सरायकेला खरसावां जिले चांडिल प्रखंड के चैनपूर उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह को लेकर उठे जबरन वसूली के आरोपों का छात्रों और विद्यालय प्रबंधन ने खंडन किया है। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रकाश मंडल ने साफ कहा कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। तीन से पाँच सितंबर तक अवकाश रहने के कारण बच्चों ने छह सितंबर को अपने स्तर से ही शिक्षक दिवस का आयोजन किया।
प्रभारी प्रधानाध्यापक के मुताबिक, कार्यक्रम की जिम्मेवारी पूरी तरह छात्रों ने खुद उठाई। सांस्कृतिक प्रस्तुति, सजावट, टेंट और साउंड सिस्टम से लेकर नाश्ते तक की व्यवस्था विद्यार्थियों ने आपसी सहमति से की। खर्च की राशि भी छात्रों ने बाल सांसद के निर्णय के अनुसार स्वेच्छा से जमा की थी, किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया।
विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष सम्पा लाहा ने भी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि शिक्षकों को बेवजह बदनाम किया जा रहा है, जबकि इस आयोजन में उनकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं रही।
वहीं कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाली नवमी की छात्रा मौसमी गोराई ने भी स्पष्ट किया कि हर साल की तरह इस बार भी छात्रों ने ही शिक्षक दिवस मनाने का निर्णय लिया था। पहली से पाँचवीं तक के बच्चों से 20 रुपये और छठवीं से नवमी तक के छात्रों से 60 रुपये लिए गए और उसी राशि से पूरा कार्यक्रम संपन्न हुआ।
गौरतलब है कि बीते दिन विद्यालय प्रबंधन के अध्यक्ष अजय प्रामाणिक ने प्रधानाध्यापक पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था। लेकिन अब खुद बच्चों ने आगे आकर साफ कर दिया है कि पूरा आयोजन उनकी जिम्मेवारी थी, शिक्षकों की नहीं।
सवाल यही है... क्या बेवजह के आरोप लगाकर बच्चों के उत्साह और शिक्षक-छात्र संबंधों को आहत किया जा रहा है?