Advertisement

Advertisement

Advertisement

शनिवार, 27 सितंबर 2025

सरायकेला में आदिवासी समुदाय का विशाल प्रदर्शन, कुड़मी को ST दर्जा देने का किया कड़ा विरोध – चेतावनी, कोल्हान में होगी आर्थिक नाकेबंदी

सरायकेला: कुड़मी समुदाय द्वारा खुद को ST की सूची में शामिल करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध किए जाने की मांग को लेकर पिछले दिनों कुड़मी समुदाय द्वारा किए गए "रेल टेका- डहर छेका" आंदोलन के विरोध में अब पूरे राज्य के आदिवासी समुदाय आंदोलन का रुख अख्तियार कर चुके हैं. 


इसी कड़ी में सरायकेला- खरसावां जिला के सभी प्रखंडों के आदिवासी समुदाय हजारों की संख्या में रैली की शक्ल में पारंपरिक हरवे- हथियार के साथ जिला मुख्यालय पर जुटे और जोरदार प्रदर्शन करते हुए जिला उपयुक्त को एक मांग पत्र सौंपा. साथ ही उन्होंने चेतावनी दिया कि यदि सरकार कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देती है तो इस राज्य को मणिपुर बनने से कोई रोक नहीं सकेगा. 


आदिवासी नेताओं ने बताया संविधान की झूठी व्याख्या कर कुड़मी खुद को आदिवासी घोषित करने के लिए जिस तरह के दबाव की रणनीति अपना रहे हैं वह गैर कानूनी है. उन्होंने बताया कि कुड़मियों के आंदोलन से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है साथ ही रेल यात्रियों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. आदिवासी नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनका अगला कदम कोल्हान की आर्थिक नाकेबंदी होगी. उन्होंने कहा कि पूरे कोल्हान के आदिवासी एकजुट हो रहे हैं उसके बाद यहां से निकलने वाले खनिज संपदाओं की ढुलाई पर रोक लगा देंगे. आदिवासी नेताओं ने बताया कि किसी कीमत पर कुड़मी को आदिवासी बनने नहीं देंगे. यदि राज्य और केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं लेती है तो झारखंड में मणिपुर की घटना दोहराई जाएगी. 


0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

Breaking