जमशेदपुर: रीगल मैदान में जारी संवाद मेले में इस वर्ष जयपुर की पारंपरिक ब्लू पॉटरी कला लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। स्टॉल नंबर 5 पर राजस्थान के कलाकार रामस्वरूप मीणा अपने साथ करीब डेढ़ सौ से अधिक खूबसूरत एवं उपयोगी उत्पाद लेकर पहुंचे हैं। इनमें कटोरे, फूलदान, गहनों के डिब्बे, कोस्टर, सजावटी टाइल्स सहित कई आकर्षक वस्तुएं शामिल हैं।
मीणा बताते हैं कि यह कला सामान्य मिट्टी से नहीं, बल्कि क्वार्ट्ज पत्थर पाउडर, कांच का चूर्ण, मुल्तानी मिट्टी, बोरेक्स और गोंद के मिश्रण से तैयार होती है। गहरे नीले और हरे रंग इसका प्रमुख आकर्षण हैं, जो इसे अन्य पॉटरी से अलग पहचान देते हैं।
ब्लू पॉटरी का इतिहास ईरान से जुड़ा है। यह कला अकबर के काल में लाहौर आई और बाद में राजा मान सिंह प्रथम के समय जयपुर पहुंची। महाराजा राम सिंह द्वितीय के शासनकाल में इसका बड़ा विकास हुआ।
आज ब्लू पॉटरी जयपुर की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है और देश-विदेश में इसकी काफी मांग है। रामस्वरूप मीणा जैसे कलाकार इस विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।










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