पकिस्तान : बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि उसने कलात और क्वेटा में दो अलग-अलग अभियानों में पाकिस्तान के 29 सुरक्षाबलों को ढेर कर दिया है। BLA ने संघर्ष जारी रखने का ऐलान भी किया है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाक सेना पर हमले के बाद बयान जारी किया है। उसने कहा, क्वेटा में बीएलए की स्पेशल यूनिट फतह स्क्वाड ने पाकिस्तानी जवानों को ले जा रही बस को आईईडी से निशाना बनाया है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने यह अपनी इकाई ज़ीराब के खुफिया इनपुट के बाद किया है। ज़ीराब पाक सेना को ले जा रही बस पर लगातार नजर बनाए हुए थी। बस कराची से क्वेटा जा रही थी।
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गुरुवार, 17 जुलाई 2025
JDU प्रखंड अध्यक्ष के पिता को गौशाला में घुसकर का’ट डाला
बिहार में अपराधियों का उत्पात एक बार फिर से बढ़ता नजर आ रहा है। राजधानी पटना के पारस अस्पताल में घुसकर बदमाशों ने एक कैदी की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, रोहतास जिले के सासाराम में बेखौफ अपराधियों ने युवा जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रखंड अध्यक्ष राकेश कुमार उर्फ भोला के पिता पारसनाथ सिंह की धारदार हथियार से हत्या कर दी।
गौशाला में हत्या, इलाके में सनसनी
घटना सासाराम के तिलौथू प्रखंड अंतर्गत अमरा गांव की है। मृतक पारसनाथ सिंह ने दो महीने पहले गांव में एक गौशाला बनाई थी, जहां वे मवेशियों की देखरेख करते थे। इसके साथ ही वे समय मिलने पर ऑटो-रिक्शा भी चलाते थे। अज्ञात अपराधियों ने गौशाला में ही उनकी धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
पारसनाथ सिंह के तीन बेटों में सबसे बड़े राकेश कुमार जदयू के प्रखंड अध्यक्ष हैं। हत्या की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनकी बीवी शांति देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों के अनुसार पारसनाथ सिंह का कुछ लोगों से जमीन संबंधी विवाद चल रहा था, जिसे हत्या की संभावित वजह माना जा रहा है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे की असली वजह का खुलासा नहीं किया है।
पुलिस ने शुरू की गहन जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। DSP वंदना मिश्रा स्वयं स्पॉट पर पहुंचीं और जांच शुरू की। उनके साथ फॉरेंसिक साइंस लेबल (FSL) की टीम भी मौके पर पहुंची, जो घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने में लगी है। पुलिस सभी संभावित पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है और अपराधियों की तलाश में जुटी है।
राँची:झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस 23 जुलाई को राजभवन में शपथ लेंगे
हिमाचल प्रदेश के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान 23 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद की शपथ लेंगे। राजभवन में 23 जुलाई को सुबह दस बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा।झारखंड हाईकोर्ट ने 23 जुलाई को शपथग्रह के आयोजन के लिए राजभवन को पत्र भेजा था। इसके बाद से शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गयी है।
जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी की* *राजनीति विज्ञान छात्राओं को* *नेचर संस्था द्वारा पंचायती* *राज व्यवस्था विषय पर* *इंटर्नशिप करने का सुनहरा अवसर*
* नेचर संस्था द्वारा बागबेड़ा जिला परिषद क्षेत्र मे राजनीतिविज्ञान की 75 छात्राओं को पंचायती राज व्यवस्था विषयक इंटर्नशिप कराया जा रहा है। ये सभी छात्राएं प्राध्यापक सह जिला पार्षद डॉ कविता परमार के मार्गदर्शन में अपना इंटर्नशिप कर रही हैं। पंचायत की संरचना, कार्यपद्धति के साथ साथ त्रिस्तरीय व्यवस्था को जानने, समझने का अवसर प्रदान किया जाएगा। छात्राओं की कक्षाएँ अनुग्रह नारायण सिंह शिक्षण एवं सेवा संस्थान में कराई जा रही हैं जहाँ विभिन्न विषयों के ट्रेनर द्वारा जानकारी दी जाएगी। बागबेड़ा जिला परिषद क्षेत्र के अलग अलग पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, के साथ अलग अलग पंचायतों के कार्य पद्धति और व्यवस्था को देखने और समझने का अवसर दिया जाएगा।
पर्यावरण से संबंधित जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
डॉ कविता परमार ने बताया कि छात्राएं पंचायती व्यवस्था को जानने और समझने के लिए बहुत इच्छुक हैं। आशा है कि उनका यह इंटर्नशिप भविष्य में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के साथ साथ कैरियर में भी सहयोगी साबित होगा।
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बुधवार, 16 जुलाई 2025
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आज 16 जुलाई को दिवंगत पत्रकार शेख अलाउद्दीन की पुण्य तिथि को हुए एक वर्ष..... बेटी ने लिखी पिता के लिए संदेश.... पढ़े
आज यानि 16 जुलाई को दिवंगत पत्रकार शेख अलाउद्दीन की पुण्य तिथि है। एक वर्ष पूर्व आज के दिन ही उनकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस क्षेत्र की समस्याओं को अपनी लेखनी के माध्यम से उठाने वाले स्वर्गीय शेख अलाउद्दीन हम सब से सदा के लिए जुदा हो गए थे। उनकी याद में उनकी पुत्री शबाना ने अपनी इन पंक्तियों में अपनी भावना को उजागर किया है प्रस्तुत है उनके अंश
एक बेटी की कलम से
मरहूम शेख अलाउद्दीन
की पुण्य तिथि 16 जुलाई पर विशेष
कलम का सिपाही
आंखों में सूरज सा तेज ,
होठों पर निश्चल मुस्कान।
अपनी कर्मठता और साहस से ,
बनाया था खुद की पहचान ।
किसान के घर जन्म हुआ,
किंतु मन को ना भाई किसानी।
हाल छोड़ कलम को पकड़ा,
कलम को सौंपा अपनी जिंदगानी।
उद्देश्य नहीं था धन कमाना,
न ही शोहरत उनको पाना था।
जन-जन की आवाज को,
कलम के माध्यम से उठाना था।
काम भी ऐसा चुना जो था,
पग-पग पर संघर्षों से भरा।
फिर भी संघर्षों से ना कभी डरे,
हमेशा धैर्य का दामन धरा।
पूस की ठंडी रात हो या जेठ की दोपहरी,
या फिर हो सावन की झमाझम बरसात।
हर मौसम की मार को झेलकर,
अपने कर्तव्य पथ पर चले दिन रात।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ को,
बरसों पहले ही अमल में लाया था।
जब समाज से लड़कर अपनी बेटी को,
गांव की पहली शिक्षित बेटी बनाया था।
बेटियां शिक्षित होगी तभी तो,
शिक्षित होगी आने वाली पीढ़ियां।
यह बात लोगों को समझ कर,
तोड़ा था रूढ़ियों की बेड़ियां।
आरंभ में लोगों का उपहास मिला,
अपनों का भी तिरस्कार मिला।
फिर भी अपने पथ पर अटल रहे,
जैसे कोई पुरस्कार मिला।
कलम के साथ दी पूरी जवानी,
फिर आया उम्र का अंत पड़ाव।
फिर भी अपने कर्म में लग रहे,
ना आया उत्साह में कोई ठहराव।
बच्चों ने बहुत समझाया,
छोड़ो यह संघर्ष भरा काम।
हमको सेवा का मौका दो,
घर पर रहकर करो आराम।
बच्चों से फिर हंस कर कहते,
ना बांधो हो मुझ पर उम्र की सरहद।
काम छोड़ में वैसा हो जाऊंगा,
जैसा अपनी जगह से हटकर बूढ़ा बरगद।
अपने अंत समय तक भी,
कर्तव्य पथ पर रहे समर्पित।
हंसते-हंसते शान से अपनी ,
सांसों को कर दिया था अर्पित।
मृत्युशैय्या पर थे होकर लहूलुहान,
फिर भी साहस था सागर सा गहरा।
दुनिया से जाते-जाते भी,
अपने साहस का परचम दिया था फहरा।
जग में छोड़ गए वह अपने आदर्श,
उनको अब अमर करेगी आने वाली पीढ़ियां।
हमेशा अब चलती रहेगी,
उनके उच्च आदर्शों की लंबी कड़ियां।