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मंगलवार, 4 नवंबर 2025

जगन्नाथपुर के गोकुलधाम में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन ,मन अशांत और विचार नकारात्मक हैं तो अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें, मन शांत हो जाएगा : बसंत प्रधान

सरायकेला प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर के गोकुलधाम में चल रहे श्रीमद् भागवत गीता के पांचवें दिन कथा वाचक बसंत प्रधान ने व्यास पीठ से कहा कि जब इच्छाएं पूरी नहीं होती हैं, जब हम असफल हो जाते हैं तो मन अशांत हो जाता है। अशांत मन के साथ किए गए काम, पूजा-पाठ का पूरा फल नहीं मिलता है। अशांति के बारे में राजा परीक्षित ने शुकदेव से पूछा था कि कलियुग में लोग इतने बेचैन क्यों रहते हैं, लोगों का मन शांत क्यों नहीं रहता है? सभी अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं।



शुकदेव जी ने परीक्षित से कहा कि पुराने समय में ये बात भूमि देवी ने भी भगवान से कही थी। देवी भूमि ने कहा था कि बड़े-बड़े राजा मुझे जीतना चाहते हैं, जबकि ये खुद मौत के खिलौने हैं। कोई भी व्यक्ति मरने के बाद मुझे अपने साथ नहीं ले जा सकता, फिर भी मुझे पाने के लिए इतने बेचैन रहते हैं।

शुकदेव जी ने परीक्षित को समझाया कि हम जो धन-संपत्ति कमाते हैं या जो पाना चाहते हैं, सारे झगड़े उसके लिए हैं। सभी चाहते हैं कि मेरे पास सब कुछ हो, दूसरों से ज्यादा हो। जबकि ये सारी चीजें यहीं रह जाएंगी, ये बात इंसान समझ नहीं पा रहे हैं।

परीक्षित ने शुकदेव जी की पूरी बात सुनी और फिर पूछा कि अशांति कैसे दूर करें, शांति पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

शुकदेव जी ने कहा कि जो लोग अपने इष्टदेव के नाम और उनके मंत्र जपते हैं, भजन, पूजा-पाठ और ध्यान करते हैं, उन्हें शांति जरूर मिलती है। शांति चाहते हैं तो इच्छाएं छोड़कर अपने इष्टदेव के नामों का जप करना चाहिए। मंत्र जप करने से हमारे मन में जो परिवर्तन होंगे, वे हमें शांत करेंगे।

व्यास पीठ से दिनेश प्रधान,राधावल्लभ प्रधान,अजीत प्रधान, नागेश्वर प्रधान, कृष्ण कुमार प्रधान ने बारी बारी से श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराया,जिसे श्रोताओं ने काफी प्यार से श्रवण किया। 

कथा, क्षेत्र के मातृभाषा उड़िया भाषा में किया जा रहा है। मौके पर भंडारा का आयोजन किया गया, जिसमें खीर ,बुंदिया , खिचड़ी और प्रसाद श्रद्धालुओं के बीच बांटा गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में गणमान्य लोगों का भरपूर सहयोग मिला ।मौके पर सीताराम मंडल, हेमंत प्रधान,सुर्या प्रधान ,सहदेव सरदार ,हरिश्चंद्र प्रधान , जगन्नाथ प्रधान ,दामोदर प्रधान, कुंजो प्रधान, दिलीप प्रधान , हेमसागर प्रधान, देवीदत्त प्रधान,प्रदीप प्रधान, शैलेंद्र प्रधान, हिमांशु प्रधान, वशिष्ठ प्रधान,लखिन्दर प्रधान,दिपक प्रधान समेत काफी संख्या में आसपास गांव के साथ-साथ क्षेत्र के लोगों उपस्थित हुए।









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