जमशेदपुर : झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा है कि मौजूदा जीएसटी व्यवस्था से राज्य को हर साल लगभग 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष वित्तीय पैकेज देने की मांग की है। शनिवार को जमशेदपुर के परिषदन भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल के हालिया फैसले स्वागत योग्य हैं, लेकिन इनका फायदा झारखंड के गरीब तबके तक नहीं पहुंच रहा है।
स्टील-कोयले से फायदा दूसरों को .......उन्होंने कहा कि झारखंड में स्टील और कोयले का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है, लेकिन इसकी खपत मुख्य रूप से अन्य राज्यों में होती है। ऐसे में टैक्स का लाभ उन राज्यों को मिलता है और झारखंड को घाटा उठाना पड़ता है। इसे उन्होंने “असंतुलित व्यवस्था” बताते हुए सुधार की मांग की।
गरीबों को राहत नहीं .....किशोर ने दूध, पनीर और पराठा पर जीएसटी हटाने के फैसले का स्वागत किया, लेकिन कहा कि झारखंड के गरीब तो मुख्य रूप से मड़ुआ और मकई पर निर्भर हैं। इन खाद्य पदार्थों पर कोई राहत नहीं दी गई है।
केंद्र से पैकेज की मांग......वित्त मंत्री ने कहा, “झारखंड की प्राथमिकता है कि योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। लेकिन मौजूदा जीएसटी ढांचा राज्य के हित में नहीं है। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि 2000 करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान की भरपाई के लिए झारखंड को विशेष राहत पैकेज दे।”
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