Advertisement

Advertisement

Advertisement

Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

The Saubhagya Bharat

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मंगलवार, 25 नवंबर 2025

राँची : सीएम हेमंत ने जनगणना 2027 को लेकर दिये सख्त निर्देश

राँची : सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में होने वाली जनगणना 2027 को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्देश जारी किया है। जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंड की किसी भी प्रशासनिक इकाई की सीमा में अब बदलाव नहीं किया जाएगा।



01 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक रोक

निर्देश के अनुसार जिला, अनुमंडल, प्रखंड, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, छावनी परिषद, वार्ड, पंचायत और गांव जैसी सभी इकाइयों की सीमाओं में 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक कोई भी परिवर्तन नहीं होगा। सरकार का मानना है कि जनगणना के दौरान सीमा परिवर्तन से डेटा संग्रह में दिक्कतें आती हैं, इसलिए यह कदम जरूरी है।

31 दिसंबर 2025 तक किए गए बदलावों की जानकारी भेजने का आदेश

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि 31 दिसंबर 2025 तक जिन क्षेत्रों की सीमाओं में बदलाव किए गए हैं, उनकी पूरी जानकारी और संबंधित अधिसूचनाएं जनगणना निदेशालय, झारखंड, रांची को जल्द भेजी जाएं। इससे आगामी जनगणना की प्रक्रिया को सही ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी।

सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश

राज्य सरकार ने सभी विभागों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि जनगणना से पहले प्रशासनिक इकाइयों की स्थिति पूरी तरह साफ हो सके। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 की जनगणना बिना किसी बाधा के, सटीक और सुचारू रूप से पूरी की जा सके।

दुमका: सीएम हेमंत का मेगा सिंचाई मिशन… 22 हजार हेक्टेयर जमीन को पानी मिलेगा

दुमका : सीएम हेमंत सोरेन लगातार राज्य में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने दुमका जिले के रानेश्वर प्रखंड स्थित मुरगुनी में सिद्धेश्वरी नदी पर बन रही मसलिया रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना दुमका के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इससे मसलिया और रानेश्वर प्रखंड की 22 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि को पानी मिलेगा। उन्होंने संबंधित विभाग और एजेंसी को शेष काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि किसान समय पर इसका लाभ उठा सकें।


पानी का बेहतर उपयोग और पर्यटन की संभावना

मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि पानी का पूरा उपयोग हो सके। नदी में पानी अधिक होने पर उसे तालाबों और जलाशयों में भेजा जाएगा। परियोजना शुरू होने के बाद स्थानीय लोगों को सिंचाई के साथ साथ पर्यटन और रोजगार का भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

कंपनी का दावा, 80 प्रतिशत काम पूरा

निर्माण कर रही एल एंड टी कंपनी ने बताया कि कुल काम का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। बैराज लगभग बन गया है और 15 गेटों में 90 प्रतिशत काम हो चुका है। तीन पंप हाउस में एक बन चुका है जबकि दो का काम जारी है। पांच डिलीवरी चैंबर में तीन पूरे हो चुके हैं। अगले साल जनवरी तक करीब 6400 हेक्टेयर भूमि पर पाइपलाइन के जरिए सिंचाई शुरू कर दी जाएगी।

22,283 हेक्टेयर जमीन को मिलेगा फायदा

इस महत्वाकांक्षी परियोजना से मसलिया के 15 पंचायत और रानेश्वर के चार पंचायत के 226 गांवों को फायदा मिलेगा। कुल 22,283 हेक्टेयर जमीन तक भूमिगत पाइपलाइन से पानी पहुंचाया जाएगा। 1313 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने नवंबर 2022 में किया था।

निरीक्षण के दरम्यान सीएम हेमंत सोरेन के साथ विधायक आलोक कुमार सोरेन, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और सचिव प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे।

हजारीबाग: CISF बैरक से ओपन फोरम तक, NTPC निदेशक ने सुनी हर आवाज

हजारीबाग : सिकरी की शांत शाम कुछ दिनों से अलग दिख रही थी। टाउनशिप की गलियों में बच्चों की हंसी और मजदूरों की भागदौड़ के बीच एक बदलाव की हल्की आहट सुनाई दे रही थी। वजह थी NTPC के निदेशक (ईंधन) शिवम श्रीवास्तव का तीन दिवसीय दौरा। लोगों को उम्मीद थी कि उनकी मौजूदगी से न सिर्फ परियोजना की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि यहां रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों की रोजमर्रा की जरूरतें भी सुनी और समझी जाएंगी।



पहला दिन : टाउनशिप की धड़कन को करीब से महसूस करना

शनिवार को निदेशक का काफिला सिकरी टाउनशिप पहुंचा। अधूरी सड़कों पर काम कर रहे मजदूरों ने थोड़ा रुककर ऊपर देखा, जैसे उन्हें भरोसा हो कि अब उनकी मेहनत को सही दिशा मिलेगी। निदेशक ने सिर्फ भवनों के निर्माण नहीं देखे, बल्कि उन परिवारों की बातें भी सुनीं जिनकी जिंदगी इन कमरों और गलियारों से जुड़ी है। अधिकारी निर्माण की फाइलें दिखाते रहे, लेकिन इस पूरे निरीक्षण में सबसे अलग वह पल था जब उन्होंने एक महिला कर्मचारी से पूछा कि नए क्वार्टर बनने से उसे क्या राहत मिलेगी। महिला ने मुस्कुराकर कहा, “साहब, बच्चों को स्थायी कमरा मिल जाएगा, यही सबसे बड़ी सुविधा है।”

दूसरा दिन : नए कमरों में नई उम्मीदें

लांगतु में CISF की नई बैरक जब खोली गई, तो सबसे खुश उन जवानों के चेहरे थे जो अब बेहतर सुविधाओं में रह पाएंगे। एक जवान ने धीरे से कहा, “अब परिवार से दूर रहने का दर्द थोड़ा कम लगेगा।”

सिकरी टाउनशिप में बैचलर हॉस्टल-3 के उद्घाटन के समय भी युवा कर्मचारियों के चेहरों पर सुकून दिख रहा था। कई हंसी-मजाक में बातचीत कर रहे थे कि अब ऑफिस और रहने की जगह दोनों बेहतर हो गई हैं।

शाम को गजल संध्या ने पूरे इलाके को एक सुकूनभरी फुहार दी। थकान से भरे दिन के बाद सुरों की यह शाम, मजदूर से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक, सबके दिल को छूती रही।

तीसरा दिन : हर आवाज को सुनने का मंच

ओपन फोरम, इस दौरे का सबसे मानवीय पहलू रहा। बड़ी मीटिंग हॉल में कर्मचारी अपनी बातें रखते गए। किसी ने सुरक्षात्मक उपकरणों की चिंता बताई, तो किसी ने खान क्षेत्र में पानी की कमी का जिक्र किया।

निदेशक हर सवाल को गंभीरता से सुनते रहे। जवाब देते समय उनका लहजा आदेश वाला नहीं, बल्कि टीम के एक सदस्य जैसा था। उन्होंने साफ कहा कि हर कर्मचारी की सुरक्षा और सुविधा ही परियोजना की असल ताकत है। एक वरिष्ठ कर्मचारी ने जाते-जाते कहा, “आज लगा कि हमारी बात सिर्फ सुनी नहीं गई, समझी भी गई है।”




तीन दिनों का असर : सिकरी में भरोसे की लौ

इस दौरे ने परियोजना की गति तो बढ़ाई ही, साथ ही यहां रहने और काम करने वाले लोगों के बीच भरोसे की नई परत भी बनाई। नई इमारतें, नए कमरे, बेहतर सुविधाएं और खुला संवाद, यह सब सिर्फ विकास की बातें नहीं थीं। यह उन लोगों की कहानी थी जो दिन-रात कोयला परियोजना की जमीन पर काम करते हैं, और पहली बार उन्होंने महसूस किया कि उनकी आवाज भी विकास का हिस्सा है।

राँची: मंत्री की गीदड़ भभकी से डरें नहीं BLO, झारखंड को बंगाल नहीं बनने देंगे : जदयू

राँची : जदयू के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने राज्य के बीएलओ से कहा कि वे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर प्रक्रिया में बिना किसी डर के काम जारी रखें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आम लोग उनका पूरा साथ देंगे। सागर कुमार ने कहा कि मंत्री इरफान अंसारी एसआईआर को धीमा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक मंत्री गलत बयान देकर माहौल खराब कर रहे हैं, लेकिन इससे बीएलओ को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड में प्रक्रिया पूरी ईमानदारी से होगी और इसे कोई रोक नहीं पाएगा।



SIR को बताया सामान्य प्रक्रिया

जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मतदाता सूची में त्रुटियां दूर करने के लिए एसआईआर जरूरी है। देश के कई राज्यों में यह काम चल रहा है और कहीं भी विरोध नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि असली मतदाताओं को दस्तावेज दिखाने में कोई परेशानी नहीं होती, जबकि विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर लोगों को भटका रहा है।

जामताड़ा में हुई घटना पर सवाल

उन्होंने आरोप लगाया कि जामताड़ा में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने जिला निर्वाची पदाधिकारी की मौजूदगी में बीएलओ को धमकाया। जदयू ने इसे गंभीर मामला बताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कार्रवाई की मांग की है।

बिहार: 40 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम, पटना की स्टडी ने खोला चौंकाने वाला सच

बिहार : पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान की एक ताज़ा स्टडी में ऐसा खुलासा हुआ है जिसने डॉक्टरों से लेकर आम लोगों तक को चिंतित कर दिया है। शोध में पाया गया कि 40 दूध पिलाने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क के सभी सैंपल में यूरेनियम मौजूद था। यह स्टडी अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच की गई।



40 में से 100% सैंपल यूरेनियम से कंटैमिनेटेड

रिसर्च विभाग के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार घोष ने बताया कि ब्रेस्ट मिल्क के सभी सैंपल में 0 से 6 माइक्रोग्राम प्रति लीटर तक यूरेनियम पाया गया, जबकि ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम के लिए कोई तय अंतरराष्ट्रीय लिमिट मौजूद नहीं है। सबसे अधिक कंसंट्रेशन 5.25 माइक्रोग्राम प्रति लीटर कटिहार जिले में दर्ज किया गया।

70% बच्चों पर स्वास्थ्य असर का जोखिम

रिसर्च टीम के अनुसार, यूरेनियम की इस मात्रा से 70% बच्चों में नॉन-कार्सिनोजेनिक हेल्थ इफेक्ट्स का जोखिम देखा गया है। हालांकि किसी भी सैंपल में कैंसर का खतरा यानी कार्सिनोजेनिक रिस्क नहीं पाया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति इसलिए खतरनाक है क्योंकि यूरेनियम शरीर के मेटाबॉलिज्म और किडनी फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।

बिहार के 11 जिलों में ग्राउंडवॉटर यूरेनियम का संकट

भारत में ग्राउंडवॉटर यूरेनियम कंटैमिनेशन तेजी से बढ़ती हुई समस्या बन चुकी है। बिहार के गोपालगंज, सारण, सीवान, पूर्वी चंपारण, पटना, वैशाली, नवादा, नालंदा, सुपौल, कटिहार और भागलपुर जैसे जिलों में पहले भी यूरेनियम की मौजूदगी की रिपोर्ट आ चुकी है।

इस स्टडी को विशेष रूप से उन जिलों में किया गया जहाँ पहले यूरेनियम की मौजूदगी सामने आई थी—जिनमें भोजपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और नालंदा शामिल हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), हाजीपुर में USA के एडवांस LC-ICP-MS इंस्ट्रूमेंट की मदद से ब्रेस्ट मिल्क सैंपल की जांच की गई।

कटिहार जिला सबसे अधिक प्रभावित

स्टडी के अनुसार, कटिहार जिले में यूरेनियम का स्तर सबसे अधिक 5.25 ug/L रहा, जिसे खतरनाक माना गया है। नालंदा में यह स्तर सबसे कम 2.35 ug/L दर्ज किया गया।

झारखंड: जली मोपेड से खुला राज, झाड़ियों में मिली दर्दनाक कहानी

झारखंड : चाईबासा के खड़पोस गांव में हर सुबह की तरह उस दिन भी लोग अपनी दिनचर्या में लगे थे। लेकिन 22 नवंबर की सुबह हवा में एक अजीब बेचैनी थी। झरना नदी किनारे मिली एक जली हुई मोपेड ने पूरे गांव को चौंका दिया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह एक फेरीवाले के जीवन का आखिरी निशान बन जाएगी। 55 साल के श्रीराम बिरुवा गांव में किराना बेचते थे और आसपास के इलाकों में फेरी लगाया करते थे। अकेले रहते थे, लेकिन गांव के हर घर में जाना-पहचाना चेहरा थे। काम पर निकले आदमी की आंखों में उम्मीद रहती है कि शाम को फिर घर लौटेगा। लेकिन उस दिन श्रीराम के घर का दरवाजा बाहर से बंद था और अंदर टीवी की आवाज गूंज रही थी। खून के धब्बे और बिखरा पड़ा घर जैसे चीख-चीखकर बता रहा था कि कुछ बहुत गलत हुआ है।



तलाश जो कब्रिस्तान तक पहुंची

जब पुलिस और ग्रामीणों ने तहकीकात शुरू की तो हर कदम उन्हें एक डर की तरफ ले जा रहा था। घर से कुछ ही दूरी पर कब्रिस्तान की झाड़ियों में जब श्रीराम का अर्धनग्न शव मिला, तो गांव में खामोशी छा गई। एक शांत स्वभाव के आदमी का अंत इस तरह होगा, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। मृतक का बेटा जयसिंह अस्पताल में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होते देख बस यही दोहरा रहा था, “पापा की किसी से क्या दुश्मनी थी?”

जमीन विवाद ने ले ली एक जान

डीएसपी रफायल मुर्मू की टीम ने मामले को दो दिन में सुलझा लिया। सूरज बिरुवा उर्फ टकलू, मधु बांकिरा उर्फ डोंडा और राहुल पिंगुवा ये तीनों उसी गांव के लड़के थे। पुलिस पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि पुराने जमीन के लफड़े के कारण उन्होंने मिलकर श्रीराम की हत्या की योजना बनाई और उन्हें मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जली मॉपेड से लेकर खून लगी गुप्ती तक

आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने खून लगा लोहे का रॉड, एक गुप्ती, खून सना पैंट और जली हुई मॉपेड बरामद की। जैसे इस कहानी के हर टुकड़े को जोड़ने के बाद एक तस्वीर साफ हो रही थी। एक इंसान को सुनियोजित तरीके से खत्म किया गया था।

झारखंड: युवाओं के उत्साह से भरा पाकुड़, यूनिटी मार्च ने जुटाया जनसमर्थन

झारखंड: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर देशभर में हो रहे यूनिटी मार्च के तहत सोमवार को पाकुड़ में भी यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय तथा माय भारत की पहल पर निकली इस मार्च को लेकर युवाओं में खासा उत्साह दिखा।



डीडीसी ने दिखाई हरी झंडी, पार्क से स्टेडियम तक भरा जोश

स्थानीय सिद्धू कान्हू मुर्मू पार्क से यूनिटी मार्च की शुरुआत हुई। डीडीसी महेश कुमार संथालिया ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मार्च शहर के मुख्य चौक चौराहों से गुजरते हुए जिला स्तरीय स्टेडियम तक पहुंची, जहां इसका समापन हुआ। पूरे मार्ग में युवाओं की ऊर्जा और देशप्रेम का माहौल बना रहा।

इतिहास जानने पर जोर, युवाओं को आगे आने की अपील

अधिकारियों ने कहा कि 1906 से 1947 तक देश किन परिस्थितियों से गुजरा, यह हर युवा को जानना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि आजादी के बाद भी देश कई चुनौतियों से गुजर रहा है और युवा पीढ़ी ही देश की एकता और अखंडता को मजबूत कर सकती है। इसलिए युवाओं से राष्ट्र निर्माण में आगे आने की अपील की गई।

राँची: राजधानी में नशे का बड़ा नेटवर्क ध्वस्त, दस तस्कर गिरफ्त में

राँची : राजधानी रांची में नशे का गंदा धंधा करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। रांची पुलिस ने नशे के दस सौदागरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्करों के नाम अमित कुमार गुप्ता उर्फ बिट्टू, मुकेश कुमार यादव, मुन्ना यादव, चिकू यादव, सैयद समीर, बेबी परवीन, दीपक कुमार, राजू कुमार, टुटू कुमार साव और लिच्चू महतो बताये गये। इन लोगों को अभियान चलाकर 23 और 24 नवंबर की रात कांके और बरियातु थाना क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों से पकड़ा गया है। इनके पास से ब्राउन सुगर, गांजा, कफ सिरप, नकदी और कई उपकरण जब्त किए गए। इस बात का खुलासा रांची के सिटी एसपी पारस राणा और रुरल एसपी प्रवीण पुष्कर ने साक्षा तौर पर किया है।



सिटी एसपी पारस राणा और रुरल एसपी प्रवीण पुष्कर ने मीडिया को बताया कि रांची पुलिस कप्तान राकेश रंजन के निर्देश पर शहर के तमाम इलाकों में नशा और अड्डाबाजी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच गुप्त सूचना मिली थी कि कांके इलाके में नशे की कारोबार बैखौफ हो रहा है। गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने आईआईसीएम के पास मैदान में छापामारी की। यहां से चार लोगों को पकड़ा गया। इनके पास से करीब 50 ग्राम ब्राउन सुगर, एक किलो गांजा, मोबाइल, पैकिंग सामग्री, लाइटर, दो ऑटो और एक स्कूटी जब्त हुई।

पूछताछ में सामने आए नामों के आधार पर पुलिस ने कोंगे जयपुर गांव में सैयद समीर के घर दबिश दी। यहां से 105 ग्राम ब्राउन सुगर, 1.6 किलो गांजा, 1.81 लाख रुपये नकद, डिजिटल मशीन और बड़ी मात्रा में पैकिंग सामग्री बरामद हुई। समीर और उसकी पत्नी बेबी परवीन को गिरफ्तार किया गया।

इसके बाद पुलिस ने ओमनगर, गांधी नगर में दीपक कुमार के घर छापा मारा। यहां से 50 ग्राम ब्राउन सुगर, 60 हजार रुपये नकद और पैकिंग सामग्री मिली। दीपक ने बताया कि पटना के बिहटा निवासी राजू कुमार नशा सामग्री सप्लाई करता है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। कांके क्षेत्र में पकड़े गए कुल 8 आरोपियों के पास से 202 ग्राम ब्राउन सुगर, 2.5 किलो गांजा और 2.41 लाख रुपये नकद मिले। इनकी बाजार कीमत करीब 21.50 लाख रुपये आंकी गई है।

बरियातु में झोपड़ी पर छापा, दो गिरफ्तार

बरियातु थाना क्षेत्र में हरिहरसिंह मोड़ के पास झोपड़पट्टी में छापामारी के दौरान दो युवक भागने लगे, जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। इनके पास से एक कार्टन में 20 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप मिला। यह सामान बिना किसी वैध दस्तावेज के रखा गया था। मेडिसिन इंस्पेक्टर की जांच में यह नशीला पदार्थ पाया गया। दोनों आरोपी पहले भी नशे और महामारी अधिनियम के मामलों में चार्जशीटेड रह चुके हैं।

क्या-क्या मिला पुलिस को

कांके थाना क्षेत्र से गिरफ्तार लोगों के नाम अमित कुमार गुप्ता उर्फ बिट्टू, मुकेश कुमार यादव, मुन्ना यादव, चिकू यादव, सैयद समीर, बेबी परवीन, दीपक कुमार, राजू कुमार बताये गये। वहीं, बरियातु थाना क्षेत्र से टुटू कुमार साव और लिच्चू महतो को गिरफ्तार किया गया। इन गिरफ्तार लोगों के पास से 202 ग्राम ब्राउन सुगर, 2.5 किलो गांजा, 20 बोतल कफ सिरप, 241630 रुपये कैश, दो ऑटो, एक स्कूटी, डिजिटल वजन मशीन, मोबाइल फोन और पैकिंग सामग्री पुलिस ने जब्त किये हैं।

एसपी ने कहा कि सभी मामलों में संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। शहर में नशा कारोबार के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।

अब झारखंड में ही तैयार होंगे पायलट, सीएम ने किया फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्घाटन

राँची: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड गठन के 25 साल पूरे होने पर झारखंड एक नए विकास चरण में कदम रखता दिख रहा है। संथाल परगना से शुरू हुई तरक्की की राह अब रांची तक पहुंच रही है। यह सिर्फ इलाके का विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है। दुमका में शुरू हुआ झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट इसी बदलाव की एक मजबूत मिसाल है। 2008 में इसकी नींव रखी गई थी और अब यह युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए तैयार है। ययह सिर्फ एक संस्थान नहीं बल्कि बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मौका था दुमका के सिदो–कान्हू एयरपोर्ट पर “झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट” के उद्घाटन समारोह का का। उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह पहल राज्य को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक खास पहचान दिलाएगी।



पहले चरण में तैयार किए जाएंगे 30 पायलट

सीएम हेमंत ने बताया कि पहले चरण में 30 पायलट तैयार किए जाएंगे, जिनमें से 15 का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। इससे झारखंड के युवाओं को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना भविष्य बना सकेंगे। उन्होंने याद किया कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने हजारों श्रमिकों को हवाई जहाज से घर लाकर राहत दी थी। अब उसी वर्ग के बेटे-बेटियों को पायलट और विमान इंजीनियर बनने का मौका देकर राज्य एक नई दिशा में बढ़ रहा है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञों के साथ मिलकर ट्रेनिंग सुविधाओं का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, थ्योरी कक्षाओं, सिम्युलेटर ट्रेनिंग, फ्लाइट संचालन और आपात स्थिति प्रबंधन से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को समझा।

वादों को पूरा करने में यकीन रखती है हमारी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वादों को पूरा करने में यकीन रखती है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं। मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना इसी दिशा की एक बड़ी पहल है, जिसके तहत हर साल 25 छात्रों को विदेश भेजने का पूरा खर्च राज्य वहन करता है। इससे छात्रों को बेहतर शिक्षा और वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने का मौका मिलता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ राजधानी से नहीं बल्कि गांवों से चलने वाली सरकार है। सेवा का अधिकार कार्यक्रम इसकी मिसाल है, जिसके तहत अधिकारी गांवों और पंचायतों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और मौके पर समाधान कर रहे हैं। जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पेंशन और योजनाओं से जुड़े आवेदन शिविरों में ही निपटाए जा रहे हैं। समय पर काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

मुख्यमंत्री ने मसलिया–रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया और कहा कि यह योजना किसानों के लिए सालभर सिंचाई उपलब्ध कराएगी। इससे फसल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में सुधार होगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 190.647 करोड़ रुपये लागत की 12 योजनाओं का उद्घाटन और 123.48 करोड़ रुपये की 14 नई योजनाओं की आधारशिला रखी। साथ ही 23 लाभुकों को परिसंपत्तियों का वितरण किया गया जिनमें दिव्यांगों के लिए मोटर ट्राइसाइकिल, मोटरसाइकिल, मिनी मेडिकल यूनिट, बस, छात्रावास और वित्तीय सहयोग शामिल था। इससे लाभुकों की आजीविका और आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

इस अवसर पर सांसद नलिन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, विधायक प्रदीप यादव, विधायक लुईस मरांडी, विधायक आलोक सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीजॉयस बेसरा, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव, प्रशांत कुमार, झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के निदेशक, कैप्टन एसपी सिन्हा, इंस्टीट्यूट के ट्रेनी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।



चांडिल के होटल में फायरिंग कांड का खुलासा: तीन अपराधी गिरफ्तार, अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी

दिनांक-20/11/2025 को चांडिल थाना क्षेत्र अन्तर्गत NH-33 आसनबनी स्थित होटल टाटा ढाईवे मे कुछ अपराधकर्मियों द्वारा फायरिंग की घटना को आंजाम दिया गया था। इस संबंध में काण्ड दर्ज करते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशानुसार गठित टीम के द्वारा तकनिकी साक्ष्य एवं मानवीय आसूचना के आधार पर 1. मो० शहबाज आलम, उम्र-20 वर्ष, पिता- मंसुर आलम पता- ओल्ड पुरुलिया रोड मानगो, रोड नं0-05 थाना- आजादनगर, 2. मो0 शाहिद रजा उम्र-19 वर्ष, पिता- मो० साजीद हुसैन, पता- ओल्ड पुरुलिया रोड, रोड नं0-15 थाना- आजादनगर, 3. मो० फैजान आलम उर्फ मट्ठा उम्र-20 वर्ष, पिता- मो० अख्तर हुसैन, पता- मानगो जवाहरनगर रोड नं0-13 (ए) मोती महल गुलसनिया मस्जीद, थाना- मानगो, सभी जिला-पूर्वी सिंहभूम को गिरफ्तार किया गया। काण्ड में शामिल अन्य अभियुक्त के विरुद्ध छापामारी एवं अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।


गिरफ्तार अपराधकर्मियों का नाम एंव पताः-

1. मो० शहबाज आलम, उम्र-20 वर्ष, पिता- मंसुर आलम पता- ओल्ड पुरुलिया रोड मानगो, रोड नं0-05 थाना- आजादनगर, जिला- पूर्वी-सिंहभूम ।

2. मो० शाहिद रजा उम्र-19 वर्ष, पिता- मो० साजीद हुसैन, पता- ओल्ड पुरुलिया रोड, रोड नं0-15 थाना-आजादनगर, जिला- पूर्वी सिंहभूम ।

3. मो० फैजान आलम उर्फ मट्ठा उम्र-20 वर्ष, पिता- मो० अख्तर दुसैन, पता- मानगो जवाहरनगर रोड नं0-13 (ए) मोती महल गुलसनिया मस्जीद, थाना- मानगो, जिला- पूर्वी सिंहभूम ।

छापामारी दल में शामिल पुलिस पदाधिकारी

1. पु०अ०नि० डिल्सन विरुवा, थाना प्रभारी, वाण्डिल।

2. पु०अ०नि० सोनु कुमार, थाना प्रभारी चौका ।

3. पु०अ०नि० राहुल कुमार भारती चाण्डिल थाना।

4. पु०अ०नि० अमित कुमार चाण्डिल थाना ।

5. स०अ०नि० सीताराम मार्डी चाण्डिल थाना ।

6. स०अ०नि० अजीत मुण्डा, चाण्डिल थाना ।

7. स०अ०नि० सुरेन्द्र कुमार सिंह, चाण्डिल थाना।

8. चाण्डिल थाना सशस्त्र बल ।













Breaking