वन विभाग की मंजूरी बनी बड़ी बाधा: आप्त सचिव का बयानएनएच-33 की जर्जर स्थिति पर सियासत तेज
चांडिल में एनएच-33 की मरम्मती को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। झामुमो ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ पर दिखावटी पहल का आरोप लगाते हुए सड़क मरम्मत में हो रही देरी पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं मंत्री के आप्त सचिव ने वन विभाग की अनुमति को बड़ी बाधा बताया है।
चांडिल गोलचक्कर से पाटा टोल प्लाज़ा तक एनएच-33 की हालत लगातार खराब होती जा रही है। झामुमो के जिला सचिव बैद्यनाथ टुडू ने आरोप लगाया कि मंत्री ने बीते दिनों चांडिल दौरे के दौरान एनएचआई अधिकारियों को निर्देश तो दिए, लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी सड़क पर सुधार नहीं हुआ। गड्ढे जस के तस हैं और लोगों को धूल और जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है।
भाजपा नेताओं को जनता की समस्याओं से ज्यादा फोटो खिंचवाने की चिंता रहती है। सड़क मरम्मत का सिर्फ दिखावा किया जा रहा है।
इधर, सांसद संजय सेठ के आप्त सचिव ने सफाई दी है कि वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिलने के कारण मरम्मती कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक विभाग की अनुमति नहीं मिलती, एनएचआई कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
केंद्रीय राज्य और रक्षा मंत्री के आप सचिव ने बताया वन विभाग से एनओसी लंबित है, जैसे ही मंजूरी मिलेगी, मरम्मती कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
फिलहाल, चांडिलवासियों को जर्जर सड़क और जाम की समस्या से राहत पाने के लिए कुछ और इंतज़ार करना पड़ सकता है। स्थानीय लोग अब सरकार की कार्रवाई पर नज़र बनाए हुए हैं।
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