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मंगलवार, 25 नवंबर 2025

अब झारखंड में ही तैयार होंगे पायलट, सीएम ने किया फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्घाटन

राँची: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड गठन के 25 साल पूरे होने पर झारखंड एक नए विकास चरण में कदम रखता दिख रहा है। संथाल परगना से शुरू हुई तरक्की की राह अब रांची तक पहुंच रही है। यह सिर्फ इलाके का विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है। दुमका में शुरू हुआ झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट इसी बदलाव की एक मजबूत मिसाल है। 2008 में इसकी नींव रखी गई थी और अब यह युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए तैयार है। ययह सिर्फ एक संस्थान नहीं बल्कि बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मौका था दुमका के सिदो–कान्हू एयरपोर्ट पर “झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट” के उद्घाटन समारोह का का। उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह पहल राज्य को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक खास पहचान दिलाएगी।



पहले चरण में तैयार किए जाएंगे 30 पायलट

सीएम हेमंत ने बताया कि पहले चरण में 30 पायलट तैयार किए जाएंगे, जिनमें से 15 का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। इससे झारखंड के युवाओं को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना भविष्य बना सकेंगे। उन्होंने याद किया कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने हजारों श्रमिकों को हवाई जहाज से घर लाकर राहत दी थी। अब उसी वर्ग के बेटे-बेटियों को पायलट और विमान इंजीनियर बनने का मौका देकर राज्य एक नई दिशा में बढ़ रहा है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञों के साथ मिलकर ट्रेनिंग सुविधाओं का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, थ्योरी कक्षाओं, सिम्युलेटर ट्रेनिंग, फ्लाइट संचालन और आपात स्थिति प्रबंधन से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को समझा।

वादों को पूरा करने में यकीन रखती है हमारी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वादों को पूरा करने में यकीन रखती है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं। मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना इसी दिशा की एक बड़ी पहल है, जिसके तहत हर साल 25 छात्रों को विदेश भेजने का पूरा खर्च राज्य वहन करता है। इससे छात्रों को बेहतर शिक्षा और वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने का मौका मिलता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ राजधानी से नहीं बल्कि गांवों से चलने वाली सरकार है। सेवा का अधिकार कार्यक्रम इसकी मिसाल है, जिसके तहत अधिकारी गांवों और पंचायतों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और मौके पर समाधान कर रहे हैं। जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पेंशन और योजनाओं से जुड़े आवेदन शिविरों में ही निपटाए जा रहे हैं। समय पर काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

मुख्यमंत्री ने मसलिया–रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया और कहा कि यह योजना किसानों के लिए सालभर सिंचाई उपलब्ध कराएगी। इससे फसल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में सुधार होगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 190.647 करोड़ रुपये लागत की 12 योजनाओं का उद्घाटन और 123.48 करोड़ रुपये की 14 नई योजनाओं की आधारशिला रखी। साथ ही 23 लाभुकों को परिसंपत्तियों का वितरण किया गया जिनमें दिव्यांगों के लिए मोटर ट्राइसाइकिल, मोटरसाइकिल, मिनी मेडिकल यूनिट, बस, छात्रावास और वित्तीय सहयोग शामिल था। इससे लाभुकों की आजीविका और आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

इस अवसर पर सांसद नलिन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, विधायक प्रदीप यादव, विधायक लुईस मरांडी, विधायक आलोक सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीजॉयस बेसरा, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव, प्रशांत कुमार, झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के निदेशक, कैप्टन एसपी सिन्हा, इंस्टीट्यूट के ट्रेनी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।



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