पाकुड़: खेल मैदान की लाल मिट्टी पर रोज दौड़ते दो किशोर जय रजक और प्रियांशु कुमार आज पूरे पाकुड़ की उम्मीदों के नाम बन चुके हैं। दोनों का चयन झारखंड अंडर-16 टीम में हुआ है, जो प्रतिष्ठित विजय मर्चेंट ट्रॉफी में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। कटक में शुरू हो रहे बीसीसीआई डोमेस्टिक सीजन 2025-26 के लिए 7 दिसंबर को वे टीम के साथ रवाना होंगे।
इन दोनों के लिए यह चयन सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि कठिन संघर्ष, अनुशासन और सपनों को पूरा करने की पहली बड़ी सीढ़ी है। सुबह-सुबह उठकर अभ्यास करने से लेकर पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन बनाने तक, दोनों ने अपने बचपन में ही एक ऐसी गंभीरता दिखाई है, जो बड़े खिलाड़ियों की पहचान होती है।
जय रजक की मेहनत की कहानी
जय के घर में आज उत्सव जैसा माहौल है। साधारण परिवार से आने वाले जय अपने इलाके के अनगिनत बच्चों के लिए प्रेरणा हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बारिश हो या तपती धूप, जय मैदान में अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी को निखारते रहे। परिवार वालों का कहना है कि जय जहां भी जाता है, पूरे दिल से सिर्फ खेल के बारे में सोचता है। उनका चयन अब परिवार की वर्षों की मेहनत का प्रतिफल है।
प्रियांशु कुमार का जुनून और लगन
प्रियांशु की कहानी भी ऐसी ही है, जिसमें सपनों को हौसलों ने सहारा दिया। स्कूल से लौटकर बैग हटाते ही वे सीधे मैदान पहुंच जाते थे। उनके कोच बताते हैं कि प्रियांशु की आँखों में क्रिकेट बसता है। चाहे जितना भी अभ्यास करवाओ, वह हमेशा एक ओवर और मांग लेता है। आज उनका नाम राज्य टीम में शामिल होना पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है।
पीडीसीए और जेएससीए अधिकारियों ने दिया हौसला
दोनों खिलाड़ियों के चयन पर जेएससीए जिला प्रतिनिधि बीरेंद्र कुमार पाठक, पीडीसीए सचिव प्रणय तिवारी, अध्यक्ष श्रीपत कुमार, कोषाध्यक्ष गणपत सिंह, लेखाकार रणवीर सिंह, तथा सदस्य गौरव चौधरी, सोना दास, सोहन मंडल, और सोमेन घोष ने उन्हें बधाई दी।
सभी पदाधिकारियों ने कहा कि पाकुड़ के खिलाड़ी अब राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, यह जिले के खेल विकास की दिशा में बड़ा संकेत है।
परिवार और जिले की उम्मीदें
दोनों खिलाड़ियों के घरों में आज खुशी का माहौल है, साथ ही एक गर्व भी है कि उनके बच्चे अब झारखंड की जर्सी पहनकर देश की सबसे प्रतिष्ठित जूनियर प्रतियोगिता में उतरने वाले हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जय और प्रियांशु ने साबित कर दिया कि छोटे शहरों से भी बड़े खिलाड़ी निकल सकते हैं।
अब अगली मंजिल विजय मर्चेंट ट्रॉफी
सात दिसंबर से शुरू होने वाली प्रतियोगिता में अब सभी निगाहें इनके प्रदर्शन पर होंगी। कोच और क्रिकेट प्रेमियों को यकीन है कि दोनों खिलाड़ी मैदान पर अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन करेंगे, जिससे पाकुड़ और झारखंड का नाम और भी रोशन होगा।







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