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रविवार, 3 अगस्त 2025

ACP/MACP लाभ से वंचित विश्वविद्यालय कर्मियों में आक्रोश, महासंघ ने आंदोलन की दी चेतावनी*

राँची/जमशेदपुर। झारखंड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विश्वविद्यालय कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। महासंघ का कहना है कि न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कर्मचारियों को ACP/MACP (वार्षिक प्रगति आधारित पदोन्नति) का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

महासंघ ने जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि सरकार की उदासीनता और विरोधी रवैये के कारण विश्वविद्यालय और महाविद्यालय कर्मचारियों को उनका हक़ नहीं मिल पा रहा है। महासंघ ने बिहार सरकार के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि अविभाजित बिहार में विश्वविद्यालय कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों के समकक्ष माने जाते थे, फिर झारखंड राज्य बनने के बाद यह दर्जा कैसे बदल सकता है?

महासंघ के अनुसार, बिहार में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार विश्वविद्यालय कर्मियों को ACP/MACP का लाभ दिया जा रहा है, तो फिर झारखंड में इसे लागू करने में सरकार आनाकानी क्यों कर रही है? राज्य के विश्वविद्यालय कर्मचारियों को वेतनमान और सेवा शर्तों में सरकारी कर्मियों के समकक्ष माना गया है, तो फिर केवल इस लाभ से वंचित रखना न्याय के विरुद्ध और पक्षपातपूर्ण है।

महासंघ ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस मुद्दे पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती है, तो कर्मचारी महासंघ को आंदोलनात्मक रास्ता अपनाना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से तत्काल ACP/MACP लाभ देने की प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग की।

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संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में महासंघ के अध्यक्ष श्री धीरेन्द्र कुमार राय, महामंत्री श्री विश्वम्भर यादव, उपाध्यक्ष श्री संतोष कुमार, संयुक्त सचिव श्री वेद प्रकाश शुक्ला, पूर्व संयुक्त सचिव श्री एस० एन० पाण्डेय, कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष श्री रमेशचंद्र ठाकुर, प्रक्षेत्रीय सचिव श्री चन्दन कुमार, राँची विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय सचिव श्री सुनील कुमार यादव, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय सचिव श्री नेतलाल मुर्मू, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के श्री रविदास जी, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्री गंगाधर नाग, सचिव श्रीमती सीमा तिर्की, उपाध्यक्ष श्री चैतन्य शिरोमणि, एवं श्री जय किशोर प्रसाद ने हस्ताक्षर किए हैं।

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