पश्चिम सिंहभूम: समुदाय ने खुद की पहल पर आयोजित किया कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर हुई चर्चा किया गया,बासाहातू,विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर बासाहातू, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री सिद्धार्थ होंहागा उपस्थित हुए, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य यमुना तियू, डॉ. पार्वती (सीएचसी खूँटपानी), श्रीमती नीता तियू (मध्य विद्यालय बाचोमहातू की शिक्षिका) और सुश्री किसनी बोइपाई (युवा मैत्री केंद्र की काउंसलर) मौजूद रहीं।यह कार्यक्रम पूरी तरह समुदाय द्वारा संचालित था, जिसका उद्देश्य लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को साझा करने और एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम में बताया गया कि समुदाय के प्रशिक्षित युवा, जिन्हें "सुकू दुखू साथी” कहा जाता है, हर महीने “सुकू दुखू बैठकी” आयोजित करते हैं। इन बैठकों में लोग खुलकर अपने मन की बात रखते हैं, और जिन लोगों को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें इलाज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
वक्ताओं ने कहा कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जो भेदभाव और कलंक हैं, उन्हें समाप्त करने के लिए इस तरह के प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। यह पहल लोगों को सम्मानजनक और खुशहाल जीवन जीने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर रही है।कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि इसका संचालन और आयोजन स्वयं उन लोगों ने किया जो कभी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से गुजर चुके थे। उनकी सक्रिय भागीदारी ने पूरे कार्यक्रम को प्रेरणादायक और संवेदनशील बना दिया।
मुख्य अतिथि सिद्धार्थ होनहागा के द्वारा ग्रामीण को संबोधित करते हुए कहा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पूरे विश्व भर में में मनाया जा रहा है, इस कार्यक्रम के तहत लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है जो मानसिक स्थिति से गुजर रहे हैं उन लोगों को नजदीकी अस्पताल जाकर इलाज करने की सलाह भी दी जा रही है, प्रमुख ने ग्रामीण जनताओं को यह भी कहा स्वस्थ रहने के लिए नशा जैसी बुराइयों को भी त्यागना चाहिए। जागरूक होने के साथ-साथ अंधविश्वास जैसे घातक समस्याओं को भी त्यागना चाहिए ओझा गुनी पूजा पाठ चक्कर में नहीं रहना चाहिए।कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने समुदाय के प्रयासों की सराहना की और आगे भी इस पहल को जारी रखने का आग्रह किया। मौके पर उपस्थित एकजुट संस्था के कार्यकारिणी सदस्य सावित्री बानरा,नानिका बानरा, बुधन हाईबुरु,कुंती देवी, वीरसिंह, कमला पान ,रश्मि आदि काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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