मंडी :मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई। भूस्खलन में 18 परिवारों के घर और मवेशी दब गए। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया जिससे 50 लोगों की जान बची। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई।
धर्मपुर के स्याठी में बादल फटने से हुआ नुकसान
जिला मंडी के धर्मपुर उपमंडल की लौंगणी पंचायत के स्याठी गांव में मंगलवार तड़के बादल फटने से पहाड़ी पर हुए भूस्खलन ने पूरे गांव को तहस-नहस कर दिया। अनुसूचित जाति समुदाय के लगभग 18 परिवारों के घर, गौशालाएं, मवेशी और संपूर्ण घरेलू संपत्ति मलबे में समा गई। यह गांव पिछले दस वर्षों से प्रशासन से सुरक्षित भूमि पर पुनर्वास की मांग कर रहा था, परंतु लगातार अनदेखी के कारण आज पूरा गांव उजड़ गया।
गांव के बुजुर्ग धनदेव ने तड़के बिजली की कड़क व चट्टानों के गिरने की आवाज सुनकर तत्काल सभी ग्रामीणों को जगाया और एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस सतर्कता और साहसिक कदम के कारण लगभग 50 लोगों की जान बच गई। कुछ ही पलों में पूरी पहाड़ी दरक गई और पूरा गांव मलबे में दब गया।
10 मकान व कई मवेशी दबे
भूस्खलन इतना भयंकर था कि लगभग दस मकान, पांच गौशालाएं, 20 खच्चर, 30 बकरियां, आठ भेड़ें और पांच भैंसें मलबे में दब गईं। साथ ही दोपहिया वाहन, घरों का सामान, फर्नीचर, कपड़े, बर्तन और जेवरात भी नष्ट हो गए। प्रारंभिक आकलन में दो से तीन करोड़ रुपये तक की संपत्ति के नुकसान की बात कही जा रही है।
स्कूल व मंदिर में ठहराए प्रभावित
प्रभावितों को पास के एक स्कूल व माता जालपा मंदिर (स्याठी-त्रियाम्बला) में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। स्थानीय पंचायत, महिला मंडल और ग्रामीणों के सहयोग से उनके लिए भोजन और बिस्तर की व्यवस्था की गई। घटना की सूचना मिलते ही पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल, तहसीलदार रमेश कुमार और एसएचओ धर्मपुर को सूचित किया।
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