सरायकेला-खरसावाँ : जिले में वन भूमि की पहचान हेतु आज समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय समिति की बैठक उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिले में वन भूमि की सटीक पहचान कर प्रतिवेदन तैयार कर प्रेषित किया जाना अनिवार्य है। इस संबंध में सभी अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अधिकार अभिलेख (Record of Rights) का विस्तृत परीक्षण कर ऐसे सभी खाते एवं प्लॉट चिह्नित करें जिनमें वन भूमि अंकित है। तत्पश्चात उनका संकलित प्रतिवेदन जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएँ, ताकि निर्धारित समयावधि में सर्वोच्च न्यायालय को प्रतिवेदन प्रेषित किया जा सके।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि चांडिल जलाशय क्षेत्र की चिन्हित भूमि का शत-प्रतिशत म्यूटेशन कर उसे वन विभाग को हस्तांतरित करना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी मौजा की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा न हो। जहाँ अवैध कब्जा पाया जाता है, वहाँ की भूमि को अतिक्रमणमुक्त कर यथाशीघ्र चिन्हित किया जाए।
उन्होंने कहा कि वन भूमि की पहचान केवल न्यायालयीन आदेश की पूर्ति ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा सुव्यवस्थित प्रबंधन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः सभी पदाधिकारियों को इस कार्य को पूर्ण गंभीरता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता के साथ संपादित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री सबा आलम, उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हांसदा, अपर उपायुक्त, भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला खनन पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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