायकेला प्रखंड के दुधी गांव में आबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य आवास योजनाओं के लाभुकों का गृह प्रवेश कराया गया । इस कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा डीसी रानी हांसदा, एवं जिला परिषद के अन्य सदस्य मुखिया उपस्थित थे मौके पर जिला परिषद के अध्यक्ष ने सभी लाभुकों को घर की चाबी उपलब्ध कराई।




सरायकेला: श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया पोढ़ुआ अष्टमी; पूजे गए घर के प्रथम एवं दूसरे संतान,

सरायकेला। उत्कलीय परंपरा के अनुसार सरायकेला सहित आसपास के क्षेत्र में पोढ़ुआ अष्टमी या प्रथमा अष्टमी श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रातः स्नान ध्यान कर घर के देव स्थान पर घर के प्रथम एवं द्वितीय संतान उपस्थित हुए।



जहां उनके माता-पिता की उपस्थिति में माता ने आरती उतार कर और तिलक लगाकर अपने प्रथम एवं द्वितीय संतान की पूजा अर्चना की। साथ ही सरसों के फूल से संवारा गया।

मौके पर नया वस्त्र देवता को अर्पित करते हुए वही वस्त्र उपहार स्वरूप प्रथम एवं द्वितीय संतान को पहनाया गया। इसके बाद अवसर के विशिष्ट व्यंजन के तहत घर में विशेष रूप से पकाए गए बीरी पीठा, बैगन भाजा, बैगन पुड़ा एवं सरसों के साग सहित अन्य पकाए गए सात्विक भोजन प्रथम एवं द्वितीय संतान को सेवन कराया गया। मान्यता रही है कि पोढ़ुआ अष्टमी पर घर के प्रथम एवं द्वितीय संतान के परंपरा अनुसार पूजन एवं सत्कार से घर में समृद्धि का वास होता है। और संतान परंपरा बनी रहने के साथ-साथ संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
















चांडिल: कपाली पुलिस ने चाकू की नोक पर जेवरात चोरी करने वाले आरोपी को भेजा सलाखों के पीछे

सरायकेला-खरसावां जिला के कपाली ओपी पुलिस ने चाकू की नोक पर घर से जेवरात चोरी करने वाले आरोपी फैयाज तबरेज (उम्र लगभग 19 वर्ष), पिता परवेज आलम,निवासी बंधुगोड़ा को गिरफ्तार कर न्यायालय हिरासत में भेज दिया है,मामला बीते दिनों का है जब सरफुद्दीन मस्जिद के समीप रहने वाले मकसूद आलम के घर में उस समय अफरातफरी मच गई थी,जब दो युवक चाकू के बल पर घर की महिलाओं को धमकाकर घर में रखी अलमारी तोड़कर सोने की कान की बाली, चांदी की पायल और करीब पांच हजार रुपये नकद लेकर आरोपी छत के रास्ते पास की झाड़ियों में चोरी का सामान फेंककर भाग रहा था,तभी महिलाओं द्वारा चोर-चोर चिल्लाने पर आसपास के लोग मौके पर जुट गए, स्थानीय लोगों ने साहस दिखाते हुए एक आरोपी को चाकू समेत दबोच लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी,इसके बाद आरोपी को कपाली पुलिस के हवाले कर दिया गया,गिरफ्तार आरोपी की पहचान फैयाज तबरेज के रूप में हुई है,पूछताछ में उसने कबूल किया कि चोरी की वारदात में उसका साथी पिंटा भी शामिल था,चोरी किए गए जेवर और नकद रुपये उसी के पास हैं फिलहाल पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।




श्रीनाथ विश्वविद्यालय में इको प्रिंट की उन्नत तकनीक और संभावनाओं पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित

श्रीनाथ विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स में “इको प्रिंट की उन्नत तकनीक और इसकी संभावनाएं” विषय पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स की सहायक प्रोफेसर सुश्री रिमी आदक और सुश्री दीपर्णा साहा द्वारा संचालित किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को इको प्रिंटिंग की उन्नत पद्धतियों से अवगत कराना और इसे दृश्य कला में एक सतत तथा नवोन्मेषी माध्यम के रूप में समझना था।


सत्र की शुरुआत इको प्रिंटिंग के वैचारिक आधारों पर एक परिचयात्मक प्रस्तुति के साथ हुई। इसमें बताया गया कि कैसे पत्तों, फूलों, छाल और अन्य प्राकृतिक पदार्थों की सहायता से वस्त्रों और कागज़ पर पर्यावरण-सम्मत तरीके से आकर्षक पैटर्न तैयार किए जाते हैं। विशेषज्ञों ने कला में पर्यावरणीय जागरूकता के महत्व पर बल देते हुए यह भी कहा कि रचनात्मक प्रक्रियाओं को पर्यावरणीय नैतिकता और संसाधन संरक्षण से जोड़ना समय की आवश्यकता है।

सैद्धांतिक परिचय के पश्चात् दोनों प्रशिक्षकों ने प्रायोगिक और सहभागितापूर्ण कार्यशाला का संचालन किया, जिसमें छात्रों को विभिन्न उन्नत प्रयोगात्मक प्रक्रियाओं जैसे रेजिस्ट तकनीक और मल्टी-लेयर्ड कम्पोज़िशन विधियों का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण टीम ने पिगमेंट ट्रांसफ़र और फाइबर इंटरैक्शन के वैज्ञानिक आधारों पर भी विस्तार से चर्चा की, जिससे कला और तकनीकी दोनों दृष्टिकोणों का समावेश हुआ।

सत्र के दौरान इको प्रिंटिंग के समकालीन कला और डिज़ाइन शिक्षा में उपयोगिता और संभावनाओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि इसका उपयोग टेक्सटाइल डिज़ाइन, सतही डिज़ाइन, फैशन इनोवेशन और फाइन आर्ट्स की विभिन्न विधाओं में व्यापक रूप से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक जहाँ एक ओर सौंदर्यबोध को विस्तार देती है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरणीय जागरूकता को भी बढ़ावा देती है, जो सतत कला शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सत्र में स्नातक स्तर के छात्र बड़ी संख्या में शामिल हुए और पूरे आयोजन के दौरान सक्रिय रूप से भाग लेते रहे। कलात्मक माहौल ने उन्हें सामग्री प्रयोग, स्थिरता और सृजनात्मक प्रक्रिया पर गंभीरतापूर्वक चिंतन करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला के दौरान तैयार किए गए कार्यों में तकनीकी दक्षता और वैचारिक समझ दोनों का प्रभाव देखने को मिला।

कार्यक्रम के आखिरी में खुले संवाद और फीडबैक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने इस उभरती हुई कला विधा से रूबरू होने पर संतोष व्यक्त किया जो कला, विज्ञान और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को एक साथ जोड़ती है। समग्र रूप से, सुश्री रिमी आदक और सुश्री दीपर्णा साहा द्वारा संचालित यह इको प्रिंट कार्यशाला स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स के शैक्षणिक और रचनात्मक विकास में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई। इसने विश्वविद्यालय में नवाचार, स्थायित्व और अंतर्विषयक शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।





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