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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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गुरुवार, 25 दिसंबर 2025

रांची: मुख्यमंत्री आवास में क्रिसमस की रौनक, CM से मिले यें

राँची : रांची स्थित CM आवास में बुधवार को क्रिसमस की खुशियों की झलक देखने को मिली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन से फादर अजीत खेस, फादर मेडॉट और मिशनरी ऑफ चैरिटी की रिजनल सुपीरियर सिस्टर जोस स्लेटा समेत सिस्टर्स के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। 

इस मौके पर सभी ने प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की खुशी में क्रिसमस पर्व मनाया और एक-दूसरे को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मुलाकात के दौरान सौहार्द और सद्भाव का संदेश भी दिया गया। CM आवास में यह मुलाकात क्रिसमस के उल्लास और आपसी भाईचारे की मिसाल बन गई।

UP- हथौड़ा-छैनी से पत्नी का काम तमाम, फिर पहुंचा थाने

UP : बागपत के खेकड़ा इलाके में बुधवार सुबह एक सनसनीखेज हत्या से हड़कंप मच गया। प्रॉपर्टी विवाद ने रिश्ते की सारी सीमायें तोड़ दीं। गुस्से में बौखलाये पति ने अपनी ही पत्नी की जान ले ली और वारदात के बाद सीधे थाने जाकर सरेंडर कर दिया। आरोपी रमन पाल (55) प्रॉपर्टी डीलर है। उसने दो साल पहले गाजियाबाद के शाह गार्डन इलाके में एक मकान खरीदा था, जिसे पत्नी संगीता (50) के नाम किया गया था। आरोप है कि संगीता ने बिना बताये वही मकान अपने ममेरे भाई राजीव के नाम कर दिया। जब पति को इसकी जानकारी हुई और उसने विरोध किया, तो पत्नी ने बाकी संपत्ति भी राजीव के नाम करने की बात कह दी। यहीं से विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया।


बुधवार सुबह रमन पाल खेकड़ा पहुंचा, जहां दोनों के बीच तीखी बहस हुई। गुस्से में रमन ने संगीता को बेतरह मारा-पीटा। फिर हथौड़ा-छैनी से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग पहुंचे, लेकिन तब तक सब खत्म हो चुका था। इसके बाद रमन पाल सीधे थाने पहुंचा और पुलिस से कहा कि उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। पुलिस मौके पर पहुंची, जांच की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फॉरेंसिक टीम और आला अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। दोनों के एक बेटा और एक बेटी हैं, दोनों शादीशुदा हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पूरे मामले की जांच जारी है।

राँची: बड़ा फैसला, इतने बच्चे वाले नहीं लड़ पायेंगे नगर निकाय चुनाव

राँची : झारखंड में आगामी नगर निकाय चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा सख्त कदम उठाया है। अब दो से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इतना ही नहीं, हर प्रत्याशी को नामांकन के वक्त शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा कि तय कट-ऑफ तिथि तक उसके केवल दो ही बच्चे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस नियम को सख्ती से लागू कराने के निर्देश सभी जिलों को जारी कर दिये हैं। आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने बताया कि नगर विकास विभाग की पहले जारी चिट्ठी के आधार पर यह फैसला लागू किया जा रहा है और किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जायेगी।


चुनावी तैयारियां तेज: आयोग ने साफ किया है कि सभी जिलों में वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और रिपोर्ट भी मिल चुकी है। जल्द ही चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए सभी जिलों के डीसी-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जायेगी। आरक्षण के चलते अगर कोई उम्मीदवार अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पा रहा है, तो उसे राहत दी गई है। नगर निगम क्षेत्र का वोटर किसी भी वार्ड से चुनाव लड़ सकता है, बशर्ते उस वार्ड में लागू आरक्षण नियमों का पालन करना होगा।

सच निकलीं बाबा वेंगा की डरावनी भविष्यवाणियां, नये साल और डरावनी

साल 2025 अपनी विदाई की ओर है, लेकिन जाते-जाते यह साल अपने साथ डर, तबाही और अनसुलझे सवाल छोड़ गया है। प्राकृतिक आपदाओं से कराहती दुनिया को देखकर अब एक नाम फिर सुर्खियों में है, बाबा वेंगा। जिनकी भविष्यवाणियों को कभी कोरी कल्पना कहा गया, आज वही बातें लोगों की रूह कंपा रही हैं। साल 2025 के खत्म होते-होते दुनिया के कई देशों में भयानक प्राकृतिक आपदायें भूकंप, बाढ़ और मौसम का विकराल रूप ने तबाही मचा दी। बाबा वेंगा ने सालों पहले चेताया था कि 2025 में प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखायेगी। अब जब धरती कांपी, शहर डूबे और जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ, तो माना जाने लगा कि बाबा वेंगा की यह भविष्यवाणी सच साबित हो गई। दृष्टिहीन होते हुये भी भविष्य देखने का दावा करने वाली बल्गेरिया की रहस्यमयी महिला जिनकी भविष्यवाणियों ने 9/11, सुनामी, वैश्विक संकट जैसी घटनाओं से पहले ही दुनिया को चौंका दिया था।



2026: डर का साया और गहरा

2025 की घटनाओं के बाद अब नजरें टिकी हैं 2026 की भविष्यवाणियों पर, जो और भी ज्यादा भयावह बताई जा रही हैं। बाबा वेंगा के अनुसार 2026 में भयानक युद्ध की आशंका है। देशों के बीच बड़े टकराव हो सकते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मानव का एलियंस से संपर्क हो सकता है। यही वजह है कि लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं क्या 2026 भी डर की नई इबारत लिखेगा? एक बात तय है जब भविष्य की बात आती है, तो बाबा वेंगा का नाम आज भी लोगों की धड़कनें तेज कर देता है।

न्यू दिल्ली: H-1B वीजा की लॉटरी खत्म, अब हुनर और मोटी सैलरी

न्यू दिल्ली : अमेरिका जाने का सपना संजोये बैठे लाखों भारतीय IT और तकनीकी पेशेवरों के लिये यह खबर चौंकाने वाली है। अमेरिका ने H-1B वीजा की रैंडम लॉटरी प्रणाली को खत्म करने का फैसला कर लिया है। अब किस्मत नहीं, कौशल और वेतन तय करेगा कि किसे अमेरिका में काम करने का मौका मिलेगा। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस बड़े फैसले के तहत अब ज्यादा कुशल और ज्यादा वेतन पाने वाले विदेशी पेशेवरों को प्राथमिकता दी जायेगी। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के अनुसार, यह नया नियम 27 फरवरी 2026 से लागू होगा और वित्त वर्ष 2027 के H-1B पंजीकरण में पहली बार इसका इस्तेमाल किया जायेगा।



लॉटरी सिस्टम खत्म, अब ‘वेटेड सिस्टम’

अब तक H-1B वीजा का चयन पूरी तरह रैंडम लॉटरी से होता था। यानी, योग्यता समान होने पर भी किसे वीजा मिलेगा, यह किस्मत पर निर्भर करता था। लेकिन अब तस्वीर बदलेगी। नई ‘वेटेड प्रणाली’ के तहत उच्च कौशल, उच्च वेतन, विशेषज्ञता वाले प्रोफाइल को वीजा मिलने की संभावना ज्यादा होगी। ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि पुरानी व्यवस्था का कई कंपनियां दुरुपयोग कर रही थीं और कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों की भर्ती की जा रही थी, जिससे अमेरिकी कामगारों को नुकसान हो रहा था।

भारतीय IT प्रोफेशनल्स पर सीधा असर

H-1B वीजा पर अमेरिका जाने वालों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी भारतीयों की है, खासतौर पर IT, सॉफ्टवेयर, डेटा साइंस और इंजीनियरिंग सेक्टर से जुड़े पेशेवरों की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नये नियमों के बाद कम सैलरी वाले ऑफर, शुरुआती स्तर की नौकरियां अब H-1B पाने में पिछड़ सकती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे मिड-लेवल भारतीय प्रोफेशनल्स को सबसे ज्यादा चुनौती मिलेगी। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं (USCIS) का कहना है कि नई प्रणाली से वीजा प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी होगी। H-1B कार्यक्रम की विश्वसनीयता बढ़ेगी। अमेरिकी नियोक्ता बेहतर टैलेंट को ज्यादा वेतन पर रखने के लिये प्रेरित होंगे। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धी क्षमता मजबूत होने का दावा किया जा रहा है।

पहले से सख्त हैं नियम

H-1B वीजा को लेकर सख्ती पहले ही बढ़ चुकी है। नये आवेदनों पर 1 लाख डॉलर तक अतिरिक्त शुल्क लगेगा। 15 दिसंबर से H-1B और H-4 वीजा की कड़ी जांच होगी। सोशल मीडिया प्रोफाइल की भी जांच होगी। इन सख्त कदमों का असर भारत में साफ दिख रहा है। कई वीजा इंटरव्यू टल चुके हैं, वीजा स्टैंपिंग के लिये भारत आये लोग महीनों से फंसे हुये हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि “वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक सुविधा है।” हर आवेदन की राष्ट्रीय और सार्वजनिक सुरक्षा के नजरिये से गहन जांच की जा रही है। हर साल अमेरिका 65,000 H-1B वीजा और 20,000 अतिरिक्त वीजा (अमेरिकी यूनिवर्सिटी से उच्च डिग्री वालों के लिये) जारी करता है। लेकिन नये नियम लागू होने के बाद H-1B पाना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल और प्रतिस्पर्धी होने वाला है। कहने का मतलब साफ है कि अब अमेरिका जाने का रास्ता किस्मत से नहीं बल्कि कौशल, अनुभव और मोटी सैलरी से खुलेगा। भारतीय युवाओं के लिये यह साफ संकेत है कि अगर अमेरिका जाना है, तो खुद को ‘हाई-वैल्यू प्रोफेशनल’ बनाना ही होगा।

बिहार के स्टूडेंट का नोएडा में क्या हुआ हाल

UP : कभी जिन आंखों में इंजीनियर बनने के सपने पलते थे, उन्हीं आंखों की रोशनी मंगलवार की शाम हमेशा के लिये बुझ गई। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क क्षेत्र में स्थित दिल्ली टेक्निकल कॉलेज (DTC) के एक बीटेक छात्र ने कथित तौर पर पढ़ाई के दबाव और मानसिक तनाव से टूटकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार शाम जब हॉस्टल के कमरे का दरवाजा खुला, तो अंदर का मंजर देखकर हर किसी की रूह कांप उठी, छात्र का शव पंखे से फंदे के सहारे झूल रहा था। पुलिस के मुताबिक मृतक छात्र की पहचान आकाशदीप के रूप में हुई है। वह मूल रूप से बिहार के गया का रहने वाला था और नॉलेज पार्क स्थित DTC कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। आकाशदीप कॉलेज के पास ही एसएनएच रेसिडेंसी हॉस्टल में अपने दोस्तों के साथ रह रहा था। घर से दूर रहकर वह अपने सपनों को पंख देने की कोशिश में लगा था, लेकिन शायद हालात उससे कहीं ज्यादा भारी पड़ गये।


कमरे से नहीं निकला, तो खुला राज: मंगलवार शाम काफी देर तक जब आकाशदीप अपने कमरे से बाहर नहीं निकला, तो हॉस्टल कर्मचारियों और दोस्तों को शक हुआ। कई बार आवाज दी गई, दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं आया। आखिरकार दरवाजा खोला गया। अंदर का नजारा देखते ही कर्मचारियों के होश उड़ गये। बिना देर किये पुलिस को सूचना दी गई।

“पढ़ाई का दबाव सह नहीं पाया”: पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। नोट में आकाशदीप ने साफ शब्दों में लिखा है कि वह पढ़ाई के दबाव और मानसिक तनाव से पूरी तरह टूट चुका था। उसने यह भी लिखा कि उसकी मौत के लिए कोई व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाये। बताया जा रहा है कि छात्र के सेमेस्टर एग्जाम चल रहे थे, लेकिन मंगलवार को वह परीक्षा देने नहीं पहुंचा था। मौके पर पहुंची पुलिस हर बिंदु पर गहराई से तहकीकात कर रही है। वहीं, सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिये भेजा गया है। हॉस्टल वार्डन, दोस्तों और कॉलेज प्रशासन से पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। घटना की सूचना छात्र के परिजनों को दे दी गई है।

रांची में अवैध कफ सिरप नेटवर्क पर बड़ी रेड, SIT की कार्रवाई से हड़कंप

रांची में अवैध कफ सिरप कारोबार को लेकर पुलिस ने सनसनीखेज कार्रवाई की है। SIT ने तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया स्थित सैली ट्रेडर्स के तीन ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी कर पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। रेड में पुलिस के हाथ अहम दस्तावेज, ब्लैंक चेक और दो हथियार लगे हैं। छापेमारी सैली ट्रेडर्स की दुकान, गोदाम और कर्मचारियों के किराये के मकान पर की गई। गोदाम से मिले कागजात ने इंटरस्टेट मनी ट्रेल और कफ सिरप सप्लाई नेटवर्क की पोल खोल दी है। शुरुआती जांच में नेटवर्क के तार बंगाल और यूपी से जुड़े मिले हैं।



खास बात यह है कि सैली ट्रेडर्स पहले भी ED की रडार पर रह चुका है, जहां बांग्लादेश और नेपाल तक कनेक्शन सामने आये थे। अब रांची पुलिस उसी नेटवर्क की गहराई से जांच में जुटी है। SSP के निर्देश पर बनी SIT का कहना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है, आने वाले दिनों में बड़े खुलासे और गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।

महाराष्ट्र: BMC चुनाव में बड़ा सियासी धमाका, 20 साल बाद साथ

महाराष्ट्र की राजनीति में बुधवार को बड़ा मोड़ आया, जब 20 साल बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर नजर आये। शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मिलकर BMC चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों भाइयों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की घोषणा की। उद्धव ठाकरे ने मराठी अस्मिता को केंद्र में रखते हुये भाजपा के नारे पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अगर अब चूक गये, तो खत्म हो जाओगे। मराठी समाज अगर बंटा, तो नुकसान तय है।” साथ ही चेतावनी दी कि महाराष्ट्र या मुंबई पर बुरी नजर डालने वालों की सियासत खत्म कर देंगे।


राज ठाकरे ने इसे महाराष्ट्र की जरूरत बताया और कहा कि “इस गठबंधन का राज्य लंबे समय से इंतजार कर रहा था।” सीटों और आंकड़ों पर उन्होंने अभी पत्ते नहीं खोले। महाविकास अघाड़ी पर उद्धव ने तंज कसते हुये कहा कि जब सारे दल बाहर जा चुके हैं, तब भी अगर कोई उसे ‘अटूट’ कहे, तो क्या ही कहा जाये। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने साफ कहा कि यह एकजुटता भाजपा को सबक सिखाने और मुंबई में कथित लूट रोकने के लिए है। वहीं कांग्रेस ने गठबंधन के समय और मंशा पर सवाल खड़े किये। कुल मिलाकर, ठाकरे बंधुओं की सुलह ने बीएमसी चुनाव से पहले सियासी तापमान बढ़ा दिया है।

भारत: स्टेशन बोर्ड पर लिखे इन तीन शब्दों का मतलब जानें

भारत में रेल सफर आम आदमी की जीवनरेखा है। सुबह की पहली ट्रेन से लेकर रात की आखिरी सीटी तक, हर दिन करोड़ों लोग पटरियों पर अपनी उम्मीदें रखकर सफर करते हैं। लेकिन इसी सफर में, स्टेशन के बोर्ड पर लिखे कुछ शब्द अक्सर यात्रियों को सोच में डाल देते हैं, जंक्शन, सेंट्रल, टर्मिनल…आखिर इन नामों का मतलब क्या है? हर स्टेशन के नाम के साथ इन्हें क्यों जोड़ा जाता है? रेलवे सूत्रों के मुताबिक, स्टेशन के नाम के साथ जुड़े ये शब्द उसकी परिचालन भूमिका और नेटवर्क में अहमियत बताते हैं। यानी स्टेशन सिर्फ जगह नहीं, एक जिम्मेदारी भी होता है।रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इन शब्दों का उद्देश्य यात्रियों को स्टेशन की स्थिति, उसकी भूमिका और महत्व की साफ जानकारी देना है, ताकि सफर के दौरान कोई उलझन न हो, कोई भ्रम न रहे।

‘जंक्शन’—जहां रास्ते मिलते हैं

जंक्शन स्टेशन वह होता है, जहां दो या उससे अधिक रेलवे लाइनें आपस में मिलती हैं। ऐसे स्टेशनों से ट्रेनों के कई रूट निकलते हैं। यात्री एक ही स्टेशन से अलग-अलग दिशाओं में सफर कर सकते हैं। रांची जंक्शन, धनबाद जंक्शन, मथुरा जंक्शन, प्रयागराज जंक्शन, वाराणसी जंक्शन, रेलवे व्यवस्था के ऐसे ही बड़े केंद्र हैं, जहां हर समय आवाजाही बनी रहती है।

‘सेंट्रल’—शहर का दिल

सेंट्रल स्टेशन किसी शहर का सबसे प्रमुख और व्यस्त स्टेशन होता है। आमतौर पर यही स्टेशन शहर का सबसे पुराना और प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्र होता है। लंबी दूरी और प्रमुख ट्रेनों का संचालन यहीं से होता है। मुंबई सेंट्रल और कानपुर सेंट्रल इस श्रेणी के सबसे चर्चित उदाहरण हैं।

‘टर्मिनल’—जहां सफर थमता है

टर्मिनल स्टेशन वह होता है, जहां किसी ट्रेन की यात्रा शुरू होती है या समाप्त। इन स्टेशनों के आगे रेलवे ट्रैक नहीं होता, ट्रेन वहीं आकर अपनी रफ्तार थाम लेती है। यहां सफर खत्म भी होता है और नई यात्रा की शुरुआत भी।



सरायकेला के आसपास के क्षेत्रों मे प्रभु ईसा मसीह की जन्मदिन बड़ी उत्साह के साथ मनाई

सरायकेला के आसपास के क्षेत्र में गुरुवार को प्रभु ईसा मसीह की जन्मदिन बड़ी उत्साह के साथ मनाई गई। सरायकेला के ईएलएफ चर्च पास्टर सिलवानुश भुईंया के नेतृत्व में क्रिसमस गैदरिंग का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए ईसाई समुदाय के लोग शामिल हुए ।


इस अवसर पर पास्टर सिलवानुश भुईंया ने प्रभु यीशु के जीवनी और उनका संसार पर अवतरण का उद्देश्य पर बच्चों को जानकारी दी ।मौके पर प्रार्थना सभा एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए जिसमें बच्चे झुमने लगे।









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