सावन मास हिन्दू धर्म में भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र समय माना जाता है। यह मास सिर्फ व्रत-उपवास नहीं, बल्कि श्रद्धा, तपस्या और आत्मशुद्धि का अवसर होता है। इस साल श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू होगा, वहीं 9 अगस्त को समापन होगा। 30 दिन में चार पावन सोमवार है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिये सावन में कठोर तप किया था। इसी महीने में शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। तभी से यह महीना शिव-शक्ति के मिलन का प्रतीक बन गया। पहला सोमवार 14 जुलाई को है। दूसरा सोमवार 21 जुलाई, तीसरा सोमवार 28 जुलाई एवं चौथा सोमवार 4 अगस्त को होगा। इन चारों सोमवार को व्रत, जलाभिषेक, शिव चालीसा और मंत्र-जाप करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। सावन में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के गांव-गांव से कांवड़ यात्रा का सिलसिला शुरू होता है। शिवालयों में हरहर महादेव की गूंज, बेलपत्र की खुशबू और भक्तों का उत्साह।
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